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Punjab Politics: कैप्टन के दिल्ली दौरे पर टिकीं नजरें, शाह से फिर करेंगे मुलाकात, पूर्व CM ने बढ़ाई कांग्रेस की बेचैनी

पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के 2 दिवसीय दिल्ली दौरे पर सबकी नजरें टिकी हैं। इस दौरे के दौरान उनकी एक बार फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की संभावना जताई जा रही है। कैप्टन के दिल्ली दौरे ने कांग्रेस की भी बेचैनी बढ़ा दी है।

Anshuman Tiwari
Report Anshuman TiwariPublished By Deepak Kumar
Published on: 18 Oct 2021 12:19 PM IST (Updated on: 18 Oct 2021 12:20 PM IST)
Punjab Politics: कैप्टन के दिल्ली दौरे पर टिकीं नजरें, शाह से फिर करेंगे मुलाकात, पूर्व CM ने बढ़ाई कांग्रेस की बेचैनी
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New Delhi: पंजाब के सियासी हलकों में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Former CM Captain Amarinder Singh) के अगले सियासी कदम का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है । मगर कैप्टन ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। कैप्टन की मोदी सरकार और भाजपा से बढ़ रही नजदीकी भी पंजाब में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस बीच कैप्टन मुख्यमंत्री (Former CM Captain Amarinder Singh) पद छोड़ने के बाद अपने तीसरे दिल्ली दौरे पर पहुंच गए हैं। इस यात्रा के दौरान उनकी एक बार फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) से मुलाकात की संभावना जताई जा रही है। कैप्टन के दिल्ली दौरे ने कांग्रेस की भी बेचैनी बढ़ा दी है।

कैप्टन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपनी पिछली दिल्ली यात्रा के दौरान शाह के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात की थी। कैप्टन (Former CM Captain Amarinder Singh) की दिल्ली यात्रा को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव ( Assembly Election) होने हैं।ऐसे में सभी सियासी दलों ने सक्रियता बढ़ा दी है । मगर कैप्टन ने अभी तक अपनी भावी सियासत को लेकर कोई ठोस संकेत नहीं दिया है। माना जा रहा है कि अपनी मौजूदा दिल्ली यात्रा के बाद कैप्टन अपने सियासी पत्ते खोल सकते हैं।

कैप्टन ने किया था आदेश का स्वागत

मोदी सरकार (Modi Government) की ओर से पिछले दिनों में जारी एक महत्वपूर्ण आदेश में पंजाब के सीमाई इलाकों में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया था। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) समेत सभी सियासी दलों के नेताओं ने केंद्र सरकार के इस आदेश पर गहरी आपत्ति जताई है । इसे संघीय ढांचे पर हमला बताया है। पंजाब के नेताओं का कहना है कि इस आदेश के बाद आधा पंजाब बीएसएफ के अधीन हो जाएगा। पंजाब पुलिस का कोई मतलब ही नहीं रह जाएगा।

कैप्टन (Former CM Captain Amarinder Singh) पंजाब के ऐसे अकेले सियासी नेता हैं, जिन्होंने मोदी सरकार के इस आदेश का स्वागत किया था। उनका कहना था कि पाकिस्तान की ओर से लगातार बढ़ रही चुनौतियों के कारण यह कदम स्वागत योग्य है। इसे उठाना जरूरी था। अब पंजाब के कांग्रेसी और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं की ओर से इसे लेकर कैप्टन पर हमला किया जा रहा है। पंजाब के नेताओं का आरोप है कि कैप्टन (Former CM Captain Amarinder Singh) ने मोदी सरकार (Modi Government) के साथ मिलकर यह आदेश पारित कराया है।

चन्नी से मुलाकात में नहीं खोले पत्ते

पंजाब के सियासी जानकारों का कहना है कि राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों ( Assembly Election) के मद्देनजर कैप्टन अमरिंदर सिंह (Former CM Captain Amarinder Singh) कांग्रेस से इस्तीफा देकर नए सियासी दल का गठन कर सकते हैं। हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) ने पिछले दिनों कैप्टन के फार्म हाउस पर जाकर उनसे मुलाकात की थी। उनसे कांग्रेस में बने रहने का अनुरोध किया था। अपनी पत्नी, बहू और बेटे के साथ कैप्टन के फार्म हाउस पर पहुंचे चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) का कहना था कि कांग्रेस को कैप्टन के अनुभवों का लाभ उठाना चाहिए। हालांकि इस मुलाकात के दौरान भी कैप्टन ने अपने सियासी पत्ते नहीं खोले थे।

अब कैप्टन के दो दिवसीय दिल्ली दौरे पर सबकी नजरें टिकी हैं। माना जा रहा है कि अलग राजनीतिक दल बनाने से पहले कैप्टन की अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) से मुलाकात होगी। इस मुलाकात के दौरान मोदी सरकार ( Modi Government) की ओर से पारित नए कृषि कानूनों पर भी चर्चा हो सकती है। सरकार किसानों के आंदोलन का समाधान खोजने में कैप्टन की मदद लेने की इच्छुक है।

दो दिनों तक दिल्ली में रहेंगे कैप्टन

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन तीसरी बार दिल्ली का दौरा कर रहे हैं। कैप्टन के करीबी सूत्रों का कहना है कि वे दो दिनों तक दिल्ली में रहेंगे। इस दौरान उनकी कुछ और नेताओं से भी मुलाकात हो सकती है। कैप्टन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अपने समर्थकों से भावी सियासत को लेकर चर्चा करते रहे हैं । उन्होंने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। उन्होंने नए राजनीतिक दल के बारे में अपने समर्थकों से राय मशविरा किया है। पंजाब में विधानसभा चुनाव सिर पर होने के कारण माना जा रहा है कि कैप्टन जल्द ही कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।

कांग्रेस को भी कैप्टन के एलान का इंतजार

कैप्टन के भावी सियासी कदम का कांग्रेस में भी बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू ( Navjot Singh Sidhu) को आगे भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए रखने का फैसला किया है। कैप्टन ने पहले से ही सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। उन्होंने यह भी घोषणा कर रखी है कि सिद्धू जिस विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़ेंगे, वे उन्हें हराने का काम करेंगे। कैप्टन का कांग्रेस से अलग होना पार्टी के लिए एक कई सीटों पर नुकसानदेह साबित हो सकता है। कैप्टन के भावी सियासी कदम को देखने के बाद ही कांग्रेस की ओर से अगली रणनीति तय की जाएगी।

Deepak Kumar

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