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पंजाब कांग्रेस में फार्मूले का इंतजार, सिद्धू बने सियासी पहेली, अब प्रशांत किशोर की एंट्री से जगी उम्मीद
Punjab Congress: प्रशांत किशोर की राहुल गांधी से हुई मुलाकात को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रशांत किशोर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार हैं।
Punjab Congress: पिछले कई दिनों से पंजाब कांग्रेस का झगड़ा सुलझाने की कोशिश में जुटा कांग्रेस हाईकमान अभी तक किसी फार्मूले पर नहीं पहुंच सका है। इस बीच इस मामले में अब चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की भी एंट्री हो गई है। मंगलवार को प्रशांत किशोर की राहुल गांधी से हुई मुलाकात (Prashant Kishor Meets Rahul Gandhi) को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रशांत किशोर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarindar Singh) के सलाहकार हैं और माना जा रहा है कि उन्होंने पंजाब कांग्रेस का झगड़ा सुलझाने के लिए ही राहुल और प्रियंका के साथ बातचीत की है।
इस बातचीत के बाद पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने दावा किया है कि अगले तीन-चार दिनों में पंजाब कांग्रेस का संकट सुलझा लिया जाएगा। रावत भी प्रशांत किशोर के साथ हुई राहुल गांधी की बैठक में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि जल्द ही पंजाब कांग्रेस का संकट सुलझ जाएगा और पार्टी की ओर से सिद्धू की भूमिका भी तय कर दी जाएगी। हालांकि सिद्धू पार्टी के लिए सियासी पहेली बने हुए हैं और उन्होंने मंगलवार को आप को लेकर किए गए अपने ट्वीट से एक बार फिर नई सियासी अटकलों को जन्म दे दिया।
विवाद जल्द सुलझाने में जुटा हाईकमान (Punjab Congress Crisis)
पंजाब कांग्रेस का झगड़ा पार्टी हाईकमान के लिए बड़ी मुसीबत बना हुआ है। पार्टी को अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ना है मगर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पार्टी के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Amarinder Singh vs Navjot Singh Sidhu) के बीच खींचतान के कारण अभी तक पार्टी चुनावी तैयारियों में नहीं जुट पाई है। यही कारण है कि हाईकमान जल्द से जल्द इस झगड़े को निपटाने की कोशिश में जुटा हुआ है।
सिद्धू के साथ राहुल और प्रियंका की मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर चुके हैं। इस मुलाकात के बाद माना जा रहा था कि जल्द ही इस संकट का के समाधान का फार्मूला निकाल लिया जाएगा मगर अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा सका है।
रावत ने किया बड़ा दावा
कैप्टन की कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के बाद अब चुनावी रणनीतिकार और कैप्टन के सलाहकार प्रशांत किशोर भी इस विवाद को सुलझाने की कोशिश में जुट गए हैं। उन्होंने मंगलवार को राहुल गांधी के साथ लंबी बातचीत की। दोनों के बीच हुई इस बैठक के दौरान प्रियंका गांधी, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत और पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे। इस बैठक के दौरान पंजाब कांग्रेस का झगड़ा सुलझाने के लिए विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक के बाद हरीश रावत ने दावा किया कि अगले तीन-चार दिनों में पार्टी नेतृत्व इस संकट को सुलझा लेगा।
सिद्धू को मिल सकती है जिम्मेदारी
जानकार सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेतृत्व ने सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने के बारे में सोच रखा था मगर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इसके लिए तैयार नहीं है। प्रशांत किशोर ने भी पार्टी नेतृत्व को कैप्टन की मंशा से अवगत कराया है। ऐसे में माना जा रहा है कि सिद्धू को कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है क्योंकि इस पर कैप्टन को आपत्ति नहीं है। सिद्धू को डिप्टी सीएम बनाने की बात भी सोची गई थी मगर सिद्धू इसके लिए खुद तैयार नहीं है। इसलिए अब हर किसी की नजर पार्टी नेतृत्व के फार्मूले पर टिकी हुई है।
सिद्धू के ट्वीट से नई सियासी अटकलें
इस बीच सिद्धू के ट्वीट ने नई सियासी अटकलों को जन्म दे दिया है। कैप्टन की सोनिया से मुलाकात के बाद खामोश बैठे सिद्धू ने अपने ट्वीट में कहा कि उनके विजन को सिर्फ आम आदमी पार्टी ही समझ पाई है। सिद्धू के इस ट्वीट के बाद सियासी हलकों में उनके आप में जाने की अटकलों का बाजार गरम हो गया।
इसके बाद सिद्धू ने एक और ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा कि विपक्ष उनके और उनके जैसे वफादार कांग्रेसियों को लेकर अक्सर यह बात कहता रहता है कि तुम अगर आप में आओगे तो कोई बात नहीं, तुम अगर कांग्रेस में रहोगे तो मुश्किल होगी।
सिद्धू खेल रहे हैं बड़ा गेम
आम आदमी पार्टी के सांसद और पंजाब के अध्यक्ष भगवंत मान का कहना है कि सिद्धू को पहले यह स्पष्ट करना चाहिए कि पंजाब की बिजली कंपनियों से कितना पैसा कांग्रेस के पास गया है। मीडिया से बातचीत में भगवंत मान ने यह भी कह डाला कि सिद्धू एक तरफ इधर की बात करते हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस में भी कैबिनेट की मांग करते हैं।
मान के इस बयान से साफ है कि सिद्धू आम आदमी पार्टी के भी संपर्क में बने हुए हैं और अंदरखाने कोई नई सियासी खिचड़ी पकाने की कोशिश कर रहे हैं। आप विधायक कुलतार सिंह का भी कहना है कि सिद्धू पहले सौदेबाजी करना छोड़ें।
बड़ा फैसला ले सकता है हाईकमान
सियासी जानकारों का कहना है कि सिद्धू कांग्रेस नेतृत्व के लिए खुद बड़ा संकट बन गए हैं और पार्टी उनके एडजस्टमेंट को लेकर अभी तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। सिद्धू 2015 में धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी और उसके बाद पुलिस फायरिंग के मामले को लेकर लगातार कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला करते रहे हैं। दूसरी ओर कैप्टन अमरिंदर सिंह भी अपना खेमा मजबूत करके सिद्धू को जवाब देने की कोशिश करते रहे हैं।
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कैप्टन को सरकार चलाने में फ्री हैंड दे दिया गया है मगर पार्टी और संगठन से जुड़े मामलों मामले अब हाईकमान ही तय करेगा। ऐसे में सिद्धू को संगठन में कोई बड़ा पद देने की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि हाईकमान अब इस मामले में ज्यादा टालमटोल न करके तीन-चार दिनों के भीतर कोई बड़ा फैसला ले सकता है।