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Punjab : दुष्कर्म के मामले में फंसे MLA सिमरजीत सिंह बैंस, कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा
पंजाब के विधायक सिमरजीत सिंह बैंस पर पुलिस ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने यह मामला स्थानीय अदालत की तरफ से जारी आदेशों के बाद दर्ज किया है।
पंजाब: विधायक सिमरजीत सिंह बैंस (MLA Simarjit Singh Bains) आखिरकार दुष्कर्म के मामले में फंस ही गए। लुधियाना की डिवीजन नंबर 6 पुलिस ने पीड़िता की शिकायत के आधार पर विधायक सिमरजीत सिंह बैंस, उनके भाई कर्मजीत सिंह, बलजिंदर कौर, सुखचैन सिंह, परमजीत सिंह पम्मा व विधायक के पीए गोपी शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस ने यह मामला स्थानीय अदालत की तरफ से जारी आदेशों के बाद दर्ज किया है। वहीं मामले को लेकर सोमवार को शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने फिरोजपुर रोड पर चक्का जाम कर बैंस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
क्या है पूरा मामला?
पंजाब निवासी एक महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि जनवरी 2018 में उसने 75 गज में बना एक घर 18 लाख रुपये में खरीदा था। घर के लिए पीड़िता ने 11 लाख रूपये भी दे दिए थे, जबकि 10 लाख रुपये का लोन एक बैंक से लिया था। इसके बाद ही 1 फरवरी को पीड़िता के पति की मौत हो गई, जिसके चलते वह बैंक की किश्तें अदा करने में असमर्थ हो गई। लेकिन बैंक कर्मचारियों उसे लोन भरने को लेकर दबाव बनाया शुरू कर दिया। अगस्त 2019 में बैंक ने संपत्ति कुर्क करने का नोटिस जारी कर दिया था। इस समस्या को लेकर पीड़िता विधायक बैंस के पास गई थी। पीड़िता का कहना है कि विधायक ने उसे जसवीर कौर के घर 29 सिंतबर 2020 को बुलाया और उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया।
इतना ही नहीं, पीड़िता के मुताबिक, 1 अक्तूबर 2020 को उसे दोबारा जसवीर कौर के घर पर बुलाया गया। उस समय जसवीर कौर घर पर नहीं थी, उनका बेटा (26) घर पर था। इस दौरान भी विधायक ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता के मुताबिक, 4 अगस्त से लेकर 1 अक्तूबर तक विधायक बैंस ने उसके साथ 10-12 बार दुष्कर्म किया। इसके बाद पीड़िता ने अपनी शिकायत पुलिस को दी थी। इसके बाद यह मामला लगातार जांच के नाम पर लटक रहा था।
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए दिए FIR के आदेश
पीड़िता ने अपने वकील के माध्यम से एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट हरसिमरत सिंह की अदालत में 156(33) सीआरपीसी के तहत याचिका दायर की थी। 7 जुलाई 2021 को अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए। इसकी रिपोर्ट 15 जुलाई से पहले अदालत में पेश करने के लिए कहा गया था।
बैंस ने मामला को दी थी हाईकोर्ट में चुनौती
वहीं इससे पहले बैंस ने मामला दर्ज करने के आदेश को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में बैंस ने बताया था कि पीड़िता ने उनके और उनके साथियों के खिलाफ याचिका दाखिल की थी, जिसे अदालत ने मंजूर करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर का आदेश जारी करते हुए स्टेटस रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था।