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किसानों का फैसला : 1 मई को मनाया जाएगा किसान मजदूर एकता दिवस
एक तरफ देश कोरोना महामारी से जूझ रह है तो वहीं दूसरी ओर किसान दिल्ली के सीमाओं पर कृषि कानून रद्द करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं।
अमृतसरः एक तरफ देश कोरोना महामारी से जूझ रह है तो वहीं दूसरी ओर किसान दिल्ली के सीमाओं पर कृषि कानून रद्द करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। किसानों का यह आंदोलन पिछले कई महीने से चल रहा है। आंदोलन कर रहें किसानों ने एक मई को किसान-मजदूर एकता दिवस मनाने जा रहे हैं।
बता दें कि किसान मोर्चा व ट्रेड यूनियनों ने इसकी बैठक ऑनलाइन की है। इसकी जानकारी पंजाब किसान नेताओं ने दी है। नेताओं ने बताया कि दिल्ली बॉर्डर सहित पंजाब-हरियाणा के कई स्थानों पर एक मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाएगा। इस दिन विशेष तौर पर मजदूर नेता मंच संभालेंगे।
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों का कहना है कि यह आंदोलन को तोड़ने का खूब प्रयास किया जा रहा है, लेकिन किसान मजबूती के साथ डटे हुए हैं। यहीं नहीं रुकने वाले हैं। इस दिन दोपहर दो बजे रेलवे स्टेशन से भगत सिंह चौक तक मार्च निकाला जाएगा। टोल प्लाजा महलकलां व टोल प्लाजा बडबर व भाजपा के जिला प्रधान यादविंदर शंटी के निवास के बाहर भी वीरवार को किसानों का धरना जारी रहा। दूसरी ओर किसान संगठनों का संघेड़ा-भदलवड्ड रोड पर स्थित पेट्रोल पंप के सामने भी धरना जारी है।
किसान कमेटी के महासचिव ने क्या कहा
आपको बता दें कि किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि, पांच मई को किसान दिल्ली में रोष मार्च निकालेंगे उसके साथ ही केंद्र सरकार किसान आंदोलन को बदनाम करने में लगी हुई। जहां पर गुरुवार को गांव जंडियाला गुरु में किसान संगठनों की बैठक हुई है। उन्होंने आगे कहा कि अमृतसर से दिल्ली के लिए किसानों का 12वां जत्था जल्द ही कूच करेगा। इसकी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। गौरतलब है कि किसान कृषि कानून वापस लेने के लिए सरकार के खिलाफ यह आंदोलन कर रहे हैं।
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