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पंजाब में नए मंत्री आज लेंगे शपथ, कैप्टन को झटका देने की तैयारी, 5 करीबियों का कटेगा पत्ता
Punjab Cabinet Expansion: पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नेताओं के नाम तय कर लिए गए हैं। नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह आज शाम को होगा।
Punjab Cabinet Expansion: पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नेताओं के नाम तय कर लिए गए हैं। नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह (Shapath Grahan Samaroh) आज शाम को होगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul gandhi) ने काफी मंथन करने के बाद नए मंत्रियों की लिस्ट पर मुहर लगाई है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री चन्नी के साथ दो बार लंबी चर्चा की है। सूत्रों का कहना है कि नए मंत्रिमंडल में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) के पांच करीबी मंत्रियों की छुट्टी तय मानी जा रही है। पार्टी नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कैप्टन को नई कैबिनेट (Punjab New Cabinet) के जरिए एक बड़ा झटका देने की तैयारी है।
नई कैबिनेट में सात नए चेहरों को शामिल करने की बात तय की गई है जबकि कैप्टन सरकार में मंत्री रहे आठ नेताओं को चन्नी मंत्रिमंडल (Charanjit Singh Channi Cabinet Expansion) में भी जगह मिलेगी। दिल्ली से लौटने के तत्काल बाद शनिवार को मुख्यमंत्री चन्नी ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि रविवार को शाम 4:30 बजे (Punjab Oath Ceremony Timing) नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। चन्नी के साथ दो डिप्टी सीएम सुखजिंदर रंधावा और ओपी सैनी पहले ही शपथ ले चुके हैं।
कैप्टन को सियासी संदेश देने की कोशिश
पंजाब की नई कैबिनेट की सबसे उल्लेखनीय बात पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पांच करीबियों का पत्ता कटना माना गया जा रही है। कैप्टन के इन करीबियों में राणा गुरमीत सोढ़ी (Rana Gurmit Singh Sodhi), गुरप्रीत कांगड़ा (Gurpreet Singh Kangar), बलवीर सिद्धू (Balbir Singh Sidhu), सुंदर शाम अरोड़ा (Sunder Sham Arora) और साधु सिंह धर्मसोत (Sadhu Singh Dharamsot) के नाम शामिल हैं। कांग्रेसी नेतृत्व की ओर से फाइनल की गई लिस्ट में इन सभी पूर्व मंत्रियों को जगह नहीं दी गई है। माना जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व शपथ ग्रहण के जरिए कैप्टन अमरिंदर सिंह को बड़ा सियासी संदेश देना चाहता है।
कैप्टन के ये सभी करीबी शक्ति प्रदर्शन में उनका साथ देते रहे हैं। कैप्टन ने हाल में राहुल और प्रियंका पर निशाना साधते हुए दोनों को अनुभवहीन बताया था। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के खिलाफ भी मोर्चा खोल रखा है। कैप्टन का कहना है कि यदि सिद्धू को सीएम का चेहरा बनाया गया तो वे उनके खिलाफ मजबूत उम्मीदवार उतारेंगे। कैप्टन सिद्धू को राष्ट्र विरोधी तक बता चुके हैं। कैप्टन के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले उनका पर कतरने की तैयारी है।
इन नेताओं का मंत्री बनना तय
कांग्रेस नेतृत्व ने जिस सूची पर मुहर लगाई है। उसमें तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा (Tripat Rajinder Singh Bajwa), राणा गुरजीत (Rana Gurjeet Singh), मनप्रीत बादल (Manpreet Singh Badal), ब्रह्म मोहिंदर (Brahm Mohindra), अरुणा चौधरी (Aruna Chaudhary), सुखविंदर सिंह सरकारिया (Sukhbinder Singh Sarkaria), रजिया सुल्ताना (Razia Sultana), डॉक्टर राजकुमार वेरका (Dr. Raj Kumar Verka), विजय इंदर सिंगला (Vijay Inder Singla), भारत भूषण आशू (Bharat Bhushan Ashu), गुरकीरत कोटली (Gurkirat Kotli), राजा वडिंग, संगत सिंह गिलजियां (Sangat Singh Gilzian), काका रणदीप सिंह (Sardar Randeep Singh), परगट सिंह (Pargat Singh) और कुलजीत सिंह नागरा (Kuljit Singh Nagra) के नाम शामिल बताए जा रहे हैं। परगट सिंह मौजूदा समय में प्रदेश कांग्रेस के महासचिव हैं और वे सिद्धू खेमे की ओर से मुखर रहे हैं। अब उन्हें मंत्रिमंडल में मौका देने की तैयारी है।
लंबी कवायद के बाद तय हुए नाम
पंजाब की नई कैबिनेट का नाम फाइनल करने के लिए हाईकमान ने लंबी कवायद की है। तीन बार बैठक करने के बाद भी मंत्रिमंडल की सूची को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। इसके बाद राहुल गांधी के आवास पर शुक्रवार देर रात तक बैठक चलती रही। इस बैठक में राहुल गांधी के अलावा प्रियंका गांधी, हरीश रावत, अजय माकन और केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे।
इस बैठक के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके करीबियों को लेकर की गई। कैप्टन के मौजूदा रुख से पार्टी हाईकमान भी चिंतित बताया जा रहा है । यही कारण है कि कांग्रेस नेतृत्व पंजाब के मामले में फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रहा है।
कुछ पुराने मंत्रियों को इसलिए भी मंत्रिमंडल में शामिल करने का फैसला किया गया ताकि वे बगावत करके कहीं कैप्टन के साथ न चले जाएं। पंजाब में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं । किसी भी बगावत का पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
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