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Punjab Election 2022: विधानसभा चुनाव को लेकर डेरा ने खोले अपने पत्ते, इन दलों का किया समर्थन

पंजाब विधानसभा चुनाव में डेरा सच्चा सौदा ने अपने अनुयायियों से भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के समर्थन में मतदान करने के लिए कहा है।

Bishwajeet Kumar
Published By Bishwajeet KumarWritten By Krishna
Published on: 20 Feb 2022 3:31 PM IST
Punjab Election 2022: विधानसभा चुनाव को लेकर डेरा ने खोले अपने पत्ते, इन दलों का किया समर्थन
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डेरा सच्चा सौदा (तस्वीर साभार : सोशल मीडिया)

Punjab Election 2022 : पंजाब में विधानसभा की सभी सीटों पर मतदान जारी है। इस बीच पंजाब में खासी पकड़ रखने वाले डेरा सच्चा सौदा (Dera Sacha Sauda) ने चुनाव में अपने समर्थन को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। डेरा सच्चा सौदा सिरसा की राजनीतिक विंग ने पंजाब विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) और शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) को अपन समर्थन देने का फैसला लिया है। शुरू में डेरा ने केवल भाजपा (BJP) को समर्थन देने का निर्णय लिया था। फिर अचानक फैसले को पलटते हुए बीजेपी के अलावा शिरोमणि अकली दल को भी समर्थन देने का फरमान अनुयायियों को जारी किया गया।

डेरा ने खोले सियासी पत्ते

पंजाब और हरियाणा में डेरा के वोटों को हमेशा से अहम माना जाता रहा है। अभी तक सत्ता में आने वाली तमाम सियासी पार्टियां चुनाव से पहले डेरों का आर्शीवाद जरूर लेती थीं। इस बार डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम सिंह (Ram Rahim Singh) के जेल में होने के कारण डेरों को शोर चुनाव में कुछ कम हो गया। चुनाव के ऐन पहले उनकी जेल से रिहाई ने एकबार फिर डेरा का सियासी वजन बढ़ा दिया।

इस बीच मतदान से ठीक पहले यानि शनिवार रात को डेरा सच्चा सौदा ने भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में समर्थन देने का निर्णय लिया। उनके कई अनुयायी सुबह में बीजेपी को वोट दे भी आए। फिर अचानक आज डेरा सच्चा सौदा सिरसा की राजनीतिक विंग ने चुनाव में बीजेपी के साथ शिअद को भी समर्थन देने का निर्णय ले लिया। इसके लिए उन्होंने अपने अनुयायियों को कोड वर्ड में 'फूल के साथ तकड़ी' का संदेश भेजा। फूल मतलब बीजेपी का कमल निशान वहीं तगड़ी का मतलब शिअद का चुनाव चिह्न तराजू।

फैसला बदलने की वजह

बताया जा रहा है कि डेरा ने शहरों में अपने अनुयायियों को भारतीय जनता पार्टी को समर्थन देने का संदेश दिया है। जबकि गांवों में शिरोमणि अकाली दल को। दरअसल गांवों में आम आदमी पार्टी की मजबूत होती पकड़ को देखते हुए डेरा ने शिअद को भी समर्थन देने का फैसला लिया है। डेरा ने आम आदमी पार्टी से दूरी बनाए रखी है। डेरा ने बीजेपी औऱ शिअद को गुप्त तरीके से समर्थन दिया है।

डेरा के फैसले का मालवा में होगा असर

पंजाब में मालवा क्षेत्र सियासी रूप से सबसे अहम हमेशा से रही है। चंढीगढ़ की सत्ता यहीं से होकर गुजरती है। पंजाब में सरकार चलाने के लिए मालवा में मजबूत होना बेहद जरूरी होता है। मालवा क्षेत्र में 69 विधानसभा सीट ऐसी हैं जहां डेरा का प्रभाव है। यही वजह है कि सियासी दलों में डेरा के समर्थन के लिए होड़ लगी रहती है। बता दें कि आम आदमी पार्टी पंजाब में सबसे अधिक मजबूत मालवा क्षेत्र में ही मानी जाती है।

इन्हीं वजहों से डेरा ने आप को कमजोर करने के लिए शिअद को समर्थन देने का फैसला लिया है। डेरा के फैसले का असर मालवा में आने वाले फिरोजपुर, मोगा, फाजिल्का, अबोहर, फरीदकोट, मुक्तसर साहिब बठिंडा, पटियाला, लुधियाना, मानसा, संगरूर, बरनाला, मलेरकोटला, फतेहगढ़ साहिब जिले में आने वाले 69 सीटों पर पड़ेगा।

वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बीजेपी और शिरोमणि अकाली दल द्वारा डेरा सच्चा सौदा के समर्थन लेने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि डेरे के अकाली दल को समर्थन देने से पंजाब में बेअदबी के जख्म हरे हुए हैं।



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