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पंजाब कांग्रेस में बढ़ी रारः डिप्टी सीएम के पद पर अड़े सिद्धू, कैप्टन सिर्फ मंत्री बनाने को तैयार

सिद्धू डिप्टी सीएम या प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं, जबकि कैप्टन उन्हें मंत्री पद से ज्यादा देने को तैयार नहीं है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Chitra Singh
Published on: 18 May 2021 8:58 AM GMT
पंजाब कांग्रेस में बढ़ी रारः डिप्टी सीएम के पद पर अड़े सिद्धू, कैप्टन सिर्फ मंत्री बनाने को तैयार
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नई दिल्ली: पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के बीच छिड़ी रार ने पार्टी हाईकमान की मुसीबत बढ़ा दी है। हाल के दिनों में सिद्धू कैप्टन पर लगातार हमले कर रहे हैं। दोनों के बीच सुलह कराने की कोशिशें अभी तक नाकाम साबित हुई है। सिद्धू डिप्टी सीएम या प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनना चाहते हैं, जबकि कैप्टन उन्हें मंत्री पद से ज्यादा देने को तैयार नहीं है। सिद्धू को मंत्री बनने के लिए रजामंद करने की कोशिश की जा रही है मगर सिद्धू इसके लिए तैयार नहीं है।

राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले वरिष्ठ नेताओं में चल रही खींचतान से पार्टी हाईकमान की चिंता बढ़ गई है। दोनों नेताओं का बड़ा सियासी कद होने के कारण पार्टी नेतृत्व दोनों में से किसी पर दबाव डालने की स्थिति में नहीं दिख रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ का कहना है कि पार्टी नेतृत्व को राज्य के सियासी हालात की पूरी जानकारी है और दोनों वरिष्ठ नेताओं का विवाद सुलझाने की कोशिश की जा रही है।

राज्य में पार्टी नेताओं के एक वर्ग का मानना है कि सिद्धू दबाव की राजनीति करने में जुटे हुए हैं ताकि वे सौदेबाजी में कामयाब हो सकें। पार्टी का यह वर्ग सिद्धू के बयानों पर ज्यादा ध्यान न देने की वकालत कर रहा है। इन नेताओं का कहना है कि सिद्धू का असर पूरे राज्य में नहीं है और वे सिर्फ अमृतसर तक ही सीमित हैं।

नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

कैप्टन की अनदेखी नहीं कर सकता नेतृत्व

सिद्धू कैप्टन की सरकार में मंत्री रह चुके हैं मगर विभाग बदले जाने के बाद उन्होंने नाराजगी में कैप्टन मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि मौजूदा समय में पंजाब में कांग्रेस के पास कैप्टन से बड़ा कोई सियासी चेहरा नहीं है।

कांग्रेस पिछला विधानसभा चुनाव भी कैप्टन के बल पर ही जीतने में कामयाब हुई थी। इसलिए नेतृत्व की ओर से कैप्टन की अनदेखी नहीं की जा सकती। पांच राज्य में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जबर्दस्त झटका लगा है और ऐसे में कांग्रेस हाईकमान राज्य के कद्दावर नेता कैप्टन को नजरअंदाज करने की स्थिति में नहीं दिख रहा है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह (फाइल फोटो- सोशल मीडिया)

सिद्धू के पास भी ज्यादा विकल्प नहीं

राज्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर सिद्धू कैप्टन सरकार पर लगातार हमले तो कर रहे हैं मगर उनके पास भी ज्यादा विकल्प नहीं दिख रहे हैं। पंजाब और हरियाणा में किसान आंदोलन का व्यापक असर दिखा है। ऐसे में भाजपा की चुनावी संभावनाओं को भी झटका लगा है। भाजपा का अकाली दल से गठबंधन भी टूट चुका है। ऐसे में भाजपा भी पंजाब में ज्यादा दमदार प्रदर्शन करने की स्थिति में नहीं दिख रही है। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी भी मजबूत स्थिति में नहीं दिख रही है।

अकाली दल व कांग्रेस में मुकाबले की उम्मीद

सियासी जानकारों का कहना है कि मौजूदा सियासी हालात को देखते हुए अकाली दल और कांग्रेस में ही मुख्य मुकाबला देखने की उम्मीद है। राज्य के सियासी हालात को देखते हुए माना जा रहा है कि कांग्रेस को छोड़कर सिद्धू को ज्यादा कुछ नहीं हासिल होने वाला है।

इस स्थिति में कैप्टन पर लगातार हमला करने के बावजूद सिद्धू कांग्रेस छोड़ने की स्थिति में नहीं दिख रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि पार्टी नेतृत्व राज्य के इन दो बड़े नेताओं के बीच विवाद का निपटारा कैसे करता है।

Chitra Singh

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