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Punjab Election 2022: महिलाओं का वोट सबको चाहिए पर टिकट देने में घोर कंजूसी
Punjab Election 2022: पंजाब के विधानसभा चुनावों में महिलाओं का कोई महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व नहीं है। क्योंकि सभी राजनीतिक पार्टियां महिलाओं को टिकट देने में कोई ख़ास रूचि नहीं दिखाती हैं जबकि महिलाओं का मतदान प्रतिशत (female voter turnout) पुरुषों की तुलना में अधिक ही रहता है।
Lucknow: पंजाब में 1952 में पहले विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) हुए थे लेकिन तबसे, यानी सात दशकों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी राज्य विधानसभा में महिलाओं का कोई महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व नहीं है।
पिछले विधानसभा चुनावों में महिलाओं का मतदान प्रतिशत (female voter turnout) पुरुषों की तुलना में अधिक था। करीब 79 प्रतिशत। हालांकि, राजनीतिक दलों को महिलाओं में एक बड़ा वोट बैंक (Vote Bank) दिखाई देने लगा है और इसलिए वे महिलाओं को वादे, योजनाओं और कार्यक्रमों से लुभाने के लिए आतुर दिखते हैं। लेकिन जब महिलाओं को टिकट देने की बात आती है तो सब पीछे हट जाते हैं।
सिर्फ 507 महिला प्रत्याशी
1957 से 2017 तक पंजाब के चुनावों में केवल 507 महिला प्रत्याशी हुईं हैं और सिर्फ 86 निर्वाचित हो सकी हैं। सबसे ज्यादा 14 का निर्वाचन 2012 में हुआ था। 2012 में 67 निर्वाचन क्षेत्रों में 93 महिला उम्मीदवार थीं। जिनमें से 14 विजेता रहीं। इस बार के चुनावों में केवल 28 उम्मीदवार महिलाएं हैं। जबकि सभी दल महिलाओं के वोट पाने के लिए तमाम वादे कर चुकी हैं।
- आम आदमी पार्टी ने 117 प्रत्याशी खड़े किए हैं जिनमें 12 महिलाएं हैं।
- कांग्रेस के 109 उम्मीदवारों में 11 महिलाएं हैं।
- संयुक्त समाज मोर्चा या एसएसएम के 110 प्रत्याशियों में मात्र 2 महिलाएं हैं।
- कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस और शिअद (संयुक्त) के सहयोगी भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने अब तक घोषित 106 उम्मीदवारों में से आठ महिलाओं को टिकट दिया है (कुल उम्मीदवारों का लगभग 7.5 प्रतिशत)।
- शिरोमणि अकाली दल - बसपा गठबंधन के 117 प्रत्याशियों में 5 महिलाएं हैं। अकाली दल 97 सीटों र और बसपा 20 सीटों पर लड़ रही है। पांच महिलाओं में से चार शिअद की हैं। शिअद द्वारा मैदान में उतारी गई महिलाओं में से कम से कम दो, जसदीप कौर और सुनीता चौधरी, अकाली नेताओं की रिश्तेदार हैं।
वोट के लिए ढेरों वादे
महिलाओं के वोट बटोरने के लिए वादे करने वालों में अकाली दल सबसे पहले था। पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने बीपीएल परिवारों की प्रत्येक महिला मुखिया को 'नीले राशन कार्ड' के साथ 2,000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया है।
पिछले साल दिसंबर में आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की 18 या उससे अधिक उम्र की प्रत्येक महिला के लिए 1,000 रुपये प्रति माह देने की घोषणा की थी।
इस महीने की शुरुआत में पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब में हर महिला गृहिणी को 2,000 रुपये प्रति माह देने का वादा किया था, इसके अलावा ये भी वादा किया गया है कि कांग्रेस सरकार बनाती है तो हर साल आठ रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त में देंगे।