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Punjab: जाखड़ के समर्थन में आए सिद्धू, कांग्रेस को दी ये सलाह
Punjab: वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने नोटिस मिलने के बाद आज पार्टी को अलविदा कह दिया। अब उनके समर्थन में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धु खुलकर सामने आ गए हैं।
Chandigarh: विधानसभा चुनाव (assembly elections) से पहले कांग्रेस में शुरू हुआ आंतरिक घमासान, चुनावी में मिली करारी हार के बाद भी जारी है। कांग्रेस (Congress) आलाकमान तमाम कोशिशों के बावजूद पंजाब लीडरशिप में चल रही उठापटक को खत्म नहीं कर पाई है। कांग्रेस में तकरीबन 50 साल का लंबा सियासी सफर तय करने वाले वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ (Senior leader Sunil Jakhar) ने नोटिस मिलने के बाद आज पार्टी को अलविदा कह दिया। अब उनके समर्थन में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धु (Former State Congress President Navjot Singh Sidhu) खुलकर सामने आ गए हैं।
जाखड़ के समर्थन में उतरे सिद्धू
पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) के पूर्व प्रधान और किसी समय में प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले नवजोत सिंह सिद्धु ने एकबार फिर पार्टी आलाकमान को आंख दिखाने की कोशिश की है। सिद्धु ने कांग्रेस छोड़ने वाले सीनियर लीडर सुनील जाखड़ के तारीफ में खूब कसीदे पढ़े हैं। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, सुनील जाखड़ बेशकीमती नेता हैं। कांग्रेस को उन्हें गंवाना नहीं चाहिए। किसी भी मतभेद को बातचीत की मेज पर सुलझाया जा सकता है।
जाखड़ ने भी सिद्धू का किया था समर्थन
हालिया विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के उम्मीदवार के हाथों बुरी तरह हारने वाले कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धु लगातार कांग्रेस आलाकमान और प्रदेश नेतृत्व पर इशारों में हमला बोलते रहे हैं। उनके खिलाफ पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की सिफारिश पर अनुशासन समिति के पास मामला पहुंच चुका है। इस मामले में सिद्धू पर कार्रवाई होनी तय है। कांग्रेस छोड़ने वाले सुनील जाखड़ ने पार्टी में रहने के दौरान सवाल उठाया था कि आखिर सिद्धू को किस बात का नोटिस दिया गया।
दोनों नेताओं के बीच हुई थी गुप्त मुलाकात
पंजाब में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद से नवजोत सिंह सिद्धू और सुनील जाखड़ लगातार कांग्रेस नेतृत्व पर हमलावर थे। रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दिनों पहले दोनों नेताओं के बीच करीब 45 मिनट की मुलाकात हुई थी। ये भेंट जाखड़ को नोटिस मिलने के बाद हुई थी। ऐसे में दोनों नेताओं के बीच हुई इस मुलाकात को लेकर कयासों का बाजार गर्म है। माना जा रहा है कि दोनों ने भविष्य की रणनीति पर चर्चा की है।
हिंदूओं के बड़े नेता थे जाखड़
सुनील जाखड़ कांग्रेस के सबसे पुराने नेताओं में शुमार थे। उन्हें सियासत विरासत में मिली थी। उनके पिता बलराम जाखड़ भी कद्दावर कांग्रेसी रह चुके हैं। वर्तमान में जाखड़ फैमिल की तीसरी पीढ़ी कांग्रेस के जरिए राजनीति कर रही है। उनके भतीजे संदीप जाखड़ कांग्रेस से इसबार विधायक चुने गए हैं। जाखड़ पंजाब में अल्पसंख्यक हिंदूओं के सबसे बड़े नेताओं में रहे हैं।
उन्हीं के कारण कांग्रेस को एक बड़ी हिंदू आबादी का वोट मिलता रहा है। विधानसभा चुनाव से पहले जाखड़ ने यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि हिंदू होने के कारण उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया। बता दें कि सुनील जाखड़ एकसमय गांधी परिवार के काफी विश्वस्त माने जाते थे। सिद्धू से पहले कांग्रेस की कमान उन्हीं के हाथों में थी।