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Congress: सोनिया गाँधी ने सुनील जाखड़ को सभी पदों से हटाया, पंजाब कांग्रेस में कलह और बढ़ने की आशंका

Punjab Congress: बागी तेवर दिखाने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ को अनुशासन समिति ने कड़ा रुख अपनाते दो साल के लिए पार्टी से सस्पेंड करने की सिफारिश की थी।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shashi kant gautam
Published on: 26 April 2022 11:39 AM GMT (Updated on: 26 April 2022 2:38 PM GMT)
Preparing to suspend Sunil Jakhar, there is a possibility of further discord in Punjab Congress
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी- सुनील जाखड़: Photo - Social Media

New Delhi:पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में बागी तेवर दिखाने वाले पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Former State President Sunil Jakhar) पर शिकंजा कस्ते हुए उन्हें पार्टी के सभी पदों से तत्काल प्रभाव से ससपेंड कर दिया है। जाखड़ को उल्टे-सीधे बयानों के कारण पार्टी की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था मगर जाखड़ ने एक सप्ताह की तय समय सीमा में नोटिस का जवाब तक नहीं दिया।

जाखड़ के इस रवैए पर अनुशासन समिति ने कड़ा रुख अपनाया और उन्हें दो साल के लिए पार्टी से सस्पेंड करने की सिफारिश कर दी थी। अनुशासन समिति ने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) को सौंप दी थी।

जाखड़ के बयानों से पार्टी कमजोर

पंजाब में हाल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान जाखड़ का रवैया सहयोगात्मक नहीं था और उन्होंने समय-समय पर ऐसे बयान दिए जिनकी वजह से पार्टी की चुनावी संभावनाओं को जमकर चोट पहुंची। उन्होंने पार्टी की ओर से सीएम चेहरा घोषित किए गए पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Former Chief Minister Charanjit Singh Channi) को लेकर भी विवादित बयान दिया था। कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद खुद के लिए मौका न बन पाने के समय से ही जाखड़ नाराज चल रहे हैं और नेतृत्व के फैसले पर सवाल खड़े करते रहे हैं। मुख्यमंत्री न बन पाने पर भी उन्होंने कहा था कि सिर्फ हिंदू होने के कारण उन्हें इस पद पर ताजपोशी का मौका नहीं मिला।

अब कांग्रेस नेतृत्व ने अनुशासनहीनता को बर्दाश्त न करने का फैसला किया है। इसी कड़ी में जाखड़ को भी नोटिस जारी किया गया था। जाखड़ की ओर से नोटिस का जवाब ना दिए जाने पर अनुशासन समिति ने उन्हें दो साल के लिए निलंबित करने की सिफारिश सोनिया को सौंप दी है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर: Photo - Social Media

अनुशासन समिति ने सौंपी रिपोर्ट

अनुशासन समिति की बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर (Senior Leader Tariq Anwar) ने रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौपे जाने की बात कही है। हालांकि उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि समिति ने क्या सिफारिश की है। वैसे कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है की अनुशासन समिति की ओर से जाखड़ के दो साल के निलंबन की अनुशंसा पर अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को फैसला लेना है।

तारिक अनवर ने यह जरूर कहा कि अनुशासन समिति ने एकमत होकर जाखड़ के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की है। अनुशासन समिति की बैठक से पहले भी जाखड़ ने इशारों में बड़ा हमला बोला था। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा था कि आज सर उनके कलम होंगे,जिनमें अभी जमीर बाकी है। जाखड़ के इस ट्वीट से सब को यह बात समझ में आ गई थी कि उनका इशारा अनुशासन समिति की ओर ही है।

फैसले से पहले ही बढ़ी कलह

पंजाब कांग्रेस पहले ही जबर्दस्त गुटबाजी की शिकार है और अब जाखड़ के खिलाफ कार्रवाई से पहले ही कलह और बढ़ती नजर आ रही है। जाखड़ के भतीजे और पंजाब के विधायक संदीप जाखड़ का कहना है कि यदि सुनील जाखड़ के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की जाती है तो पार्टी नेतृत्व का यह फैसला काफी गलत होगा। उन्होंने जाखड़ को पार्टी का वरिष्ठ नेता बताते हुए कहा कि वे लंबे समय तक कांग्रेस की मजबूती के लिए काम करते रहे हैं।

उन्होंने हमेशा पार्टी को मजबूत बनाने पर ही ध्यान दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में सभी लोगों के साथ समान व्यवहार ही किया जाना चाहिए। जानकारों का कहना है कि ऐसा कहके संदीप जाखड़ ने उन नेताओं की ओर इशारा किया है जो उल्टे-सीधे बयानों को देने के बावजूद पार्टी में डटे हुए हैं।


अब सोनिया के फैसले पर टिकीं निगाहें

कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग का मानना है कि जाखड़ के खिलाफ कार्रवाई से पार्टी में गुटबाजी और बढ़ जाने की आशंका है। पिछले दिनों पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह (Former State President Navjot Singh) सिद्धू समेत कई बड़े नेताओं ने जाखड़ से मुलाकात की थी और उन्हें समर्थन देने की बात कही थी। सिद्धू पहले भी पार्टी नेतृत्व के फैसलों पर सवाल खड़े करते रहे हैं और माना जा रहा है कि जाखड़ के खिलाफ ऐक्शन की स्थिति में कांग्रेस का एक बड़ा वर्ग बागी तेवर दिखा सकता है।

कांग्रेस हाईकमान की ओर से कई नेताओं के उल्टे सीधे बयानों का संज्ञान ही नहीं लिया गया मगर अब जाखड़ पर सख्ती की तैयारी है। जानकारों का कहना है कि ऐसे में कई और नेताओं के बागी तेवर दिखाने की आशंका पैदा हो गई है। अब सबकी निगाहें जाखड़ के संबंध में हाईकमान के फैसले पर टिकी हुई है। माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष से जल्द ही इस दिशा में कदम उठाएंगी।

Shashi kant gautam

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