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भयावह मंजर देख बेहाश हुए वॉलटियर, जलती चिताओं से कांप उठा हर दिल

पंजाब में दो श्मशान घाटों में एक साथ ही 26 कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार किया गया।

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Newstrack Network NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 27 April 2021 4:18 PM GMT
भयावह मंजर देख बेहाश हुए वॉलटियर, जलती चिताओं से कांप उठा हर दिल
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लुधियाना: पंजाब में कोरोना का कहर दिन-प्रति-दिन बढ़ता ही जा रहा है। मौजूद हालात में लुधियाना की स्थिति सबसे ज्यादा प्रभावित है। सोमवार को यहां के दो श्मशान घाटों में एक साथ ही 26 कोरोना मरीजों का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान इतने शवों को देखकर संस्कार करवाने वाले वालेंटियरों के दिल दहल उठे।

श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के बीच दो वालंटियर बेहोश तक हो गए। यहां रात 9 बजे तक शवों के अंतिम संस्कार करने का सिलसिला जारी था। जिसके बाद वालंटियर्स ने देर रात सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया। इसमें उन्होंने लोगों से अपील की कि वह कोरोना को हल्के में न लें। जिस तरह कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़ रही है उससे उनका दिल भी दहल चुका है।

भयावह मंजर देख बेहोश हुए वॉलंटियर

ऐसे में मंदीप केशव उर्फ गुड्डू ने बताया कि वह पहले लॉकडाउन के समय पंजाब पुलिस के साथ बतौर ट्रैफिक मार्शल के तौर पर जुड़े थे। उस समय भी जब लोग कोरोना संक्रमित का शव ले जाने से पीछे हट जाते थे वह और उनकी टीम संस्कार करती थी। अब तक वह एक दिन में एक साथ 19 संस्कार कर चुके हैं लेकिन सोमवार का दिन बुरे सपने से कम नहीं लग रहा था।

यहां बढ़ते कहर के चलते सोमवार को एक साथ 26 कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार किया गया। जिसमें 13 संस्कार दाना मंडी स्थित श्मशान घाट में किए गए जबकि 13 दूसरे श्मशान घाट में।

जिसके चलते सुबह से लेकर रात नौ बजे तक अंतिम संस्कार का सिलसिला जारी था। इसके बाद दोपहर बाद जब एक साथ पांच चिताएं जलीं, तो उनके दो वालंटियर बेहोश होकर गिर गए थे। फिर उन्हें कुछ देर आराम दिया गया। इसके बाद वे दोबारा इसी काम में जुट गए।

वहीं वालंटियर एडवोकेट गोपाल इस भयावह मंजर को देखकर रोने लगे। उनका कहना था इसमें उनका एक रिश्तेदार भी है। उसे बचाने के लिए उन्होंने बहुत प्रयास किया। वह खुद वालंटियर के तौर पर काम करते आ रहे हैं लेकिन ऐसा मंजर देखकर उनका दिल कहता है कि भगवान उनसे ऐसी सेवा ना ही ले तो अच्छा है।

उन्होंने लोगों से अपील की जो लोग कहते हैं कि कोरोना नाम की कोई चीज नहीं हैं या फिर तंज कसते हैं कि क्या कोरोना रात को आता है। वह एक बार वीडियो के माध्यम से यह मंजर देख लें। उन्हें खुद पता चल जाएगा कि आखिरकार कोरोना कितना बेदर्द है।

Vidushi Mishra

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