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पीएम के संसदीय क्षेत्र में भासपा ने कराया ताकत का एहसास
वाराणसी : उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सहयोगी भारतीय समाज पार्टी ने प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जोरदार दस्तक दी। महाराजा सुहेलदेव की जयंती पर पार्टी की ओर से स्थानीय कटिंग मेमोरियल स्कूल के मैदान में एक रैली आयोजित की गई । इस मौके पर भासपा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी से गठबंधन टूटने की खबरों का खंडन किया। उन्होंने ऐलान किया कि 2019 में भी गठबंधन जारी रहेगा। हालांकि उन्होंने ये भी जोड़ा कि अगर टिकटों का बंटवारा नगर निगम चुनाव की तर्ज पर हुआ तो हमारे विकल्प खुले हुए है।
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बीजेपी से नाजुक रहे हैं रिश्ते
विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी और भासपा के बीच गठबंधन हुआ था। हालांकि नतीजों के बाद दोनों के रिश्तों में खटास आनी शुरू हो गई। खासतौर से गाजीपुर के डीएम संजय खत्री को लेकर ओमप्रकाश राजभर और बीजेपी के बीच ठन गई थी। मामला गठबंधन टूटने तक पहुंच गया था। बाद में अमित शाह और योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। लेकिन समय-समय पर ओमप्रकाश राजभर दबाव की राजनीति करते रहे। निकाय चुनाव में तो भासपा ने पूर्वांचल की कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए, जिसका प्रभाव भी नतीजों पर देखने को मिला। ओमप्रकाश राजभर का ये आरोप रहा है कि बीजेपी उन्हें खास तवज्जो नहीं देती। जबकि पिछड़ों को बीजेपी से जोड़ने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी पार्टी
सियासी पंडितों की माने तो ओमप्रकाश राजभर अभी से लोकसभा चुनाव के लिए अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने में जुट गए हैं। बनारस के बाद अब आजमगढ़, इलाहाबाद, मिर्जापुर, फैजाबाद, गोरखपुर, बस्ती और गोंडा में भी महारैली करने जा रहे हैं। सबसे आखिरी में लखनऊ में रैली होगी। ओमप्रकाश राजभर की कोशिश है कि इन रैलियों के जरिए अपने वोटरों को गोलबंद किया जाए। भासपा की ये कोशिश है कि लोकसभा चुनाव के पहले पार्टी की स्थिति को मजबूत कर बीजेपी के सामने कम से कम तीन या चार सीटों की डिमांड रखी जाए।