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कांग्रेस के लिए खुद मुसीबत बने सिद्धू, बयान पर पैदा हुआ विवाद, अकाली दल ने कांग्रेस नेता पर कसा तंज
Punjab Congress Crisis : सिद्धू के ईंटें से ईंट बजा देने के बयान पर विवाद भी पैदा हो गया है। अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने सिद्धू के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मुझे नहीं पता कि वे किसके बारे में इस तरह का बयान दे रहे हैं।
Punjab Congress Crisis : पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) से दो-दो हाथ करने पर उतारू प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) पार्टी हाईकमान के लिए बड़ी मुसीबत बनते जा रहे हैं। उनके ईट से ईट बजा देने के बयान पर भी विवाद पैदा हो गया है। सिद्धू ने शुक्रवार को धमकी भरे अंदाज में कहा था कि यदि हाईकमान की ओर से उन्हें निर्णय लेने की छूट नहीं दी गई तो वे ईट से ईट बजा देंगे। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वे हाईकमान से कैसे फैसलों की छूट चाहते हैं। हाईकमान की ओर से पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी का चेहरा होंगे।
सिद्धू के ईंटें से ईंट बजा देने के बयान पर विवाद भी पैदा हो गया है। अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने सिद्धू के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि मुझे नहीं पता कि वे किसके बारे में इस तरह का बयान दे रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने सिद्धू के बयान पर सफाई पेश करते हुए कहा कि सिद्धू ही पंजाब में कांग्रेस के प्रधान हैं तो ऐसी स्थिति में उनके अलावा कौन फैसला लेगा। वहीं अकाली दल के नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया ने सिद्धू पर तंज कसते हुए उन्हें कांग्रेस में अपना ही आदमी बताया है।
हाईकमान से फैसलों में छूट चाहते हैं सिद्धू
सिद्धू ने अमृतसर में व्यापारियों की बैठक के दौरान धमकी भरे अंदाज में अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटा हुआ हूं और यदि हाईकमान की ओर से मुझे फैसले लेने की छूट नहीं दी गई तो मैं ईंट से ईट बजा दूंगा। उन्होंने कहा कि मैं हाईकमान से एक ही बात करके आया हूं कि यदि मैं पंजाब मॉडल के जरिए लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरूंगा तो कांग्रेस 20 साल तक सत्ता से नहीं जाएगी। लेकिन इसके लिए मुझे फैसलों को लेने में छूट चाहिए क्योंकि मैं केवल दिखावटी घोड़ा बनने के लिए नहीं आया हूं। उन्होंने पंजाब मॉडल के आगे दिल्ली मॉडल के भी फेल हो जाने का दावा किया।
सलाहकारों ने भी पैदा किया विवाद
हाल के दिनों में सिद्धू और उनके सलाहकारों ने कांग्रेस के लिए कई बार मुसीबतें खड़ी की हैं। सिद्धू के सलाहकारों मलविंदर सिंह माली और डॉक्टर प्यारेलाल गर्ग की ओर से विवादित बयान दिए जाने के बाद पार्टी के प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने भी आपत्ति जताई थी और सिद्धू से अपने सलाहकारों को हटाने के लिए कहा था। इसके बाद सिद्धू के सलाहकार मलविंदर सिंह माली ने इस्तीफा दे दिया है। हालांकि उन्होंने इस्तीफा देने के साथ ही कैप्टन पर एक बार फिर बड़ा हमला भी बोला। उन्होंने कहा कि अगर मेरे साथ कोई बात होती है तो इसके लिए पूरी तरह कैप्टन अमरिंदर सिंह ही जिम्मेदार होंगे।
सिद्धू के बयान पर रावत की सफाई
दूसरी ओर सिद्धू का बयान भी पार्टी के लिए बड़ा सिरदर्द बनता दिख रहा है। हालांकि हरीश रावत की ओर से इस बाबत सफाई भी पेश की गई है। उनका कहना है कि सिद्धू का किसी भी बात को कहने का अलग ही अंदाज है और इसी कारण उन्होंने अपने अंदाज में यह बात कही है। कई बार वे चौके की जगह छक्का लगा देते हैं मगर आखिरकार इसका फायदा पार्टी को ही होता है। उन्होंने कहा कि सिद्धू पंजाब में पार्टी के मुखिया हैं और उन्हें भी अन्य नेताओं की तरह अपनी बात कहने की आजादी है। अगर उनकी बातों पर मैं प्रतिक्रिया जताने लगूंगा तो मुझे रोज मीडिया के सामने आना पड़ेगा।
कांग्रेस सांसद ने बयान पर जताई आपत्ति
वैसे सिद्धू के ईंट से ईंट बजा देने के बयान पर विवाद पैदा हो गया है। अमृतसर के कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने सिद्धू के बयान की निंदा करते हुए कहा कि ईट से ईट तो विरोधी पार्टियों की बजाई जा सकती है, अपनों की नहीं। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयानों से पार्टी की छवि खराब होने के साथ ही कार्यकर्ताओं के हौसले पर भी बुरा असर पड़ता है। एक जिम्मेदार पद पर बैठे हुए व्यक्ति को इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि सिद्धू किसके लिए ईंट से ईंट बजाने का बयान दे रहे हैं।
अकाली नेता का सिद्धू पर तंज
दूसरी ओर अकाली दल ने सिद्धू के बयान पर तंज कसते हुए कहा है कि सिद्धू कांग्रेस में हमारे ही आदमी हैं। वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया ने कहा कि कैप्टन की ओर से आयोजित की गई डिनर पार्टी के बाद सिद्धू काफी परेशान दिख रहे हैं। कैप्टन की डिनर पार्टी में 58 विधायक जुटे थे जिसे देख कर सिद्धू परेशान हो गए। इसके साथ ही उनके सलाहकार को भी पद से इस्तीफा देना पड़ा है। मजीठिया ने तंज कसते हुए यहां तक कहा कि हमारे आदमी सिद्धू को अगर कुछ भी होता है तो इसके लिए कैप्टन ही पूरी तरह जिम्मेदार होंगे।
सोनिया से मिलने की तैयारी में सिद्धू खेमा
दरअसल हाल के दिनों में सिद्धू के सलाहकार ही नहीं बल्कि सिद्धू भी उल जलूल बयानबाजी से पार्टी के लिए दिक्कतें पैदा करते रहे हैं। अभी हाल में उनके खेमे की ओर से पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन की मुहिम भी शुरू की गई थी मगर पार्टी हाईकमान की ओर से झटका लगने के बाद सिद्धू का खेमा अभी खामोश बैठा हुआ है। वैसे जानकारों का कहना है कि अभी संकट खत्म नहीं हुआ है क्योंकि सिद्धू खेमे से जुड़े हुए नेता अब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने की तैयारियों में जुटे हुए हैं।