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Punjab News: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह बोला मैं पंजाब क्यों छोड़ू, जिसको आपत्ति तो वो छोड़ दे पंजाब
Punjab News: खालिस्तान समर्थक और "वारिस पंजाब दे" का प्रमुख अमृतपाल सिंह का विभिन्न संगठनों द्वारा पंजाब में विरोध किया जा रहा है। जिसको लेकर कई सवाल खड़े हुए तो अब अमृतपाल सिंह का बयान सामने आया है।
Punjab News: खालिस्तान समर्थक और "वारिस पंजाब दे" का प्रमुख अमृतपाल सिंह का विभिन्न संगठनों द्वारा पंजाब में विरोध किया जा रहा है। जिसको लेकर कई सवाल खड़े हुए तो अब अमृतपाल सिंह का भी बयान सामने आया है। अपने विरोधियों को जवाब देते हुए अमृतपाल सिंह ने कहा कि वो पंजाबी है और पंजाब में रहना उसको अधिकार है उनके पूर्वजों ने भी पंजाब के लिए अपना खून बहाया है।
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल का बयान
अमृतपाल सिंह ने अपने विरोधियों को जवाब देते हुए कहा, कि वो पंजाबी है और पंजाब में रहना उसको अधिकार है उनके पूर्वजों ने भी पंजाब के लिए अपना खून बहाया है। उसने आगे कहा, उन्हें पंजाब क्यों छोड़ना चाहिए, पंजाब वो छोड़ जिन्हें उनको लेकर आपत्ति है। आपको बता दें कि पहले एक बार अमृतपाल सिंह ने खुद भारतीय होने से इंकार किया था, जिसके बाद उनको लेकर विवाद खड़ा हुआ है कि अगर वो भारतीय नहीं है तो देश में क्या कर रहे है उन्हें देश छोड़ देना चाहिए।
अकाल तख्त के जत्थेदार से बैठक
अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से "वारिस पंजाब दे" प्रमुख अमृतपाल सिंह ने बैठक की थी। अकाल तख्त द्वारा उन पर अजनाला थाने के घेराव के दौरान श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी ले जाने पर सवाल उठाये गए थे। जिसको बाद करीब ढाई घंटे तक अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह अमृतपाल की बातचीत हुई और बैठक के बाद अमृतपाल ने कहा कि पंथक मुद्दों और पंजाब के युवाओं को लेकर चर्चा की गई है।
भारत का अभिन्न अंग नहीं पंजाब
वही अकाल तख्त के जत्थेदार के साथ बैठक में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी को लेकर कोई चर्चा नहीं होने और ना ही अकाल तख्त द्वारा गठित 15 सदस्यीय समिति के बारे में कोई चर्चा होने की बात कहीं है। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले अमृतपाल सिंह ने बयान दिया था कि पंजाब भारत का अभिन्न अंग नहीं है। उसने आगे कहा कि लाहौर और ननकाना साहिब के बिना पंजाब की तस्वीर नहीं बनती है। तो वही खुद को अमृतपाल सिंह ने भारतीय मानने से इंकार कर दिया था।