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Punjab: मुख्तार मामले में पूर्व जेल मंत्री रंधावा की मुश्किलें बढ़ीं, हाई पावर कमेटी का गठन, बड़े एक्शन की तैयारी

Punjab News: रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि किस तरह पूरा जेल प्रशासन और सरकारी तंत्र मुख्तार के सामने नतमस्तक था और उसे वीवीआईपी सुविधाएं मुहैया कराई जाती थीं।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 18 Aug 2022 10:39 AM IST
Sukhjinder Singh Randhawa
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Sukhjinder Singh Randhawa  (photo: social media )

Punjab News: पंजाब की रोपड़ जेल में पूर्व बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को वीवीआईपी सुविधाएं मुहैया कराने के मामले में पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राज्य में आप की सरकार के गठन के बाद जेल मंत्री बनाए गए हरजोत सिंह बैंस ने इस मामले में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि किस तरह पूरा जेल प्रशासन और सरकारी तंत्र मुख्तार के सामने नतमस्तक था और उसे वीवीआईपी सुविधाएं मुहैया कराई जाती थीं। मुख्तार को सुविधाएं मुहैया कराने में दिल्ली से सियासी सांठगांठ होने की बात भी रिपोर्ट में कही गई है।

जेल मंत्री बैंस ने पिछले दिनों पंजाब विधानसभा में भी मुख्तार को सुविधाएं मुहैया कराने के संबंध में बड़ा बयान दिया था। उन्होंने जल्द ही इस मामले का खुलासा करने की बात भी कही थी। बैंस की रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने एक हाई पावर कमेटी का गठन कर दिया है। माना जा रहा है कि कमेटी की सिफारिश पर जल्द ही इस मामले में बड़ा एक्शन लिया जा सकता है।

जेल मंत्री की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

पंजाब के जेल मंत्री की ओर से मुख्यमंत्री को सौंपी गई रिपोर्ट के बारे में जानकारों का कहना है कि इसमें कहा गया है कि मुख्तार केवल कहने भर के लिए ही जेल में बंद था। पूरा जेल अमला और सरकारी तंत्र उसके आगे नतमस्तक था और वह रोपड़ जेल में बने अफसर क्वार्टर में आराम से रहता था। इस दौरान उसकी सभी सुख सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा जाता था और मुख्तार की पत्नी भी अक्सर वहां आया-जाया करती थी।

सूत्रों का कहना है कि इस महत्वपूर्ण रिपोर्ट में मुख्तार और सरकारी तंत्र के बीच सांठगांठ का पूरा खुलासा किया गया है। इस दौरान पंजाब के जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा थे और इस रिपोर्ट में उनकी भूमिका को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। इसी कारण माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में उनकी भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

सीएम ने बनाई हाई पावर कमेटी

जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस की रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने एक हाई पावर कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी की रिपोर्ट के सभी पहलुओं का अध्ययन करने के बाद कार्रवाई की सिफारिश करेगी। माना जा रहा है कि इस मामले में कई बड़े जेल अफसरों पर भी गाज गिर सकती है।

हालांकि अभी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है मगर जेल मंत्री ने साफ तौर पर इस बात का इशारा किया है कि इस रिपोर्ट के बाद कई बड़े चेहरे बेनकाब होंगे। उन्होंने तो यहां तक दावा किया है कि इस मामले की गूंज राष्ट्रीय स्तर तक जाएगी। माना जा रहा है कि इस मामले में दिल्ली के सियासी कनेक्शन का भी खुलासा किया गया है।

पंजाब में बिल्डर से रंगदारी मांगने का मामला

गौरतलब है कि मुख्तार के खिलाफ एक बिल्डर से 10 करोड़ की रंगदारी मांगने के आरोप में रिपोर्ट दर्ज की गई थी और इसी मामले में पंजाब पुलिस प्रोडक्शन वारंट पर उसे पंजाब ले गई थी। बाद में उसे रोपड़ जेल में भेज दिया गया था। रोपड़ जेल में मुख्तार को करीब 2 साल 3 महीने तक रखा गया था।

इस दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस ने 26 बार वारंट हासिल करके मुख्तार को उत्तर प्रदेश लाने की कोशिश की थी मगर हर बार यूपी पुलिस को नाकामी मिली। बाद में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुख्तार अंसारी को यूपी भेजा गया था।

विधानसभा में दिया था बड़ा बयान

वैसे पंजाब के जेल मंत्री बैंस मुख्तार को लेकर पंजाब विधानसभा में भी सनसनीखेज खुलासा कर चुके हैं। गत जून महीने के दौरान उन्होंने पंजाब विधानसभा में कहा था कि फर्जी एफआईआर के आधार पर मुख्तार को 2 साल 3 महीने तक रोपड़ जेल में रखा गया मगर इस दौरान चालान तक पेश नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि जेल में मुख्तार की सारी सुख सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया और यहां तक कि मुख्तार की पत्नी भी उसके साथ ही जेल में रहती थी। जेल मंत्री ने कहा था कि यूपी सरकार की ओर से मुख्तार के खिलाफ 26 बार प्रोडक्शन वारंट निकालने के बावजूद उसे यूपी नहीं भेजा गया।

जब यूपी सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गई तो पंजाब सरकार की ओर से लाखों रुपए फीस लेने वाले वकील की सेवाएं ली गईं। अब इस मामले में वकील की ओर से 55 लाख रुपए का बिल भेजा गया है मगर आप सरकार इस बिल का भुगतान क्यों करें।

उनके इस बयान के दौरान पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों ने भारी हंगामा किया था। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा था कि अगर उनकी बातें गलत साबित हुई तो उन्हें जेल मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ेगा।

पहले भी विवादों में घिरे हैं रंधावा

अब इस मामले में जेल मंत्री की रिपोर्ट के बाद पूरा प्रकरण एक बार फिर गरमा गया है। वैसे सुखजिंदर रंधावा मुख्तार को लेकर पहले भी विवादों में फंस चुके हैं। उनके ऊपर मुख्तार अंसारी को मदद पहुंचाने का आरोप पहले भी लग चुका है।

पंजाब के जेल मंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने लखनऊ का दौरा भी किया था और इस दौरान रंधावा पर मुख्तार के परिजनों से मुलाकात करने का बड़ा आरोप लगा था। हालांकि उस समय रंधावा ने इन आरोपों को नकारा था मगर उनकी भूमिका को लेकर कई बार सवाल खड़े हुए थे।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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