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पंजाब में फ्री बिजली: अब अपने वादे पर फंसी आप, बिजली विभाग के अफसरों ने खड़े किए हाथ

Punjab Politics: बिजली विभाग के अफसरों ने साफ कर दिया है कि मौजूदा समय में वे राज्य के लोगों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की स्थिति में नहीं है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shreya
Published on: 14 April 2022 5:29 PM IST
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Power Crisis in UP (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Punjab Politics: पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Elections 2022) में आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रचंड जीत में 300 यूनिट फ्री बिजली (Free Electricity) देने के वादे ने भी बड़ी भूमिका निभाई थी। इस वादे पर पार्टी ने राज्य विधानसभा की 92 सीटों पर जीत जरूर हासिल कर ली है, मगर अब इस वादे को पूरा करना मुश्किल दिख रहा है। हालांकि आप इस वादे से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है मगर बिजली विभाग (Electricity Department) के अफसरों ने इस प्रस्ताव को मानसून तक टालने की सलाह दी है। बिजली विभाग के अफसरों के रवैए से फिलहाल यह मामला ठंडे बस्ते में जाता नजर आ रहा है। अफसरों ने साफ कर दिया है कि मौजूदा समय में वे राज्य के लोगों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने की स्थिति में नहीं है।

चुनावी जीत में वादे की बड़ी भूमिका

पंजाब के विधानसभा चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी की आंधी में सभी सियासी दलों को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। दूसरे दलों के कई बड़े सियासी दिग्गज भी आप उम्मीदवारों के सामने इस बार ढेर हो गए। राज्य में फिर सरकार बनाने का सपना देखने वाली कांग्रेस सिर्फ 18 सीटों पर सिमट गई जबकि आम आदमी पार्टी को 92 सीटों पर जीत हासिल हुई है। इस जीत के पीछे राज्य के लोगों को 300 यूनिट फ्री बिजली देने के वादे को बड़ा कारण माना जा रहा है।

अब इस वादे को पूरा करना ही आप के लिए बड़ा मुश्किल साबित होता दिख रहा है। आप की चुनावी सभाओं में दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) यह ऐलान किया करते थे कि सरकार का पहला फैसला मुफ्त बिजली देने का होगा। चुनाव नतीजे की घोषणा को एक महीने से ज्यादा समय बीत चुका है मगर अभी तक इस बाबत कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है।

(कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया)

बिजली संकट गहराने की आशंका

एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) के अफसरों ने राज्य सरकार को भीषण गर्मी के मौसम में इस वादे को पूरा न करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि कोयले की किल्लत की वजह से राज्य में किसी भी समय बिजली संकट गहरा सकता है।

उनका कहना है कि इसलिए इस वादे को मानसून सत्र तक टाल दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही इस चुनावी वादे को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को 5000 करोड़ का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा। हालांकि सरकार के सूत्रों का कहना है कि मान सरकार अभी भी इस वादे को पूरा करने से कदम पीछे नहीं खींचना चाहती मगर अफसर इसके लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं।

सरकार पर बढ़ेगा आर्थिक बोझ

देश के अन्य राज्यों की तरह पंजाब में भी कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन में गिरावट आई है। बिजली विभाग के सूत्रों के मुताबिक राज्य की चार तापीय इकाइयां बंद हो चुकी हैं और इस कारण बिजली उत्पादन में 1400 मेगावाट की गिरावट दर्ज की गई है। बिजली विभाग के अफसरों का कहना है कि भीषण गर्मी और कोयले की कमी की वजह से राज्य में आने वाले दिनों में बिजली संकट और गहरा सकता है।

पीएसपीसीएल के अफसरों का कहना है कि भीषण गर्मी के इस मौसम में 300 यूनिट फ्री बिजली देने के वादे पर अमल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे संकट और ज्यादा गहरा सकता है। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पंजाब पर करीब तीन लाख करोड़ का कर्ज पहले से ही है और मुफ्त बिजली के वादे को पूरा करने के लिए सरकार को 5000 करोड़ का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा। इससे आने वाले दिनों में सरकार का आर्थिक संकट और बढ़ने की आशंका है।

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Shreya

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