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सिद्धू और चन्नी के बीच तल्खी बरकरार, CM के बेटे की शादी से सिद्धू ने कसा किनारा, पहुंचे मां के दरबार में
लखीमपुर कांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी न होने के खिलाफ धरने पर बैठे सिद्धू धरना समाप्त करने के बाद सीधे माता वैष्णो देवी के दरबार में पहुंच गए।
नई दिल्ली : पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू के रिश्तों में तल्खी खत्म नहीं हो सकी है। चन्नी सरकार की ओर से कई वरिष्ठ पदों पर की गई नियुक्तियों से नाराज होकर प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले सिद्धू अभी भी भीतर ही भीतर मुख्यमंत्री चुन्नी से काफी नाराज दिख रहे हैं। इस बात की पुष्टि रविवार को चन्नी के बेटे के शादी समारोह से भी हुई।
मोहाली के सच्चा धाम गुरुद्वारे में रविवार को चन्नी के बेटे की शादी के सिलसिले में आयोजित समारोह में सिद्धू नहीं पहुंचे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत समेत पंजाब कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने इस समारोह में हिस्सा लिया मगर सिद्धू की नामौजूदगी को लेकर लोगों के बीच खूब चर्चा भी रही।
लखीमपुर कांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी न होने के खिलाफ धरने पर बैठे सिद्धू धरना समाप्त करने के बाद सीधे माता वैष्णो देवी के दरबार में पहुंच गए। चन्नी के बेटे की शादी से सिद्धू के किनारा कस लेने के बाद सियासी हलकों में दोनों नेताओं के बीच मतभेद की अटकलों का बाजार एक बार फिर गरमा गया है।
मतभेद की अटकलों को मिला बल
शादी समारोह में सिद्धू की नामौजूदगी ने चन्नी और उनके बीच बढ़ रहे मतभेद की अटकलों को और बल प्रदान किया है। पंजाब कांग्रेस के लगभग सभी वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री के बेटे की शादी में हिस्सा लेने पहुंचे।
मगर सिद्धू के किनारा कसने से साफ हो गया कि आने वाले दिनों में दोनों नेताओं के बीच मतभेद की खाई और चौड़ी हो सकती है। मां वैष्णो देवी के दर्शन के बाद किए गए ट्वीट में सिद्धू ने कहा कि नवरात्रि के दौरान देवी मां के दर्शन का सुख मिला है जो कि आत्मा से सारी गंदगी को धो देता है। माता वैष्णो के चरण कमलों में आकर मैं धन्य हो गया।
नहीं दूर हुई सिद्धू की नाराजगी
सियासी जानकारों का मानना है कि सिद्धू ने जानबूझकर चन्नी के बेटे की शादी से किनारा कसा है। दरअसल वे भीतर ही भीतर चन्नी से काफी नाराज बताए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो से भी चन्नी से उनकी नाराजगी की पुष्टि होती है। इस वीडियो में सिद्धू सीएम बनने की इच्छा जाहिर करने के साथ यह भी कहते भी सुनाई पड़ रहे हैं कि यह आदमी (चन्नी) 2022 में कांग्रेस की लुटिया डुबो देगा।
इससे साफ है कि कांग्रेस के तमाम नेताओं की कोशिशों के बावजूद अभी तक सिद्धू की नाराजगी दूर नहीं हो सकी है। उल्लेखनीय है कि सिद्धू ने चन्नी सरकार की ओर से की गई डीजीपी और एडवोकेट जनरल की नियुक्तियों पर गहरी आपत्ति जताई थी। उन्होंने इसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा भी दे दिया था।
सादगीपूर्ण अंदाज में सीएम के बेटे की शादी
वैसे चन्नी ने बड़े सादगीपूर्ण अंदाज में अपने बेटे की शादी की। वे खुद कार चलाकर अपने आवास से सच्चा धाम गुरुद्वारा पहुंचे। उनके बड़े बेटे नवजीत सिंह की शादी डेराबस्सी के पास अमलाला गांव की रहने वाली सिमरंथीर कौर से हुई।
चन्नी की बहू इंजीनियरिंग ग्रेजुएट है जबकि उनके बेटे नवजीत ने एमबीए की पढ़ाई की है। शादी में मौजूद सभी मेहमान उस समय हैरान रह गए जब मुख्यमंत्री चन्नी अपने बेटे को लेकर खुद कार ड्राइव करते हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। उन्होंने सादगी के साथ बेटे का विवाह किया।
हालांकि इस दौरान पंजाब के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही तमाम अन्य वीआईपी भी मौजूद थे। विवाह के बाद सोमवार को एक होटल में रिसेप्शन का आयोजन किया गया है और अब सबकी नजर इस बात पर टिकी हुई है कि इस रिसेप्शन में हिस्सा लेने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू पहुंचते हैं या नहीं।
लखीमपुर कांड में चन्नी के सक्रिय होने के बाद सिद्धू भी फ्रंटफुट पर बैटिंग करते हुए दिखे थे। इस घटना पर विरोध जताने के लिए चन्नी भी राहुल गांधी के साथ लखनऊ पहुंचे थे तो दूसरी ओर सिद्धू पीड़ित परिजनों से मुलाकात के बाद लखीमपुर में मारे गए पत्रकार के घर के बाहर धरने पर बैठ गए थे।