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Punjab Congress Dispute: सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी की चर्चाओं के बीच कैप्टन की लंच डिप्लोमेसी, समर्थकों संग बनाएंगे रणनीति

Punjab Congress Dispute: दिल्ली में चली इन सियासी गतिविधियों के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी सक्रिय हो गए हैं। कैप्टन ने जवाबी रणनीति बनाने के लिए लंच डिप्लोमेसी का कार्ड खेला है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shashi kant gautam
Published on: 1 July 2021 10:47 AM IST
Captains lunch diplomacy amidst discussions of big responsibility to Sidhu
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कैप्टन की लंच डिप्लोमेसी: फोटो- सोशल मीडिया

Punjab Congress Dispute: पंजाब कांग्रेस में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और असंतुष्ट नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच छिड़ी जंग को सुलझाने के लिए हाईकमान की ओर से जल्द फॉर्मूला सामने लाया जा सकता है। सिद्धू ने बुधवार को सुबह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद देर शाम पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी पंजाब कांग्रेस के मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की। इस चर्चा के बाद पंजाब कांग्रेस में सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी सौंपे जाने की बात सामने आ रही है।

दिल्ली में चली इन सियासी गतिविधियों के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी सक्रिय हो गए हैं। कैप्टन ने जवाबी रणनीति बनाने के लिए लंच डिप्लोमेसी का कार्ड खेला है। उन्होंने पंजाब कांग्रेस में अपने समर्थक नेताओं और विधायकों को आज लंच पर आमंत्रित किया है। लंच का यह कार्यक्रम कैप्टन के फार्म हाउस पर आयोजित होगा। माना जा रहा है कि इस लंच कार्यक्रम के जरिए कैप्टन अपनी सियासी ताकत दिखाने के साथ ही भावी रणनीति पर भी चर्चा करेंगे।

प्रियंका से बातचीत में तय हुआ फार्मूला

पंजाब कांग्रेस का झगड़ा कांग्रेस हाईकमान के लिए बड़ी मुसीबत बन चुका है। पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हाईकमान जल्द से जल्द पार्टी की आंतरिक कलह दूर करने की कोशिश में जुटा हुआ है। पार्टी हाईकमान से मुलाकात करने के लिए सिद्धू सोमवार को ही दिल्ली पहुंच गए थे मगर उनकी मंगलवार को राहुल और प्रियंका से मुलाकात नहीं हो सकी। दस जनपथ के लिए रवाना होने से पूर्व राहुल का कहना था कि उनकी सिद्धू के साथ कोई मीटिंग तय नहीं है। इसके बाद सिद्धू खेमे की ओर से बुधवार को हाईकमान से मुलाकात होने की बात कही गई थी।

प्रियंका से बातचीत में तय हुआ फार्मूला: फोटो- सोशल मीडिया

बुधवार को सुबह सिद्धू की पंजाब कांग्रेस के मुद्दे पर प्रियंका गांधी के साथ विस्तृत बातचीत हुई। जानकारों के मुताबिक सिद्धू और प्रियंका की मुलाकात में पंजाब कांग्रेस का झगड़ा समझाने के लिए फार्मूले पर बातचीत हुई। सिद्धू से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी राहुल गांधी के आवास पर पहुंचीं और उनसे पंजाब कांग्रेस को लेकर गुफ्तगू की। राहुल से मुलाकात के बाद प्रियंका ने इस मुद्दे पर सोनिया गांधी से भी चर्चा की।

राहुल गांधी से भी सिद्धू की विस्तृत चर्चा

जानकारों के अनुसार मुलाकात के दौरान प्रियंका ने सिद्धू को एक फार्मूला सुझाया है जिस पर वे राजी हो गए हैं। इसके तहत आने वाले दिनों में सिद्धू को पंजाब कांग्रेस में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। प्रियंका से मुलाकात के बाद सिद्धू ने बुधवार को शाम राहुल गांधी से भी मुलाकात की और उनके साथ करीब सवा घंटे तक पंजाब कांग्रेस के झगड़े पर चर्चा की।

हालांकि दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत का पूरा ब्योरा सामने नहीं आ सका है मगर माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान पंजाब में कैप्टन को चेहरा बनाने के साथ ही सिद्धू को भी बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकता है। सिद्धू ने लंबे समय से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और वह बीच-बीच में खुलकर उनके खिलाफ बयान देते रहे हैं।

कैप्टन ने लिया लंच डिप्लोमेसी का सहारा

दिल्ली में सिद्धू की हाईकमान से मुलाकात के बाद उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपे जाने की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी बड़ी सियासी चाल चली है। उन्होंने आज अपने समर्थक नेताओं और विधायकों को अपने फार्म हाउस पर लंच के लिए आमंत्रित किया है। सियासी जानकारों का कहना है कि लंच तो एक बहाना है मगर इसके जरिए कैप्टन अपनी ताकत दिखाने के साथ ही भावी रणनीति पर भी चर्चा करना चाहते हैं।

