TRENDING TAGS :
Punjab Congress: सिद्धू और चन्नी की बैठक में कई मुद्दों पर फंसा पेंच, कमेटी का होगा गठन, नेताओं की चुप्पी से बढ़ा सस्पेंस
Punjab Congress: गुरुवार को चंडीगढ़ के पंजाब भवन में नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मुलाकात की। मुलाकात का सिलसिला करीब 2 घंटों तक चला।
Punjab Congress: पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के साथ हुई बैठक (Baithak) के नतीजों को लेकर सस्पेंस अभी नहीं दूर हो सका है। सिद्धू के इस्तीफा (Navjot Singh Sidhu ka Istifa) देने के 72 घंटे बाद उनकी मुख्यमंत्री चन्नी के साथ बैठक तो जरूर हुई, मगर बैठक के बाद चन्नी और सिद्धू दोनों ही मीडिया से बातचीत किए बिना ही निकल गए। दोनों नेताओं ने बैठक के संबंध में कोई बयान नहीं जारी किया। कांग्रेस के किसी और नेता ने भी इस मुद्दे पर जुबान नहीं खोली। हालांकि जानकार सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं के बीच कुछ मुद्दों पर सहमति बनी । मगर कई मुद्दों पर दोनों के बीच असहमति नहीं दूर हो सकी। मुख्यमंत्री ने डीजीपी को बदलने का प्रस्ताव भी ठुकरा दिया है।
जानकार सूत्रों का कहना है कि बैठक में बड़े फैसलों पर मुहर लगाने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाने के बनाने का फैसला किया गया। इस तालमेल कमेटी में मुख्यमंत्री चन्नी के अलावा नवजोत सिद्दू और कांग्रेस पर्यवेक्षक हरीश को सदस्य बनाया जा सकता है। बड़े फैसलों को लेकर कमेटी की ओर से चर्चा की जाएगी। माना जा रहा है कि इस कमेटी के जरिए सरकार और संगठन के बीच टकराव को रोकने में मदद मिलेगी।
कई मुद्दों पर नहीं बन सकी सहमति
सिद्धू के इस्तीफा देने के तीन दिन बाद गुरुवार को चंडीगढ़ के पंजाब भवन में सरकार और संगठन के बीच मतभेद दूर करने के लिए महत्वपूर्ण बैठक हुई। करीब दो घंटे तक चली इस बैठक के दौरान तमाम मुद्दों पर चन्नी और सिद्धू के बीच सहमति नहीं बन सकी। सिद्धू डीजीपी और एडवोकेट जनरल को हटाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। बुधवार को जारी वीडियो संदेश में भी उन्होंने इन दोनों अधिकारियों का जिक्र किया था। कहा था कि मैं दागी लोगों को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता।
जानकार सूत्रों का कहना है कि सिद्धू की आपत्ति पर चन्नी ने दलील दी कि जिन केसों को लेकर सिद्धू को ऐतराज है, उन केसों में स्पेशल सॉलीसीटर को लगाया जा सकता है। चन्नी ने एडवोकेट जनरल को तुरंत हटाने की मांग पर असहमति जताई। डीजीपी को हटाने के मुद्दे पर भी दोनों नेताओं के बीच कोई सहमति नहीं बन सकी।
बैठक के बाद मीडिया से कोई बातचीत नहीं
बैठक के बाद दोनों नेताओं के रुख से यह बात साफ हो गई कि अभी भी कई मुद्दे सुलझ नहीं सके हैं। करीब 2 घंटे तक चली बैठक के बाद मुख्यमंत्री चन्नी शाम को करीब 6:00 बजे पंजाब भवन से निकल गए। उन्होंने बैठक के संबंध में मीडिया से कोई बातचीत नहीं की। चन्नी के जाने के करीब आधे घंटे बाद सिद्धू की पंजाब भवन से निकले।उन्होंने भी मीडिया को बैठक के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी।
दोनों नेताओं की ओर से मीडिया से बातचीत न किए जाने को बड़ा संकेत माना जा रहा है। जानकार सूत्रों का कहना है कि इससे साफ है कि कई मुद्दों पर दोनों नेताओं के मतभेद अभी तक दूर नहीं हो सके हैं। चन्नी के साथ बैठक में हिस्सा लेने के लिए सिद्धू पटियाला से चंडीगढ़ पहुंचे थे। सूत्रों के मुताबिक असहमति वाले मुद्दों को हाईकमान के पास भेजा जा सकता है। उन पर हाईकमान का फैसला ही अंतिम रूप से मान्य होगा।
डीजीपी को अविलंब हटाने से इनकार
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं की बैठक के दौरान सबसे बड़ा पेंच डीजीपी इकबाल प्रीत सहोता को लेकर फंसा रहा। सिद्धू अविलंब उन्हें हटाए जाने की मांग कर रहे हैं, जबकि चन्नी इसके लिए तैयार नहीं हुए। मुख्यमंत्री की ओर से तर्क दिया गया कि बेअदबी मामले में सहोता की जांच पूरी होने से पहले ही यह मामला सीबीआई को सुपुर्द किया जा चुका था। ऐसे में सहोता की ओर से किसी को क्लीन चिट नहीं दी गई। बैठक में डीजीपी पद के लिए यूपीएससी को नाम भेजने पर भी चर्चा की गई। पंजाब सरकार की ओर से इस बाबत कदम उठाया जाएगा। यूपीएससी की ओर से फाइनल किए गए नाम को अंतिम मंजूरी दे दी जाएगी।
मुख्यमंत्री चन्नी ने 4 अक्टूबर को फिर कैबिनेट की बैठक बुलाई है। हालांकि अभी तक इस बैठक का एजेंडा नहीं स्पष्ट किया गया है । मगर जानकारों का कहना है कि इसमें हाईकमान के 18 सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा की जाएगी।
इसलिए बातचीत को राजी हुए सिद्धू
मुख्यमंत्री पद से कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से सिद्धू के इस्तीफे से पार्टी में जबरदस्त उथल पुथल मची हुई है। हालांकि हाईकमान की ओर से सिद्धू को ज्यादा तरजीह नहीं दी जा रही है। अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद सिद्धू को मनाने की कोई पहल न करना हाईकमान की नाराजगी का संकेत माना जा रहा है।
इस्तीफा देने के बाद शुरुआत में अड़ियल रवैया अपनाने वाले सिद्धू इसीलिए 72 घंटे बाद चन्नी के साथ बैठक करने के लिए राजी हुए । मगर दोनों नेताओं की बैठक में भी तमाम मतभेद नहीं दूर किए जा सके। माना जा रहा है कि सिद्धू की ओर से इस्तीफे का फैसला वापस लिया जा सकता है । मगर आने वाले दिनों में टकराव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।