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पंजाब कांग्रेस में फिर घमासान, सिद्धू के सलाहकारों पर बरसे कैप्टन, प्रदेश अध्यक्ष की खामोशी पर उठे सवाल
Punjab Congress Crisis : सिद्धू के सलाहकार मालविंदर सिंह हाल के दिनों में कई बार विवादित टिप्पणियां कर चुके हैं।
Punjab Congress Crisis: कुछ दिनों की शांति के बाद पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर घमासान छिड़ता नजर आ रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू खेमा एक बार फिर आमने-सामने आते दिख रहे हैं। सिद्धू के आक्रामक तेवर और उनके दो सलाहकारों मालविंदर सिंह माली और प्यारे लाल गर्ग की विवादित टिप्पणियों के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने इन टिप्पणियों के खिलाफ कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि हर किसी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि देश विरोधी और समाज के लिए खतरनाक टिप्पणियों को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता।
सिद्धू के सलाहकार मालविंदर सिंह हाल के दिनों में कई बार विवादित टिप्पणियां कर चुके हैं। मजे की बात यह है कि इन टिप्पणियों को लेकर सिद्धू की ओर से अभी तक कोई बयान नहीं जारी किया गया है। सिद्धू की खामोशी पर कांग्रेस नेता भी हैरान है। उनकी खामोशी पर सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस नेता इस बात को लेकर हैरान हैं कि सिद्धू अपने सलाहकारों को विवादित टिप्पणियों से क्यों नहीं रोक रहे हैं। इन टिप्पणियों के कारण दोनों खेमों के बीच खींचतान एक बार फिर बढ़ती जा रही है।
कश्मीर पर विवादित टिप्पणी
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सिद्धू के सलाहकार मालविंदर सिंह ने सोशल मीडिया पर हाल के दिनों में दो विवादित पोस्ट डाले हैं। कश्मीर को लेकर विवादित टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा है कि कश्मीर एक अलग देश है और भारत और पाकिस्तान ने इस पर अवैध कब्जा कर रखा है। उनका यह भी कहना है कि कश्मीर के लोगों को अपने भविष्य का फैसला करने का हक दिया जाना चाहिए।
सलाहकार पर एफआईआर दर्ज करने की मांग
उनकी इस टिप्पणी पर विपक्षी दलों ने भी तीखी प्रतिक्रिया जताई है। शिरोमणि अकाली दल के मुखिया सुखबीर बादल और भाजपा नेताओं ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ ही उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है। दोनों दलों की ओर से इस मुद्दे पर सिद्धू से भी जवाब मांगा गया है। हालांकि सिद्धू ने खामोशी ओढ़ रखी है।
इसके साथ ही सिद्धू के सलाहकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का एक पुरानी पत्रिका में छपा एक कार्टून भी अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया है। इंदिरा गांधी के इस विवादित कार्टून पर गंभीर टिप्पणी भी की गई है। इसे लेकर कांग्रेस नेताओं में जबर्दस्त बेचैनी दिख रही है मगर सिद्धू ने इस बाबत भी अभी तक कोई बयान नहीं दिया है।
कैप्टन ने बयान को घटिया बताया
इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा कि सिद्धू को अपने सलाहकारों को सिर्फ सलाह देने तक ही सीमित रखना चाहिए। उन्हें ऐसे मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए जिनके बारे में उन्हें थोड़ी बहुत जानकारी है या बिल्कुल भी जानकारी नहीं है। इसके साथ ही देश विरोधी और समाज के लिए खतरा पैदा करने वाली टिप्पणियों को कतई सहन नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री ने पाकिस्तान की निंदा करने पर सिद्धू के सलाहकार डॉ प्यारे लाल अग्रवाल की ओर से सवाल किए जाने पर भी तीखी प्रतिक्रिया जताई। उन्होंने सिद्धू के सलाहकारों की टिप्पणियों को काफी गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि सिद्धू के सलाहकार का कश्मीर और पाकिस्तान के संबंध में दिया गया बयान घटिया और बीमार मानसिकता वाला है। इस तरह की टिप्पणियां देश की शांति और स्थिरता के लिए खतरा पैदा करने वाली हैं।
पाकिस्तान को भारत के लिए खतरा बताया
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धू के सलाहकारों को यह बात भी ध्यान रखनी चाहिए कि उनकी टिप्पणियां कांग्रेस की नीतियों के बिलकुल खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अटूट अंग है और उसे किसी भी सूरत में भारत से अलग नहीं किया जा सकता। सिद्धू के सलाहकार मालविंदर सिंह माली का बयान पाकिस्तान परस्त है और देश की एकता का हिमायती होने के कारण उसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों के साथ ही हर देशवासी इस बात को जानता है कि पाकिस्तान हमेशा भारत के लिए खतरा रहा है मगर सिद्धू के सलाहकारों की ओर से ऊल-जलूल टिप्पणियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धू के सलाहकार इस बात को भूल गए हैं कि 80 और 90 के दशक में पाकिस्तान की सहायता से आतंकियों ने हजारों पंजाबियों की जान ले ली थी।
सिद्धू की खामोशी पर हैरानी
दोनों खेमों के बीच चल रही इस खींचतान में सिद्धू की खामोशी भी अचरज का विषय बनी हुई है। अपने सलाहकारों पर हमला किए जाने के बाद भी सिद्धू ने इस मुद्दे पर अभी तक अपना मुंह नहीं खोला है। विपक्षी दलों की ओर से हमलावर रवैया अपनाए जाने के बाद भी सिद्धू की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है।
कांग्रेस नेता भी सिद्धू के इस रवैये को लेकर हैरान हैं। कैप्टन की ओर से सिद्धू के सलाहकारों पर किए गए इस हमले के बाद माना जा रहा है कि पार्टी में घमासान और तेज हो सकता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि सिद्धू और पार्टी हाईकमान की ओर से इस मुद्दे पर क्या रवैया अपनाया जाता है।