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पंजाब चुनाव : कोरोना प्रोटोकॉल की सब कर रहे ऐसीतैसी
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है इसके साथ ही चुनाव आयोग में कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए इस बार चुनावी रैलियों और जनसभाओं पर 31 जनवरी तक प्रतिबंध लगाया है।
अमृतसर। न कोई सोशल डिस्टेंसिंग, न मास्क, और न उम्मीदवारों की बैठकों में शामिल होने वाले लोगों की संख्या पर कोई सीमा-ये हाल दिख रहा है कोरोना महामारी प्रभावित पंजाब में। वैसे तो प्रशासन ने कुछ जगह कार्रवाई की है और मामले दर्ज किये हैं लेकिन इनका कोई असर नहीं है।
कोरोना की तीसरी लहर के दौरान बढ़ते मामलों को देखते हुए, भारत के चुनाव आयोग (Election Commission) ने रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध लगा रखा है और सिर्फ डोर-टू-डोर प्रचार की अनुमति दी थी। घर घर प्रचार में भी उम्मीदवार और सुरक्षाकर्मियों सहित अधिकतम पांच व्यक्ति शामिल हो सकते हैं। योग ने अधिकतम 300 लोगों या हॉल की क्षमता का पचास फीसदी या राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा निर्धारित सीमा के अंदर बैठक की अनुमति दी थी। आयोग ने पार्टियों और उम्मीदवारों को डिजिटल, वर्चुअल, मीडिया प्लेटफॉर्म या मोबाइल-आधारित मोड के माध्यम से यथासंभव प्रचार करने का निर्देश दिया था।
लेकिन चुनाव आयोग के निर्देशों के कहीं भी कोरोना उपयुक्त व्यवहार नहीं देखा जा रहा है। हाँ, प्रोटोकॉल का धड़ल्ले से उल्लंघन जारी है। डोर-टू-डोर प्रचार में नेताओं के संग हुजूम नजर आता है। और तो और, अब जगह जगह नुक्कड़ सभाओं का भी आयोजन किया जा रहा है जबकि इनकी अनुमति नहीं है। जालंधर कैंट और जालंधर सेंट्रल में, शिअद, कांग्रेस (Congress Party) और आप उम्मीदवारों को अपने समर्थकों के घरों के अंदर और सड़कों पर सभाओं को आयोजित करते हुए देखा जा सकता है। इन सभाओं में मास्क शायद ही कोई व्यक्ति लगाता है। उम्मीदवारों या तो मास्क लगते नहीं या फिर उनकी ठुड्डी पर मास्क लटकता रहता है। उम्मीदवारों को लगता है कि बिना मास्क के उनको कोई पहचान नहीं पायेगा और जब पहचानेगा नहीं तो वोट कैसे मिलेगा?
नकोदर की एक रिपोर्ट के अनुसार, यहाँ छोटे छोटे कमरों में भेद भरी राजनीतिक सभा का आयोजन किया जा रहा है जहाँ कोई मास्क नहीं लगाता। ऐसा ही नजारा जालंधर नॉर्थ, फिल्लौर, सुल्तानपुर लोधी, फगवाड़ा और कपूरथला निर्वाचन क्षेत्रों में देखा जा सकता है। प्रोटोकॉल का सबसे ज्यादा उल्लंघन इनडोर बैठकों में हो रहा है जहाँ उम्मीदवार और क्षेत्र के लोग छोटे कमरों में बिना मास्क लगाए बैठे रहते हैं। शिरोमणि अकाली दल के प्रत्याशी हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लो ने तो चुनाव योग से शिकायत की थी कि परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह कोरोना पाजिटिव होने के बावजूद अपने गिद्दड़बाहा हलके में चुनाव प्रचार करने में जुटे हैं।
इस बीच आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के सुभाष शर्मा पर आपराधिक मामला दर्ज किया है। आरोप है कि उनकी तरफ से दाखा के गांव मानावाल में चुनावी सभा की गई। यहां पर बड़ी संख्या में लोग हाजिर थे और किसी ने भी इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल (Corona Protocol) का ध्यान नहीं रखा था। सुभाष शर्मा ने कहाहै कि वह तो पार्टी का प्रचार कर रहे थे कि लोग खुद-ब-खुद जमा हो गए थे।