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Punjab News: पंजाब कांग्रेस में 'एक परिवार एक टिकट' का फार्मूला, सिद्धू ने एक तीर से साधे कई निशाने, चन्नी समेत कई नेताओं को लगा झटका
Punjab News: कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में सिद्धू के दबाव के चलते पार्टी ने 'एक परिवार, एक टिकट' के फार्मूले को लागू करने का फैसला किया।
Punjab News: पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है। दरअसल सिद्धू के दबाव के चलते पंजाब कांग्रेस में एक नया फार्मूला लागू किया गया है। कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी (congress screening committee baithak) की बैठक में सिद्धू के दबाव के चलते पार्टी ने 'एक परिवार, एक टिकट' के फार्मूले (ek parivar ek ticket formula) को लागू करने का फैसला किया। इसके साथ ही यह भी फैसला लिया गया है कि मौजूदा विधायक अपनी सीट नहीं बदलेंगे।
कांग्रेस महासचिव अजय माकन (Ajay Maken) की अगुवाई में हुई बैठक में इस फार्मूले को लागू करने का फैसला किया गया। जानकारों का कहना है कि सिद्धू ने इस फार्मूले को लागू करवाकर एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है। सिद्धू के निशाने पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी समेत कांग्रेस के कई बड़े नेता हैं जो अपने रिश्तेदारों को टिकट दिलाने की पैरोकारी में जुटे हुए हैं। अब ऐसे नेताओं के सपनों पर ग्रहण लगना तय माना जा रहा है।
सिद्धू के दबाव में बनी सहमति
पंजाब में विधानसभा चुनाव (Punjab Vidhan Sabha Election) के लिए कांग्रेस में टिकट बंटवारे के लिए माथापच्ची शुरू कर दी गई है। इसी सिलसिले में स्क्रीनिंग कमेटी की गुरुवार को देर रात बैठक हुई थी। इस बैठक में ही सिद्धू के दबाव में एक परिवार एक टिकट फार्मूले को लागू करने पर सहमति बनी। पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी का कहना है कि राज्य में प्रत्याशियों के नाम तय करने की कवायद तेज कर दी गई है और 90 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पर सहमति बन चुकी है।
उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से जिताऊ उम्मीदवारों को ही मैदान में उतारा जाएगा और इसके लिए सर्वे की भी मदद ली गई है। इस सर्वे के जरिए ऐसे प्रत्याशियों के नाम तय करने की कोशिश की गई है जो चुनाव में जीत हासिल करने में सक्षम हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक भी जल्द बुलाई जा सकती है। इस बैठक के बाद 30-35 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया जा सकता है। शनिवार को भी स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक बुलाई गई है जिसमें राज्य से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
इन नेताओं का टूटेगा सपना
जानकार सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने एक परिवार एक टिकट के फार्मूले को काफी सोच समझकर लागू कराया है। इस फार्मूले से राज्य के कई बड़े कांग्रेसी नेताओं को करारा झटका लगना तय माना जा रहा है। इन नेताओं में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री चन्नी के भाई डॉ मनोहर सिंह बस्सी पठाना से चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में जुटे हुए हैं। क्षेत्र में अपनी जीत को पक्का करने के लिए उन्होंने सक्रियता काफी बढ़ा दी है मगर पार्टी के इस फैसले से उन्हें बड़ा झटका लगेगा।
कपूरथला के विधायक राणा गुरजीत भी सिद्धू के निशाने पर हैं। राणा गुरजीत सिद्धू विरोधी खेमे के माने जाते हैं और वे समय-समय पर सिद्धू पर हमला भी करते रहे हैं। अभी हाल में भी उन्होंने सिद्धू पर तंज कसा था। राणा गुरजीत अपने बेटे को सुल्तानपुर लोधी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में जुटे हुए हैं। सिद्धू ने इस फार्मूले के जरिए उनका सपना भी तोड़ने की कोशिश की है।
पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद प्रताप सिंह बाजवा का अपने भाई को चुनाव मैदान में उतारने का सपना भी अब अधूरा ही रह जाएगा। पार्टी की वरिष्ठ नेता राजिंदर कौर भट्ठल अपने बेटे को चुनाव मैदान में उतारना चाहती हैं मगर पार्टी में लागू किए गए नए फार्मूले से उन्हें भी बड़ा झटका लगेगा।