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Punjab Election 2022: पंजाब की सभी सीटों के लिए आज डाले जाएंगे वोट, दो करोड़ से अधिक मतदाता करेंगे अपने मताधिकार का इस्तेमाल
पंजाब के सभी 117 विधानसभा सीटों पर कल मतदान होगा। जिसके लिए प्रशासन की ओर से कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पंजाब में इस बार कुल 1304 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
Punjab Election 2022 : पाकिस्तान से सटे सरहदी सूबा पंजाब में 16वीं विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां की जा चुकी है। कल यानि रविवार 20 फरवरी को राज्य के सभी 117 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा। इन सीटों पर कुल 1304 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमे 93 महिला प्रत्याशी है। राज्य के 2.14 करोड़ मतदाता इन उम्मीदवारों की किस्मत रविवार को ईवीएम में लॉक करेंगे। निर्वाचन आयोग के अनुसार, पंजाब की सभी सीटों पर कल सुबह 8 बजे से मतदान शुरू होगा, जो शाम छह बजे तक चलेगा। पंजाब में वर्तमान सरकार का कार्यकाल 27 मार्च को खत्म हो रहा है। बता दें कि 10 मार्च को अन्य राज्यों के साथ पंजाब के भी चुनाव परिणाम आएंगे।
पंजाब का पिछला परिणाम
पंजाब में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 10 साल से सत्ता पर काबिज शिरोमणि अकाली दल और भाजपा गठबंधन को उखाड़ फेंका था। पार्टी ने 117 में से 77 सीटों पर जीत दर्ज की थी और कैप्टन अमरिंदर सिंह दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। जबकि सत्ताधारी गठबंधन महज 18 सीटों पर सिमट कर रह गया था। अकाली दल को 15 और बीजेपी को तीन सीटें आईं थीं। अकाली दल मुख्य विपक्षी दल का ओहदा भी नहीं बचा पायीं। आम आदमी पार्टी ने 20 सीटों पर जीत हासिल करते हुए पंजाब में नंबर दो पार्टी बनकर उभरी।
पंजाब की मौजूदा सियासी स्थिति
2022 के विधानसभा चुनाव आते आते पंजाब ने काफी सियासी उतार चढ़ाव देख लिए हैं। किसान आंदोलन की जन्मभूमि रहे पंजाब में इसका जबरदस्त असर देखा गया और आज भी है। पंजाब में कांग्रेस को विराट जीत दिलाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह को पहले सीएम की कुर्सी से हाथ धोना पड़ा, फिर कांग्रेस भी छोड़नी पड़ी। कांग्रेस में नवोजत सिंह सिध्दू के एक ताकत के रूप में उभरे। हालांकि वो फिर भी सबसे बड़े पद यानि सीएम की कुर्सी से एक कदम दूर रहे। कांग्रेस ने उनकी जगह एक दलित चेहरे पर दांव खेलते हुए चरणजीत सिंह चन्नी को सूबे की कमान सौंप दी। पंजाब में कांग्रेस सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है। राजनीतिक जानकारों की माने तो कांग्रेस की स्तिथि पंजाब में अन्य दलों से बेहतर है।
वहीं मुख्य विपक्षी दल का दर्जा हासिल करने वाले आम आदमी पार्टी ने भी इस बार काफी जोर लगाया है। पिछली बार की गलतियों से सबक लेते हुए पार्टी ने इस बार भगवंत मान जैसे स्थानीय चेहरे को सीएम के लिए आगे कर दिया। इसके अलावा पार्टी लगातार अपने चुनाव अभियान में दिल्ली मॉडल का जिक्र कर जनता को अपनी ओर आकर्षित करने की कवायद कर रही है। पंजाब में आप के लिए इसबार माहौल अच्छा बताया जा रहा है। हालांकि कुमार विश्वास के आरोपों ने पार्टी को एकबार फिर बैकफुट पर धकेल दिया है।
राज्य में लंबे समय तक सत्ता पर काबिज शिरोमणि अकाली दल इस बार बसपा के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में है। कृषि कानूनों को लेकर पार्टी ने बीजेपी से गठबंधन तोड़ लिया था। वहीं बीजेपी कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुखदेव सिंह ढींढसा की पार्टी के साथ चुनाव मैदान में है। भगवा दल इसबार बड़े भाई की भूमिका में चुनाव लड़ रही है। इसके अलावा किसान आंदोलन से निकली किसानों की पार्टी संयुक्त संघर्ष मोर्चा भी चुनाव मैदान में है। ऐसे में 20 फरवरी को सत्ता के इन दावेदारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी, जो आगामी 10 मार्च को खुलेगी।