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Navjot Singh Sidhu: पटियाला जेल में सिद्धू की सुरक्षा में भारी चूक उजागर, ड्रग्स केस के आरोपी के साथ बैरक में रखा

Patiala Jail: पटियाला जेल में सिद्धू की सुरक्षा में चूक के मामले को काफी गंभीर माना जा रहा है। इस मामले के उजागर होने के बाद आनन-फानन में ड्रग्स के आरोपी को दूसरे बैरक में भेज दिया गया है।

Anshuman Tiwari
Published on: 22 May 2022 8:23 AM GMT
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पटियाला जेल में नवजोत सिंह सिद्धू (फोटो-सोशल मीडिया)

Patiala Jail: रोड रेज मामले में सजा सुनाए जाने के बाद पटियाला जेल (Patiala Jail) में बंद पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू(Navjot Singh Sidhu) की सुरक्षा में भारी चूक का मामला उजागर होने से हड़कंप मच गया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक साल की सजा सुनाए जाने के बाद सिद्धू ने शुक्रवार को सरेंडर कर दिया था जिसके बाद उन्हें पटियाला जेल भेज दिया गया था। पटियाला जेल में सिद्धू को लाइब्रेरी बैरक नंबर 10 में रखा गया जहां ड्रग्स और हथियारों की तस्करी का एक आरोपी भी बंद था।

अपने सियासी जीवन के दौरान सिद्धू पंजाब में ड्रग्स कारोबार के खिलाफ पूरी मजबूती से आवाज उठाते रहे हैं। ड्रग्स रैकेट के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने पर उन्होंने अपनी ही पार्टी की सरकार पर भी सवाल खड़े कर दिए थे।

ऐसे में पटियाला जेल में सिद्धू की सुरक्षा में चूक के मामले को काफी गंभीर माना जा रहा है। इस मामले के उजागर होने के बाद आनन-फानन में ड्रग्स के आरोपी को दूसरे बैरक में भेज दिया गया है। जेल अधिकारी इस मामले की जांच पड़ताल में जुटे हुए हैं मगर इस मामले में जेल की लापरवाही को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।

खुलासे के बाद आरोपी दूसरे बैरक में शिफ्ट

पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धू को 1988 के रोड रेज मामले में एक साल की सजा सुनाई गई है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से कोई राहत न मिलने के बाद सिद्धू ने इस मामले में पटियाला कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। बाद में माता कौशल्या अस्पताल में मेडिकल जांच के बाद सिद्धू को पटियाला जेल भेज दिया गया था। पटियाला जेल में सिद्धू को जिस बैरक नंबर 10 में रखा गया, वहां पहले से ही हथियार और ड्रग्स तस्करी का आरोपी पूर्व इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह बंद था। इस मामले में इंद्रजीत सिंह को पहले ही सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है।

पंजाब पुलिस ने 2017 में इंद्रजीत सिंह के आवास पर छापा भी मारा था और इस छापेमारी में AK-47 समेत तमाम अवैध हथियार बरामद किए गए थे। इंद्रजीत सिंह के तार कई बड़े अफसरों से जुड़े होने की आशंका जताई गई थी। शुक्रवार को सरेंडर करने के बाद सिद्धू को उसी बैरक में रखा गया था जिसमें इंद्रजीत सिंह बंद था। जेल विभाग के सूत्रों ने भी इस बात की पुष्टि की है। हालांकि बाद में इंद्रजीत सिंह को दूसरे बैरक में शिफ्ट कर दिया गया।

बैरक में रहने वालों की नहीं हुई जांच

सिद्धू को ड्रग्स आरोपी के साथ बैरक में रखे जाने पर हैरानी जताई जा रही है। एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने कहा कि सिद्धू को जेल में किसी भी बैरक में रखे जाने से पूर्व उस बैरक में रहने वाले कैदियों की पृष्ठभूमि की जांच की जानी चाहिए थी। पुलिस अधिकारी ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ सिद्धू ने लंबे समय तक अभियान छेड़ रखा है और ऐसे में उनकी सुरक्षा के लिए मुकम्मल इंतजाम किया जाना चाहिए था। उनके आसपास रहने वाले कैदियों की निगरानी की जानी चाहिए।

जेल अधीक्षक मंजीत तिवाना ने इस मामले में ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में वरिष्ठ अफसर ही इस मुद्दे पर ज्यादा जानकारी दे सकते हैं क्योंकि वे इस बाबत कुछ भी बोलने के लिए अधिकृत नहीं है। इस मामले के खुलासे के बाद जेल में बरती गई लापरवाही को लेकर हड़कंप मचा हुआ है।

अकाली नेता मजीठिया भी इसी जेल में बंद

जेल विभाग के प्रवक्ता का कहना है कि सिद्धू के ड्रग्स आरोपी के साथ बैरक में रखे जाने की जानकारी मिलने के बाद उसे वहां से हटा दिया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि जेल अधिकारियों ने आरोपी इंद्रजीत सिंह को दूसरे बैरक में भेज दिया है और सुरक्षा में हुई इस चूक पर गौर किया जाएगा। हालांकि प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि सिद्धू की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई और बैरक में रहने वाले दूसरे लोगों की पृष्ठभूमि की जांच पड़ताल क्यों नहीं की गई।

मजे की बात यह है कि सिद्धू के साथ ही अकाली दल के वरिष्ठ नेता विकी बिक्रमजीत सिंह मजीठिया भी पटियाला जेल में ही बंद हैं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि ऐसे में बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह सिद्धू ही नहीं बल्कि मजीठिया की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा हो सकता है।


Vidushi Mishra

Vidushi Mishra

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