TRENDING TAGS :
Punjab Elections 2022: अमित शाह और कैप्टन अमरिंदर की मुलाकात बेहद खास, सीट बंटवारे सहित रणनीति आज संभव
Punjab Elections 2022: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और अब 'पंजाब लोक कांग्रेस' (Punjab Lok Congress) के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) आज 27 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मिलने उनके दिल्ली स्थित आवास पहुंचे हैं।
Punjab Legislative Assembly elections 2022 : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और अब 'पंजाब लोक कांग्रेस' (Punjab Lok Congress) के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) आज 27 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मिलने उनके दिल्ली स्थित आवास पहुंचे हैं। जाहिर है, यहां दोनों नेताओं के बीच आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Legislative Assembly elections 2022) को लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी।
उम्मीद की जा रही है कि कैप्टन बीजेपी के साथ पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सीट बंटवारे पर बातचीत के लिए दिल्ली आए हैं। गौरतलब है, कि पंजाब विधानसभा (Punjab Legislative Assembly) में कुल 117 सीटें हैं। अब, भारतीय जनता पार्टी और पंजाब लोक कांग्रेस कितने-कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी। क्या, अपने गठबंधन में ये किसी अन्य छोटे दल को भी साथ करेंगे? साथ ही, पंजाब के मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर भविष्य की रणनीति बनाने को पर भी आज विचार-मंथन हो सकता है।
कैप्टन का चेहरा, बीजेपी का मौका
इसमें कोई शक नहीं की कैप्टन अमरिंदर सिंह मौजूदा वक्त में भी पंजाब में मुख्यमंत्री का सबसे दमदार चेहरा हैं। इसके विपरीत अकाली से सुखबीर सिंह बादल हों या कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी का कोई चेहरा जिसे भविष्य में प्रोजेक्ट किया जाए, अमरिंदर के आगे फीके रह सकते हैं। यह बात बीजेपी शीर्ष नेतृत्व और अमित शाह को भली भांति पता है। इस मौके को भारतीय जनता पार्टी बिलकुल भी गंवाना नहीं चाहती। क्योंकि, अब तक पंजाब में बीजेपी, अकाली दल के पीछे दोयम दर्जे की पार्टी के ही रूप में रही है। पहली बार बीजेपी को अकाली गठबंधन से अलग होकर पंजाब की राजनीतिक फलक पर छाने का मौका मिला है। बीजेपी इसे हाथ से जाने देना नहीं चाह रही।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता का क्या है मानना?
साथ ही, बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के अनुभव का आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें निर्वाचन क्षेत्रों को समझने में मदद मिलेगी। क्योंकि, पार्टी को पता है कि फिलहाल कैप्टन अमरिंदर सिंह सौदेबाजी की स्थिति में नहीं हैं। अनुमान ये भी लगाया जा रहा है, कि गठबंधन में सीटों का बड़ा हिस्सा बीजेपी को जा सकता है।
बीजेपी ,कैप्टन की 'आग' को कैश करने के मूड में
दूसरी तरफ, कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब कांग्रेस प्रमुख के नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के साथ चले सत्ता संघर्ष के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था। हालांकि, कांग्रेस ने तब अमरिंदर सिंह की जगह चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को सूबे कमान थमा दी। लेकिन, कैप्टन ने अपनी पार्टी बनाई और कांग्रेस छोड़ दी। तो पहला, कि कैप्टन के भीतर कांग्रेस को पटकनी देने की आग लगी है, जिसे बीजेपी भुनाना चाहती है।
फिलहाल कैप्टन 'वन मैन आर्मी'
साथ ही एक अन्य फैक्टर भी है, कि जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी तब उनके साथ कांग्रेस का कोई अन्य नेता साथ नहीं आया था। अब सहयोगी के बिना तो कैप्टन की पार्टी अभी 'वन मैन आर्मी' जैसी ही है। हालांकि, भविष्य को लेकर उम्मीद है कि जब टिकट वितरण के दौरान कांग्रेस द्वारा बगल किए गए नेताओं को टिकट नहीं दिए जाएंगे तब कुछ लोग कैप्टन की पार्टी या बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। बीजेपी इस हालात से वाकिफ है, इसलिए वो अधिक संख्या में टिकट अपने हिस्से रखने का दबाव बनाएगी।
खैर, जो भी हो लेकिन अभी तो सबकी नजर कैप्टन अमरिंदर सिंह और अमित शाह की मुलाकात पर है। देखते हैं आगे क्या जानकारी निकलकर सामने आती है। मीडिया की नजर इस मुलाकात पर लगी है।