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कैप्टन-सिद्धू के बीच फिर टकराव बढ़ा, सोनिया के दरबार में पहुंचा मामला, दोनों नेताओं को नेतृत्व की नसीहत
Punjab Congress Crisis : कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कैप्टन और सोनिया की मुलाकात करीब एक घंटे तक चली और इस मुलाकात के दौरान पंजाब में पार्टी और सरकार से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई।
Punjab Congress Crisis: कांग्रेस नेतृत्व की ओर से भले ही पंजाब कांग्रेस का विवाद (Congress Crisis) सुलझने का दावा किया जा रहा है मगर सच्चाई यह है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) और पंजाब कांग्रेस के नए अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के बीच अभी भी खींचतान चल रही है। सिद्धू की ओर से नशे के मुद्दे पर कैप्टन सरकार को घेरे जाने के बाद एक बार फिर दोनों पक्षों में विवाद गहरा गया है। सिद्धू की ओर से किए गए इस हमले के बाद कैप्टन काफी नाराज बताए जा रहे हैं और उन्होंने बुधवार को इस मामले की शिकायत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से की है।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कैप्टन और सोनिया की मुलाकात करीब एक घंटे तक चली और इस मुलाकात के दौरान पंजाब में पार्टी और सरकार से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत का कहना है कि सोनिया गांधी ने दोनों पक्षों को अपनी-अपनी हदों में रहकर काम करने और एक-दूसरे का सहयोग करने की नसीहत दी है। कांग्रेस नेतृत्व की ओर से पहले भी दोनों नेताओं को इस तरह की नसीहत दी जा चुकी है मगर कैप्टन और सिद्धू में पटरी बैठती नहीं दिख रही है।
सिद्धू ने अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पंजाब कांग्रेस में सिद्धू और कैप्टन के बीच मतभेदों को दूर करने की हाईकमान की कवायद सफल होती नहीं दिख रही है। सोमवार को सिद्धू की ओर से किए गए कई ट्वीट से साफ है कि वे अपनी ही सरकार की ओर से की गई कार्रवाई को लेकर सवाल उठाने से पीछे नहीं हट रहे हैं। सिद्धू ने अपने ट्वीट में कहा कि पंजाब में नशे की बिक्री रोकने और बड़ी मछलियों को पकड़ने के लिए पंजाब पुलिस की ओर से एसआईटी का गठन किया गया था, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि एसआईटी की ओर से क्या कार्रवाई की गई है।
उन्होंने कहा कि 2018 में एडीजी हरप्रीत सिद्धू के नेतृत्व में एसटीएफ ने विक्रमजीत सिंह मजीठिया और अन्य लोगों के नशा तस्करी में शामिल होने के मामले में ईडी की ओर से दर्ज किए गए बयानों पर सबूतों की जांच की गई थी। बाद में इस मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में रिपोर्ट भी दाखिल की गई थी। उन्होंने इस जांच रिपोर्ट को तुरंत सार्वजनिक करने की मांग की ताकि लोगों को नशा तस्करी के मामले की असलियत का पता लग सके।
सियासी जानकारों का कहना है कि सिद्धू के रुख से साफ है कि वे अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करने से परहेज नहीं कर रहे। वे समय-समय पर चुनावी घोषणा पत्र में पार्टी की ओर से किए गए वादों को पूरा करने पर भी दबाव डालते रहे हैं। कांग्रेस के ही कुछ नेताओं का मानना है कि ऐसा करके वे अपनी ही सरकार के लिए मुसीबतें खड़ी कर रहे हैं।
सिद्धू के हमलों की सोनिया से शिकायत
सिद्धू के हमलावर रवैये से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान सिद्धू की ओर से किए गए हमलों को लेकर नाराजगी भी जताई।। सोनिया गांधी और कैप्टन की मुलाकात के बाद पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्य सरकार और संगठन को मिलकर काम करने को कहा है। रावत ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने दोनों नेताओं कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू को अपनी-अपनी हदों में रहने और एक-दूसरे का सहयोग करने को भी कहा है ताकि पार्टी को मजबूत बनाया जा सके।
कैप्टन की सिद्धू से नाराजगी संबंधी सवाल पर रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सिद्धू से नाराज होने की कोई बात नहीं कही है। उन्होंने कहा कि ये सब बातें मीडिया की ओर से उछाली जा रही हैं जबकि कैप्टन ने इस संबंध में कोई बयान नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब में दोनों नेता विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी को मजबूत बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
कैप्टन और सिद्धू के रिश्ते सहज नहीं
दूसरी और पंजाब कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष पद पर सिद्धू की ताजपोशी के बाद मुख्यमंत्री और सिद्धू के रिश्ते अभी तक सहज नहीं दिख रहे हैं। कांग्रेस नेतृत्व की ओर से समझाए जाने के बाद कैप्टन ने सिद्धू के ताजपोशी कार्यक्रम में हिस्सा तो जरूर लिया था मगर सिद्धू बीच-बीच में कैप्टन सरकार को घेरते रहे हैं। कांग्रेस नेतृत्व की ओर से भले ही दोनों नेताओं के बीच विवाद सुलझ जाने का दावा किया जा रहा हो मगर इस दावे में सच्चाई नहीं है।
सिद्धू की ताजपोशी के बाद दोनों नेताओं की बैठक भी हो चुकी है मगर फिर भी दोनों के बीच विवाद अभी तक सुलझ नहीं पाया है। यही कारण है कि सिद्धू की ताजपोशी के बाद कैप्टन और सोनिया की पहली मुलाकात को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस मुलाकात को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि जल्द ही कैप्टन मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाएं सुनी जा रही हैं। माना जा रहा है कि कैप्टन कुछ मंत्रियों की छुट्टी करके नए मंत्रियों को काम करने का मौका दे सकते हैं।