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Punjab Violence: आखिर क्या हुआ ऐसा कि हिंसा की आग में सुलगने लगा अमृतसर, जानिए पूरी कहानी

Punjab Violence: पंजाब में खालिस्तान की मांग करने वाले अगलाववादी तत्वों की गतिविधियां एकबार फिर से सुर्खियों में है। हाल के वर्षों में कई बार कुछ कट्टरपंथी सिख संगठन उग्र हुए हैं।

Krishna Chaudhary
Published on: 24 Feb 2023 2:46 AM GMT
Punjab Violence
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पंजाब में खालिस्तान समर्थक (फोटो: सोशल मीडिया)

Punjab Violence: पंजाब में खालिस्तान की मांग करने वाले अगलाववादी तत्वों की गतिविधियां एकबार फिर से सुर्खियों में है। हाल के वर्षों में कई बार कुछ कट्टरपंथी सिख संगठन उग्र हुए हैं। उनके नेताओं द्वारा भड़काऊ बयानबाजी की जाती रही है। इन दिनों देश में रहकर अलग खालिस्तान की मुहिम चलाने वाला एक कट्टरपंथी संगठन और उसका मुखिया चर्चाओं में है। हम बात कर रहे हैं, संगठन वारिस पंजाब दे और उसके प्रमुख अमृतपाल सिंह का है।

गुरूवार को अमृतसर में जिस तरह उनके समर्थकों के सामने पुलिस बेबस नजर आई, उसे लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अपने एक सहयोगी की गिरफ्तारी से नाराज अमृतपाल सिंह ने अपने समर्थकों के साथ जमकर बवाल काटा और पुलिस स्टेशन पर ही हमला बोल दिया। इस घटना ने 1980 के दशक की याद दिला दी, जिस समय पंजाब अस्थिरता की दौर से गुजर रहा था। तो आइए जानते हैं कि कल यानी गुरूवार को हुई घटना की ऐसी क्या वजह रही कि पूरा अमृतसर सुलग उठा।

अमृतपाल सिंह के करीबी की गिरफ्तारी

वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख और खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत उर्फ तूफान सिंह को एक मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उसे मारपीट और अपहरण के मामले में अऱेस्ट किया गया था। दरअसल, रूपनगर जिले के चमकौर साहिब निवासी वनिंदर सिंह ने अमृतपाल सिंह और उनके करीबियों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। जिस पर पुलिस ने ये कार्रवाई की।

अमृतपाल सिंह को जैसे ही लवप्रीत की गिरफ्तारी की जानकारी मिली, वो भड़क गए। सैंकड़ों समर्थक के साथ वे अजनाला पुलिस स्टेशन पहुंच गए। उनके समर्थक बंदूक और तलवारों से लैस थे। थाने के बाहर लगे बैरीकेड्स को भी उन्होंने तोड़ दिया। सैंकड़ों की संख्या में आए हिंसक भीड़ को देखकर पुलिस के पांव उखड़ गए। उनके साथ झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें एक डीएसपी रैंक का अधिकारी भी शामिल है।

अमृतपाल के करीबी को रिहा करेगी पुलिस

गुरूवार को दिन भर के घमासान के बाद शाम को पुलिस और अमृतपाल सिंह के बीच बैठक हुई। बताया जाता है कि इस दौरान सिंह ने अपने करीबी लवप्रीत के बेगुनाह होने की सबूत पुलिस को सौंपी। सबूतों के आधार पर पुलिस लवप्रीत को रिहा करने के लिए राजी हो गई, जिसके बाद सिंह के उग्र समर्थक शांत हुए। अमृतसर के एसएसपी ने कहा कि अमृतपाल ने जो सबूत दिए हैं, उससे पता चला है कि लवप्रीत उर्फ तूफान सिंह दोषी नहीं है। उसे कल यानी आज शुक्रवार को रिहा किया जाएगा। साथ ही उन्होंने इस मामले की जांच एसआईटी से भी कराने की बात कही।

अमृतपाल ने गुरूद्वारे में जमाया डेरा

पुलिस के साथ बातचीत के बाद अमृतपाल सिंह अपने समर्थकों के साथ थाने से हट गया। लेकिन वो अभी अपने गांव नहीं गया है। उसने पास के ही एक गुरूद्वारे में शरण ले ली है। उसका कहना है कि जबतक लवप्रीत रिहा नहीं हो जाता, तब तक वे गुरूद्वारे में ही रहेंगे। लिहाजा इलाके में तनाव अब भी बना हुआ है।

मोदी-शाह-मान को दी धमकी

अपने भड़काऊ बयानों के लिए कुख्यात अमृतपाल सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह औऱ पंजाब के सीएम भगवंत मान को धमकी दी है। सिंह ने कहा कि हम खालिस्तान के मामले को शांतिपूर्ण तरीके से बढ़ा रहे हैं। जब लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर सकते हैं, तो हम खालिस्तान की क्यों नहीं कर सकते।

उन्होंने कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को खालिस्तान का विरोध करने की कीमत चुकानी पड़ी थी। हमें कोई नहीं रोक सकता, चाहे वह पीएम मोदी हों, अमित शाह हों या भगवंत मान। आपको बता दें कि अमृतपाल सिंह अमृतसर के ही जल्लूपुर खेड़ा गांव का निवासी है। अपने भड़काऊ बयानबाजी से वो पंजाब के एक वर्ग में खासकर युवाओं में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

Prashant Dixit

Prashant Dixit

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