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Punjab Congress: पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन की मांग फिर खारिज, रावत की कैप्टन से मुलाकात पर टिकीं नजरें

Punjab Congress : पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग को एक बार फिर खारिज कर दिया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shraddha
Published on: 1 Sep 2021 8:33 AM GMT
Punjab Congress: पंजाब में नेतृत्व परिवर्तन की मांग फिर खारिज, रावत की कैप्टन से मुलाकात पर टिकीं नजरें
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Punjab Congress : पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग को एक बार फिर खारिज कर दिया है। चंडीगढ़ में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) और उनके खेमे से जुड़े मंत्रियों और विधायकों से मुलाकात के दौरान राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठाई गई थी। रावत ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि यह समय राज्य में नेतृत्व बदलने का नहीं बल्कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुट जाने का है। उन्होंने कहा कि राज्य में पार्टी से जुड़े सभी नेताओं को आपसी मतभेद दूर करते हुए पार्टी को मजबूत बनाने में जुट जाना चाहिए।


सिद्धू खेमे से जुड़े नेताओं से देहरादून में मुलाकात के दौरान भी रावत ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Chief Minister Captain Amarinder Singh) को पद से हटाए जाने की मांग को खारिज कर दिया था। उनका कहना था कि 2022 के विधानसभा चुनाव में पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह ही कांग्रेस का चेहरा होंगे। रावत की ओर से राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग खारिज किया जाना सिद्धू खेमे के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। अब हर किसी की नजर रावत की मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ होने वाली मुलाकात पर टिकी है।

सिद्धू के बयान के बाद सियासी भूचाल


नवजोत सिंह सिद्धू  (फाइल फोटो - सोशल मीडिया)

पंजाब कांग्रेस में बढ़ते संकट और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खेमों के बीच बड़ी रार के बाद हरीश रावत चंडीगढ़ पहुंचे हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर सिद्धू की ताजपोशी के बाद से ही सिद्धू और उनका खेमा लगातार कैप्टन सरकार पर हमलावर है। इस खेमे से जुड़े नेताओं की ओर से सरकार पर चुनावी वादे पूरा न करने का आरोप लगाया जा रहा है।

सिद्धू ने पिछले दिनों व्यापारियों की बैठक के दौरान प्रदेश के मामलों में फैसले की छूट न मिलने पर ईंट से ईंट बजा देने का बड़ा बयान दिया था। उनके इस बयान के बाद राज्य की सियासत में भूचाल आया हुआ है। कांग्रेस हाईकमान की ओर से रावत को संकट सुलझाने के लिए चंडीगढ़ भेजा गया है।

सिद्धू खेमे के नेताओं से मिले रावत


 हरीश रावत - नवजोत सिंह सिद्धू (डिजाइन फोटो - सोशल मीडिया)

चंडीगढ़ पहुंचने के बाद मंगलवार को हरीश रावत ने खेल मंत्री राणा सोढ़ी, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कुलजीत नागरा और सिद्धू खेमे से जुड़े प्रमुख नेता और विधायक परगट सिंह से मुलाकात की। बाद में वे परगट और नगरा के साथ पार्टी के दफ्तर भी पहुंचे। पार्टी दफ्तर में उनकी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात हुई। सिद्धू से मुलाकात के दौरान उनके खेमे की ओर से राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग की गई जिसे रावत ने पूरी तरह खारिज कर दिया। उनका तर्क था कि राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और कैप्टन सरकार ठीक से काम कर रही है। ऐसे में राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग का कोई तुक नहीं है।


सिद्धू से मुलाकात के बाद मीडिया से चर्चा में रावत ने कहा कि उनकी प्रदेश अध्यक्ष के साथ संगठन को मजबूत बनाने पर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य में चुनाव जीतने के लिए पार्टी सभी नेताओं का पूरा सहयोग लेगी। सभी नेताओं को उनकी योग्यता के अनुसार जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी। उन्होंने कहा कि राज्य में चुनाव अभियान तेज करने के लिए जल्दी ही विभिन्न कमेटियों का गठन भी किया जाएगा। रावत ने बताया कि सिद्धू ने 15 दिनों के भीतर संगठन के ढांचे को पूरी तरह दुरुस्त करने की बात कही है।

कैप्टन के साथ महत्वपूर्ण बैठक आज

सिद्धू खेमे से मुलाकात के बाद अब रावत की बुधवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। सिद्धू खेमे की ओर से नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठाए जाने के कारण कैप्टन भीतर ही भीतर नाराज बताए जा रहे हैं।

पिछले दिनों एक सियासी डिनर का आयोजन करके कैप्टन ने सिद्धू खेमे को अपनी ताकत दिखाई थी। कैप्टन की ओर से आयोजित इस सियासी डिनर में कांग्रेस के 58 विधायकों और कई सांसदों ने हिस्सा लिया था। माना जा रहा है कि रावत से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

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