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Controversy in Punjab Congress: कमेटी ने सोनिया गांधी को सौंपी आंशिक रिपोर्ट, कुछ हिस्सा बाकी

पंजाब कांग्रेस में कलह को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित तीन सदस्यीय पैनल ने पार्टी आलाकमान को आंशिक रिपोर्ट सौंप दी है।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 10 Jun 2021 11:14 AM GMT
Committee submitted partial report to Sonia Gandhi
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कमेटी सोनिया गांधी को सौंपी आंशिक रिपोर्ट: डिजाईन फोटो-सोशल मीडिया

Controversy in Punjab Congress: पंजाब कांग्रेस में कलह को खत्म करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित तीन सदस्यीय पैनल ने गुरुवार को पार्टी आलाकमान को पंजाब के आंतरिक कलह पर आंशिक रिपोर्ट सौंप दी है। तीन सदस्यीय गठित कमेटी ने आंशिक रिपोर्ट तैयार कर ली है। अब रिपोर्ट का कुछ ही हिस्सा बाकी बचा है, जिसे आज ही फाइनल करने की बात कही जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के झगड़े का निपटारे करने के लिए चार दिन पहले एक कमेटी गठित की गई थी। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली कमेटी में कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल शामिल थे।

हरीश रावत: फोटो-सोशल मीडिया

सोनिया गांधी को सौंपी आंशिक रिपोर्ट

कमेटी ने इन चार दिनों में पंजाब के 100 से अधिक नेताओं से बात की। पंजाब में पार्टी के भीतर चल रही घमासान को रोकने के लिए आंशिक रिपोर्ट तैयार की जा चुकी है। खबरों की मानें तो सोनिया गांधी को यह आंशिक रिपोर्ट भी सौंपी जा चुकी है। कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने बताया कि हमने आंशिक ​रूप से रिपोर्ट पेश कर दी है, कुछ हिस्सा रह गया है। हम उसे आज फाइनल कर देंगे।

ये है पूरा मामल

नवजोत सिद्धू ने जुलाई 2019 में कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। फिलहाल वो विधायक हैं। उन्होंने पार्टी की गतिविधियों से दूरी बनाए रखी है। इसके अलावा, वह गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और उसके बाद पुलिस फायरिंग की घटनाओं में न्याय में कथित देरी को लेकर राज्य सरकार और पंजाब के सीएम पर बार-बार हमला करते रहे हैं। हालांकि सिंह और सिद्धू ने 17 मार्च, 2021 को चाय पर चर्चा करते हुए देखा गया था। लेकिन उसके एक सकारात्मक परिणाम नहीं आए।

एसआईटी जांच को रद्द करने के बाद रिश्ते खराब हो गए

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा 9 अप्रैल को गोलीबारी के मामलों में एसआईटी जांच को रद्द करने के बाद रिश्ते खराब हो गए। सिद्धू के हमलों पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए, सिंह ने 27 अप्रैल को उन्हें 2022 के चुनावों में पटियाला से चुनाव लड़ने का चैलेंज दिया था और भविष्यवाणी की कि वह अपनी जमानत भी बचा नहीं पाएंगे। इसके अलावा, उन्होंने तर्क दिया कि क्रिकेटर से राजनेता बने वह किसी अन्य पार्टी में शामिल होना चाहते हैं।

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