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Chandigarh Power Crisis: चंडीगढ़ में बिजली संघ की हड़ताल वापस, अधिकांश क्षेत्रों में आपूर्ति सामान्य

Chandigarh Power Crisis: चंड़ीगढ़ में बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ हड़ताल पर गए बिजली संघ ने अपनी हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया है। चंड़ीगढ़ के अधिकांश इलाकों में बिजली की आपूर्ति सामान्य हो गई है।

Krishna Chaudhary
Written By Krishna ChaudharyPublished By Deepak Kumar
Published on: 23 Feb 2022 2:00 PM GMT
Power crisis in UP
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Power crisis in UP (photo : social media )

Chandigarh Power Crisis: हरियाणा (Haryana) और पंजाब (Punjab) की संयुक्त राजधानी चंड़ीगढ़ में बिजली संकट (Power Crisis In Chandigarh) अब दूर हो गई है। बिजली विभाग (electricity department) के कर्मचारियों की तीन दिवसीय हड़ताल की वजह से ठप पड़ी बिजली आपूर्ति अब सामान्य हो गई है। बिजली विभाग (electricity department) के निजीकरण के खिलाफ हड़ताल पर गए बिजली संघ ने अपनी हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया है। चंड़ीगढ़ के अधिकांश इलाकों में बिजली की आपूर्ति सामान्य हो गई है। दरअसल बिजली कर्मचारियों के हड़ताल के कारण चंड़ीगढ़ में विद्युत आपूर्ति चरमरा गई थी। स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना तक की मदद लेनी पड़ी। स्थिति को सामान्य करने के लिए सेना के जवान औऱ बिजली विभाग (electricity department) के इंजिनियर जुटे हुए हैं।

बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर काम जारी है। इस काम में सेना ने दिल्ली, जालंधर और अन्य जगहों की टीम को लगाया है। इंडियन आर्मी (Indian Army) ने एक बयान जारी कर बताया है कि अब तक 80 पावर सेंटर को बहाल कर दिया गया है। बता दें कि बिजली व्यवस्था को बहाल करने के लिए चंडीगढ़ के उपराज्यपाल ने सेना से अनुरोध किया था।

बिजली संकट की वजह

बिजली विभाग (electricity department) के कर्मचारियों की तीन दिवसीय हड़ताल की वजह से चंडीगढ़ में बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। बिजलीकर्मियों की ये हड़ताल केंद्र सरकार द्वारा चंडीगढ़ के बिजली विभाग (electricity department) के निजीकरण की फाइल को क्लीयर कर बिजली का काम निजी कंपनी एमीनेंट को देने के खिलाफ है। यूनियन का आरोप है कि प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेशों की अनदेखी कर बिजली विभाग का निजीकरण किया है। कर्मचारी इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

करीब 36 घंटे तक अंधेरे में डूबा रहा चंडीगढ़ शहर

बता दें कि बिजली कर्मचारियों के हड़ताल के कारण चंडीगढ़ को 36 घंटे ब्लैकआउट का सामना करना पड़ा। करीब 36 घंटे चंडीगढ़ शहर अंधेरे में डूबा रहा, जिससे आम जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। बिजली न होने के कारण लोगों को की तरह की समस्याओं से जुझना पड़ा। कई इलाकों में पानी की किल्लत हो गई। इससे ऑनलाइन क्लास करने वाले छात्र और वर्क फ्रॉम होम करने वाले नौकरीपेशा के लोग भी खासे परेशान हुए।

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Deepak Kumar

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