दरअसल कैप्टन को पंजाब कांग्रेस में सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी सौंपा जाना कतई मंजूर नहीं है और इस बाबत वे अपना रुख पर हाईकमान की ओर से बनाई गई सुलह कमेटी को स्पष्ट कर चुके हैं। इसलिए सबकी नजर अब इस बात पर टिकी है कि कैप्टन अब क्या भावी रणनीति अपनाते हैं।

कैप्टन हाईकमान से कर चुके हैं शिकायत

पंजाब कांग्रेस में कैप्टन और सिद्धू के बीच काफी दिनों से खींचतान चल रही है और यही कारण है कि पार्टी अभी तक अगले साल होने वाले चुनाव की तैयारियों में नहीं जुट सकी है। सिद्धू खुलकर कैप्टन के खिलाफ बयानबाजी करने में जुटे हुए हैं और कैप्टन ने इस बाबत हाईकमान से शिकायत भी की है।

हाईकमान की भी यही राय है कि किसी भी मुद्दे पर मतभेद की बातें पार्टी फोरम में ही रखी जानी चाहिए मगर हाईकमान अभी तक सिद्धू को बयानबाजी से नहीं रोक सका है। माना जा रहा है कि सिद्धू से मुलाकात के दौरान राहुल और प्रियंका ने उन्हें कैप्टन के खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी से बचने की नसीहत भी दी है।

सिद्धू की ताजपोशी पर कैप्टन तैयार नहीं

पंजाब कांग्रेस के झगड़े में सबसे बड़ा पेंच सिद्धू को सौंपी जाने वाली जिम्मेदारी को लेकर फंसा हुआ है। पहले सिद्धू को कैप्टन की कैबिनेट में डिप्टी सीएम बनाने की बात चर्चाओं में थी मगर सिद्धू ने डिप्टी सीएम का पद लेने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि कैप्टन की अगुवाई में भी वे कोई भी काम फ्रीहैंड होकर नहीं कर सकेंगे।

सिद्धू की नजर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर टिकी हुई है मगर उन्हें यह पद सौंपने के लिए कैप्टन तैयार नहीं है। दोनों नेताओं के बीच इसी खींचतान में पंजाब कांग्रेस का झगड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है और इस सियासी घमासान में कई और सांसद और विधायक भी कूद पड़े हैं।

राहुल की कई कांग्रेसी नेताओं से चर्चा: फोटो- सोशल मीडिया

राहुल की कई कांग्रेसी नेताओं से चर्चा

पंजाब कांग्रेस का झगड़ा समझाने के लिए पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन सदस्यीय सुलह कमेटी का गठन किया था। सुलह कमेटी ने पिछले दिनों कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू सहित पंजाब के विभिन्न मंत्रियो, सांसदों और विधायकों से बातचीत की थी। सुलह कमेटी ने कई दिनों पूर्व कांग्रेस हाईकमान को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी मगर अभी तक पंजाब कांग्रेस में छिड़ा संग्राम खत्म नहीं हो सका है।

पंजाब कांग्रेस की आंतरिक कलह को दूर करने के लिए राहुल गांधी ने हाल में पंजाब कांग्रेस के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की है और उनसे राज्य के सियासी हालात की जानकारी ली है। राहुल गांधी से मुलाकात करने वालों में पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, सांसद प्रताप सिंह बाजवा, गुरजीत सिंह औजला और मनीष तिवारी शामिल हैं। इन बड़े नेताओं के अलावा राहुल गांधी ने राज्य के कुछ विधायकों से भी मुलाकात की है।

कैप्टन को तैयार करना आसान नहीं

सियासी जानकारों का कहना है कि सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी सौंपने के लिए कैप्टन को तैयार करना भी आसान काम नहीं है। कैप्टन ने इस बाबत सुलह समिति के सामने भी अपना रुख स्पष्ट कर दिया था। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी सौंपे जाने के संबंध में हाईकमान की ओर से एक-दो दिनों के भीतर फैसला लिया जा सकता है।

पंजाब कांग्रेस के संबंध में कोई भी फैसला लेने से पहले हाईकमान कैप्टन को भी विश्वास में लेना चाहता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि कैप्टन हाईकमान की ओर से उठाए जाने वाले कदमों पर अपनी सहमति जताते हैं या नहीं। इस मुद्दे पर हर किसी को कैप्टन की प्रतिक्रिया का ही इंतजार है।

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