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कांग्रेस की नई मुसीबत: सिब्बल बोले-अध्यक्ष न होना दुर्भाग्यपूर्ण, आखिर कौन ले रहा पार्टी में फैसले

Punjab Congress : पंजाब में छिड़े घमासान के कारण संकट में फंसे कांग्रेस नेतृत्व के लिए अब एक नया मोर्चा खुलता नजर आ रहा है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Vidushi Mishra
Published on: 29 Sept 2021 5:48 PM IST
Kapil Sibal
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कपिल सिब्बल

Punjab Congress : पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) और नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के इस्तीफे के बाद संकट में फंसी कांग्रेस (Punjab Congress) के लिए कपिल सिब्बल ने एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है। जी-23 से जुड़े सबसे मुखर सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने एक बार फिर कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की मांग उठाई है।

कपिल सिब्बल का बयान (Kapil Sibal Ka Bayan)

उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि कांग्रेस के पास कोई स्थायी अध्यक्ष नहीं है। हम लोगों ने पिछले साल अगस्त में अध्यक्ष के चुनाव की मांग उठाई थी । मगर आज तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने इस बाबत वर्किंग कमेटी की अविलंब बैठक बुलाने की भी मांग की।

पंजाब में छिड़े घमासान के कारण संकट में फंसे कांग्रेस नेतृत्व के लिए अब एक नया मोर्चा खुलता नजर आ रहा है। सिब्बल इससे पहले भी कई मौकों पर पार्टी में स्थायी अध्यक्ष के चुनाव की मांग कर चुके हैं ।

मगर कांग्रेस नेतृत्व इस मुद्दे को समय-समय पर टालता रहा है। पहले कोरोना महामारी के आधार पर नए अध्यक्ष के चुनाव का मुद्दा टाला गया। अब कांग्रेस नेतृत्व ने इस मुद्दे पर लंबे समय से चुप्पी साध रखी है।

इंतजार करने की भी हद होती है

सिब्बल ने बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर अपने मन की बातें रखीं। उन्होंने कहा कि हम सभी लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े रहे हैं।हम इस पार्टी को कमजोर होते नहीं देखना चाहते। हम कितने समय से कांग्रेस में चुने गए अध्यक्ष का इंतजार कर रहे हैं ।

कपिल सिब्बल (फोटो- सोशल मीडिया)

मगर इंतजार करने की भी एक हद होती है। हम सभी उन लोगों में शामिल हैं , जो हर मौके पर कांग्रेस के साथ खड़े रहे हैं। हम कांग्रेस को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। यही कारण है कि हमने कभी कांग्रेस के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया।

लोगों की बात सुने कांग्रेस नेतृत्व

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को लोगों की बात सुननी होगी । पार्टी को बुनियादी स्तर पर मजबूत बनाना होगा। पंजाब में काफी दिनों से संकट का दौर चल रहा है मगर हमने उस बाबत कभी कोई टिप्पणी नहीं की।

सियासी जानकारों का कहना है कि कपिल सिब्बल ने हम शब्द का प्रयोग करके जी 23 में शामिल नेताओं की ओर इशारा किया है। उनका इशारा बिल्कुल साफ है कि सिब्बल के अलावा जी 23 में शामिल किसी भी नेता ने पार्टी को कमजोर बनाने या पार्टी के खिलाफ बयान देने में कोई भूमिका नहीं निभाई है। सिब्बल ने इस बात को स्पष्ट भी किया और कहा कि मैं उन कांग्रेसियों की ओर से बोल रहा हूं जिन्होंने पिछले साल पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए पत्र लिखा था।

नए अध्यक्ष की दिशा में कोई कदम नहीं

उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि जब पार्टी में कोई अध्यक्ष ही नहीं है तो पता नहीं फैसले कौन ले रहा है। पार्टी से जुड़े लोग लगातार इस्तीफा देकर दूसरे दलों की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं । अब इस मुद्दे पर सोचने का वक्त आ गया है। सिब्बल ने कहा कि पिछले साल अगस्त में नए कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए पत्र लिखा गया था । मगर आज तक हम सभी इस दिशा में कदम उठाए जाने का इंतजार कर रहे हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम किसी के समर्थन या किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम पार्टी के साथ हैं । मगर पार्टी में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। पंजाब का संकट काफी दिनों से चल रहा है ।

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी को दिल्ली से कंट्रोल किए जाने पर आपत्ति जताई और कहा कि यह कदम उचित नहीं माना जा सकता।

पार्टी से लगातार इस्तीफों पर उठाए सवाल

ज्योतिरादित्य सिंधिया (फोटो- सोशल मीडिया)

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी का गौरवशाली इतिहास रहा है मगर पार्टी के मौजूदा हालात नहीं देखे जाते। पार्टी आज ऐसी स्थिति में पहुंच गई है जिसे देखकर तकलीफ होती है।

सिब्बल ने ज्योतिरादित्य सिंधिया, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फलेरियो, सुष्मिता देव, जितिन प्रसाद और केरल के कांग्रेस नेता सुधीरन का उल्लेख करते हुए कहा कि पार्टी के इन सभी नेताओं ने इस्तीफा दे दिया और लगातार लोग हमें छोड़कर जा रहे हैं। इतने लोगों के कांग्रेस छोड़ने पर सवाल उठना लाजमी है । सवाल यह है कि लोग कांग्रेस क्यों छोड़ रहे हैं। इस बाबत कांग्रेस वर्किंग कमेटी में चर्चा की जानी चाहिए।

सिब्बल ने कहा कि ऐसे लोग भी पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, जिन्हें कभी कांग्रेस नेतृत्व का काफी करीबी माना जाता रहा है। उन्होंने कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेताओं से पार्टी में वापस आने की भी अपील की और कहा कि कांग्रेसी ही अकेली ऐसी पार्टी है जो इस देश को बचाने में सक्षम है।

पार्टी में फिर मुखर हुआ जी-23

सिब्बल को जी-23 का सबसे मुखर सदस्य माना जाता रहा है। जी-23 नेताओं का वह ग्रुप है,जिसने पिछले साल अगस्त में कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में पार्टी के संगठन को मजबूत बनाने के लिए कदम उठाने की भी मांग की गई थी।

सिब्बल ने कहा कि हम वह नेता नहीं है जो जी हजूरी कर सकें। सिब्बल के बयान से साफ है कि एक बार फिर पार्टी के पुराने और बुजुर्ग नेताओं की ओर से नेतृत्व पर नए कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए दबाव बढ़ाया जाएगा।

जी-23 में सिब्बल के अलावा गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रेणुका चौधरी,शशि थरूर, संदीप दीक्षित और राज बब्बर जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं। पंजाब संकट के बीच सिब्बल की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस कांग्रेस नेतृत्व के लिए नई मुसीबत लेकर आई है। आने वाले दिनों में वरिष्ठ नेताओं की ओर से पार्टी नेतृत्व पर दबाव बढ़ना तय माना जा रहा है।



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Vidushi Mishra

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