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PM मोदी ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास प्रमुख से की मुलाकात,..हिमाचल चुनाव से पहले अहम है भेंट

PM Modi visit Dera Beas: पीएम मोदी ने आज अमृतसर में डेरा ब्यास मुखी बाबा गुरिंदर सिंह से मुलाकात की। हिमाचल चुनाव से ठीक पहले इन दोनों की मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे।

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Written By aman
Published on: 5 Nov 2022 12:57 PM IST (Updated on: 5 Nov 2022 12:57 PM IST)
pm narendra modi visit radha soami satsang beas in amritsar before himachal election 2022
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 पीएम मोदी और डेरा ब्यास मुखी बाबा गुरिंदर सिंह (Social Media)

PM Modi visit Dera Beas in Amritsar : हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal Election 2022) से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) शनिवार (05 नवंबर 2022) को अमृतसर पहुंचे। पीएम मोदी ने आज यहां डेरा ब्यास मुखी बाबा गुरिंदर सिंह (Dera Beas Mukhi Baba Gurinder Singh) से मुलाकात की। माना जा रहा है कि, पीएम मोदी और डेरा ब्यास प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों की इस मुलाकात का असर हिमाचल चुनाव पर पड़ सकता है। क्योंकि, हिमाचल में भी बड़ी संख्या में डेरा ब्यास के अनुयायी हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार भी करेंगे। पीएम मोदी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के समर्थन में सुंदर नगर तथा सोलन में दो जनसभाओं को संबोधित करेंगे। लेकिन, उससे ठीक पहले उन्होंने डेरा का रुख किया।

हिमाचल में बड़ी संख्या में डेरा के अनुयायी

गौरतलब है कि, अमृतसर के ब्यास स्थित राधा स्वामी सत्संग डेरे (Radha Soami Satsang) का पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में खासा महत्व है। इस डेरे से जुड़े समर्थक देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फैले हैं। हालांकि, इस डेरे ने राजनीति से दूरी बनाए रखी है, मगर बड़े पैमाने पर इनके समर्थक हैं, जो राजनीतिक दलों से संबंध रखते हैं। इसका लाभ राजनीतिक दलों को भी मिलता रहा है। याद करें तो इसी साल पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव से पहले कई राजनेताओं ने डेरा का दौरा किया था और डेरा ब्यास प्रमुख से आशीर्वाद लिया था।

क्यों ताकतवर माना जाता है डेरा ब्यास?

राधा स्वामी सत्संग डेरा ब्यास का भले ही किसी राजनीतिक दल से खुले तौर पर कोई संबंध नहीं है। मगर, पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में इसके व्यापक प्रभाव को नकारा भी नहीं जा सकता। समय-समय पर राजनीतिक हस्तियां यहां आते और डेरे का आशीर्वाद प्राप्त करते रहे हैं। राजनीतिक मामलों के जानकार भी मानते हैं कि इसका फायदा उन पॉलिटिकल पार्टीज को मिलता रहा है। यही वजह है कि किसी भी दल के नुमाइंदे क्यों न हों, चुनावों से पहले मत्था टेकने डेरा ब्यास जरूर पहुंचते हैं। राजनीतिक हस्तियों के यहां पहुंचने के बाद उनके राजनीतिक मायने भी तलाशे जाते हैं। जैसा अभी पीएम मोदी के दौरे को लेकर कयासबाजी जारी है। आपको बता दें, ये पहला मौका नहीं है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राधा स्वामी सत्संग डेरा ब्यास के मुखी बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से मुलाकात करने जाएंगे। इससे पहले पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले भी दोनों की मुलाकात हो चुकी है।

डेरा ब्यास की स्थापना कब हुई थी?

राधा स्वामी डेरे की स्थापना सन 1891 में हुई थी। बाबा जैमल जी ने डेरे की स्थापना की थी। राधा स्वामी सत्संग डेरा ब्यास एक आध्यात्मिक केंद्र है। बीते 130 सालों में इसके अनुयायियों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ। आध्यात्मिक केंद्र के विस्तार के साथ अनुयायी भी जुड़ते गए। 130 साल पुराने इस डेरे की ख्याति इतनी बढ़ी कि आज ये 90 देशों में विस्तार पा चुका है। इन देशों में इसके आध्यात्मिक केंद्र हैं। पंजाब के अमृतसर में भी डेरा ब्यास का आध्यात्मिक केंद्र है। अमृतसर में यह शहर से 43 किलोमीटर दूर ब्यास नदी के किनारे बना है।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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