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संसद के शीतकालीन सत्र की आज होगी हंगामेदार शुरुआत, विपक्ष उठायेगा ये मुद्दे
आज से संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो रही है। तकरीबन 30 सालों से एनडीए से जुड़ी रही शिनसेना इस बार विपक्ष की ओर से केंद्र सरकार को अपने सवालों से घेरेगी।
आज से संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो रही है। तकरीबन 30 सालों से एनडीए से जुड़ी रही शिनसेना इस बार विपक्ष की ओर से केंद्र सरकार को अपने सवालों से घेरेगी। इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि, दोनों ही सदनों में शिवसेना के विपक्षी बेंच में बैठने की व्यवस्था की होगी। गौरतलब है कि, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद शिवसेना ने राजग से दूरी बना ली है। पार्टी के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत पिछले सप्ताह ही मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं।
विपक्ष ने बढ़ाई अपनी ताकत
वहीं इस शीतकालीन सत्र से पहले विपक्ष ने अपनी संख्या को बढ़ा लिया है और ने इसी के साथ ही संयुक्त विपक्ष ने लोकसभा में 200 का आंकड़ा पार कर चुकी है, जहां संख्या की कमी के चलते विपक्ष के नेता का पद खाली है।
लोकसभा में विपक्ष के कितने सांसद
बता दें कि शिवसेना के लोकसभा में 18 सांसद हैं और वहीं राज्यसभा में 3 सांसद हैं। महाराष्ट्र में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है और वहां पर अभी सरकार बनाने की कोशिशें जारी है। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और शिवसेना की बात चल रही है। लोकसभा वेबसाइट के मुताबिक, डीएमके के लोकसभा में 24, कांग्रेस के 52, तृणमूल कांग्रेस (TMC) के 22 और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 22 सांसद हैं। वहीं शिवसेना विपक्ष की 5वीं सबसे बड़ी घटक पार्टी है।
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उठा फारुक अब्दुल्ला की हिरासत का मुद्दा
हालांकि तीन अहम पार्टियां जैसे- YSRCP, तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) और बीजू जनता दल (बीजद) तकनीती रुप से तो विपक्ष में शामिल हैं, लेकिन राजनीति के लिहाज से उनका रुख बदलता रहा है। जहां राज्यसभा में विपक्ष तेजी से अपनी पकड़ खोता जा रहा है तो वहीं शिवसेना के विपक्ष में शामिल हो जाने से विपक्ष को ताकत मिली है। संसद के शीतकालीन सत्र शुरु होने से एक दिन पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष द्वारा सरकार की ओर से जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारुक अब्दुल्ला की हिरासत का मुद्दा उठाया गया।
वित्तमंत्री पी चिदंबरम को भी शामिल करने की बात
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने और राज्य के पुनर्गठन के बाद से ही फारुक अब्दुल्ला, और दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती नजरबंद हैं। राज्यसभा में सर्वदलीय बैठक के बाद विपक्ष के नेता गुलाब नबी आजाद ने कहा कि, फारुक अब्दुल्ला को संसद सत्र में हिस्सा लेने की अनुमति मिलनी चाहिए। साथ ही जेल में बंद चल रहे पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम को भी कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति देने की बात रखी गई।
शिवसेना-कांग्रेस के साथ कर सकती है गठबंधन
बीजेपी की पूर्व सहयोगी पार्टी शिवसेना के बारे में संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि, शिवसेना अब कांग्रेस के साथ गठबंधन बनाने पर काम कर रही है। शिवसेना ने विपक्ष में बैठने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि, हम इस पर सहमत हैं और उनके मंत्री भी सरकार से इस्तीफा दे चुके हैं। सोमवार को शुरु होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले पीएम मोदी ने रविवार को आहूत सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लिया।
उठेंगे ये मुद्दे
आज से शुरु होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष केंद्र सरकार को घेरेगा। सत्र शुरु होने से पहले सरकार और विपक्ष नागरिकता संशोधन बिल, आर्थिक सुस्ती, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मामलों पर आमने-सामने हैं।
विपक्ष उठायेगा जम्मू-कश्मीर का मुद्दा
वहीं विपक्ष सरकार को जम्मू-कश्मीर की मौंजूदा स्थिति पर घेर सकता है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट से राफेल सौदे पर मिली क्लीन चिट के बाद विपक्ष पलटवार कर सकता है। शिवसेना के राजग से नाता टूटने के बाद इस बार संसद का रुख बदला बदला सा होगा।
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इस बार विपक्ष ने आर्थिक सुस्ती के चलते जो बेरोजगार के अवसरों घट रहे हैं उस पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। इसके अलावा विपक्ष सरकार को महंगाई, जम्मू कश्मीर की स्थिति, किसानों की दुरूह स्थिति जैसे मामलों पर घेरेगा।
नागरिकता संसोधन बिल पर सबकी नजर
इस सत्र में सबकी निगाहें नागरिकता संशोधन बिल पर टिकी हैं, जिसे मोदी सरकार राज्यसभा में संख्याबल के अभाव में पारित नहीं करा पाई थी। इस बिल को असंवैधानिक बताकर विपक्ष इसका लगातार विरोध कर रहा है।
जबकि सरकार इसे हर हाल में पारित कराने पर डटी है। दरअसल इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से निर्वासित-प्रताड़ित हिंदुओं, बौद्धों, सिखों और ईसाईयों को सहज नागरिकता दिये जाने का प्रावधान किया गया है।
इस पर विपक्ष का कहना है कि, इसमें मुलसमानों को शामिल नहीं करना असंवैधानिक है। सरकार इसी सत्र में बिल को पेश कर कानूनी जामा पहनाने के लिए अडिग है।
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ये बिल भी हो सकता है पास
इस संसद में नागरिकता संशोधन बिल के अलावा डाक्टरों को हिंसा से बचाने के लिए स्वास्थ्य देखभाल सेवा कार्मिक और नैदानिक प्रतिष्ठान (हिंसा एवं संपत्ति क्षति निषेध) बिल पेश किया जाएगा। इसमें डाक्टरों के खिलाफ हिंसा करने पर 10 साल तक की जेल का प्रावधान है।
इसके अलावा राष्ट्रीय नदी गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए भी बिल पेश किया जाना है। इस बिल के तहत प्रदूषण फैलाने पर 5 साल तक की जेल और 50 करोड़ रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान किया गया है। साथी ही सरकार इस सत्र में ई-सिगरेट पर पाबंदी और कॉरपोरेट टेक्स में बदलाव के लिए जारी अध्यादेश पर भी बिल पेश करेगी।
बता दें कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। रविवार को सरकार की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। जिसमें 27 दलों ने हिस्सा लिया।
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