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Punjab Politics: ड्रग्स केस में मजीठिया के खिलाफ FIR, पंजाब की सियासत गरमाई, अकाली दल का सरकार पर हमला

Punjab Politics: पंजाब में डीजीपी को बदले जाने के बाद यह पहली बड़ी कार्रवाई की गई है। चन्नी सरकार ने हाल ही में इकबाल प्रीत सिंह सहोता को हटाकर सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को कार्यकारी डीजीपी बनाया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Vidushi Mishra
Published on: 21 Dec 2021 12:43 PM IST
bikramjit singh majithia
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बिक्रमजीत सिंह मजीठिया नवजोत सिंह सिद्धू (फोटो- सोशल मीडिया)

Punjab Politics: पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले ड्रग्स का मुद्दा भी गरमाता जा रहा है। शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia Drug Case) के खिलाफ ड्रग्स केस में एफआईआर दर्ज की गई है। ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (Bureau of Investigation) की ओर से मोहाली में स्टेट क्राइम पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

अकाली नेता(Shiromani Akali Dal) के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद पंजाब की सियासत (punjab politics) गरमा गई है। अकाली दल ने चन्नी सरकार (Channi Government) पर मजीठिया को झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगाया है। इस मामले में मजीठिया को किसी भी समय गिरफ्तार किया जा सकता है।

पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ड्रग्स मामले को समय-समय पर उठाते रहे हैं और इस मामले में कार्रवाई न होने पर अपनी ही सरकार पर हमला करते रहे हैं। माना जा रहा है कि इसी कारण दबाव में आई सरकार ने मजीठिया(Bikram Singh Majithia Drug Case) के खिलाफ फंदा कस दिया है।


डीजीपी बदलने के बाद बड़ी कार्रवाई

पंजाब में डीजीपी को बदले जाने के बाद यह पहली बड़ी कार्रवाई की गई है। चन्नी सरकार ने हाल ही में इकबाल प्रीत सिंह सहोता को हटाकर सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को कार्यकारी डीजीपी बनाया है। चट्टोपाध्याय को सिद्धू की पसंद बताया जा रहा है। ड्रग्स केस में मजीठिया के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 25, 27 ए व 29 के तहत केस दर्ज किया गया है।

पंजाब पुलिस की ओर से 2013 में ड्रग रैकेट का खुलासा किया गया था। इस मामले में बॉक्सर विजेंदर का नाम भी उछला था। पूर्व डीएसपी जगदीश भोला ने इस मामले में मजीठिया का नाम लेकर पंजाब की सियासत में सनसनी फैला दी थी। इस मामले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मजीठिया पर तीखे आरोप लगाए थे। बाद में मजीठिया की ओर से मानहानि का केस दायर किए जाने के बाद केजरीवाल को माफी भी मांगनी पड़ी थी।

सिद्धू के दबाव का नतीजा

पंजाब में विधानसभा चुनाव (Punjab Vidhan Sabha Chunav) के मद्देनजर इन दिनों सियासी गतिविधियां काफी तेज हो गई हैं। ऐसे में अकाली नेता मजीठिया के खिलाफ केस दायर होने के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है। वैसे इस कार्रवाई के पीछे सिद्धू के दबाव को बड़ा कारण माना जा रहा है। वे ड्रग्स कारोबार को लेकर पहले कैप्टन सरकार और अब चन्नी सरकार को घेरते रहे हैं।


उन्होंने ड्रग्स कारोबार के संबंध में स्टेट टास्क फोर्स की रिपोर्ट सार्वजनिक न किए जाने पर भी सरकार को घेरा था। उनका दावा था कि इस रिपोर्ट में मजीठिया का नाम भी शामिल है मगर इस रिपोर्ट को दबा दिया गया है। अब सरकार की ओर से इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मजीठिया के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।

अकाली दल की तीखी प्रतिक्रिया

सिद्धू की पसंद माने जाने वाले सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने डीजीपी का कार्यभार संभालते समय ही ड्रग्स रैकेट में कार्रवाई करने की बात कही थी। मजीठिया के खिलाफ केस दायर होने के बाद अकाली दल ने चन्नी सरकार पर बड़ा हमला बोला है।

अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा ने आरोप लगाया कि चन्नी सरकार की ओर से मजीठिया को फंसाने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है और मजीठिया को जानबूझकर फ॔साया जा रहा है।

अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल भी मजीठिया को लेकर सरकार की घेरेबंदी करते रहे हैं। उनका भी आरोप है कि कांग्रेस नेता सिद्धू मजीठिया को ड्रग्स रैकेट में फंसाने के लिए पंजाब पुलिस और प्रदेश सरकार पर दबाव बना रहे हैं। अब सरकार की ओर से इस मामले में कार्रवाई किए जाने के बाद राज्य का सियासी माहौल और गरमा गया है।



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Vidushi Mishra

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