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Punjab Election 2022: आंतरिक सर्वे ने बढ़ाई कांग्रेस की बेचैनी, आप के हाथों हार का डर
Punjab Election 2022: आंतरिक सर्वे में ये उभर कर सामने आया है कि तमाम कवायदों के बावजूद जनता में आम आदमी पार्टी का ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ रहा है। नए सीएम चेहरे के जरिए नई पार्टी होने का स्वांग रच रही कांग्रेस की ये रणनीति पंजाब की जनता के गले नहीं उतर रही।
Punjab Election 2022: पंजाब में मतदान (Voting in Punjab) की तारीख में अब एक हफ्ते का भी समय नहीं रह गया है। 20 फरवरी को होने जा रहे मतदान के लिए चुनाव प्रचार अपने आखिरी दौर में प्रवेश कर चुका है। सियासी दलों के स्टार प्रचारकों की धुंआधार रैली जारी है। इस बीच एक आंतरिक सर्वे ने सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के नेताओं के चेहरे से रौनक गायब कर दी है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) को चुनाव से ऐन पहले सीएम की कुर्सी से हटाकर एक दलित चेहरे को राज्य की बागडोर सौंपने वाला कांग्रेस आलाकमान इसे अपना मास्टरस्ट्रोक समझ रहा था। मतदान से ऐन पहले आए सर्वे ने कांग्रेस नेतृत्व को उस खुशफहमी से निकाल दिया है। दरअसल पार्टी के आंतरिक सर्वे ये उभर कर सामने आया है कि तमाम कवायदों के बावजूद जनता में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) का ग्राफ तेजी से ऊपर चढ़ रहा है। नए सीएम चेहरे के जरिए नई पार्टी होने का स्वांग रच रही कांग्रेस की ये रणनीति पंजाब की जनता के गले नहीं उतर रही।
पार्टी ने बदली रणनीति, आप असली चुनौती
कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के आंतरिक सर्वे के बाद अब कांग्रेस नेता समझ चुके हैं कि उन्हें जमीन पर असली टक्कर आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) से ही मिल रही है। आप मजबूत दावेदार के तौर पर खुद को लगातार पेश कर रही है। ऐसे में कांग्रेस नेताओं ने अब अपना निशाना अकाली और भाजपा (BJP) गठबंधन से हटाकर पूरी तरह आप केंद्रित कर लिया है। बीते दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Former Congress President Rahul Gandhi) और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Congress General Secretary Priyanka Gandhi) द्वारा अपनी रैलियों में जिसतरह दिल्ली सरकार (Delhi Government) और आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) पर हमला बोला गया, उससे चीजें स्पष्ट हो गई हैं।
दिल्ली मॉडल की हवा निकालने की कोशिश
कांग्रेस (Congress) ने अपने नेताओं को आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) पर विशेष फोकस रखने को कहा है। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal government of Delhi) की नाकामियों को उजागर कर दिल्ली मॉडल की हवा निकालने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लिए 15 सालों तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं शिला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को मोर्चे पर लगाया है। पूर्व कांग्रेस सांसद लगातार मीडिय़ा के बहस में हिस्सा लेकर केजरीवाल के दिल्ली मॉडल की हवा निकालने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) छोड़कर कांग्रेस में आईं दिल्ली की महिला नेत्री अल्का लांबा को पंजाब के मोर्चे पर तैनात किया गया है।
बीते दिनों प्रियंका गांधी (Congress General Secretary Priyanka Gandhi) ने भी दिल्ली की स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करते हुए केजरीवाल के दिल्ली मॉडल पर तंज कसा था। उन्होंने पीएम मोदी के गुजरात मॉडल का हवाला देते हुए कहा था कि ये भी असली नहीं है। केवल विज्ञापन है।
आप पर सुनियोजित हमला
कांग्रेस के तमाम वरीय नेता आम आदमी पार्टी पर सुनियोजित तरीके से हमला बोल रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने भाषणों में लगातार कहते रहे हैं कि कांग्रेस के सभी बड़े नेता केवल उनके खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं। वो अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Akali Dal chief Sukhbir Singh Badal) के खिलाफ नहीं बोलते। दिल्ली सीएम की ये शिकायत काफी हद तक सही भी है।
दरअसल सर्वें में आप के उभरने के बाद कांग्रेस अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। उसके पास दिल्ली जैसा कट्टु अनुभव पहले से मौजूद है। जहां पार्टी अबतक रिवाइव नहीं कर पायी है। यही वजह है कि कांग्रेस महासचिव (Congress General Secretary Priyanka Gandhi) एक सोची समझी रणनीति के तहत आप को आरएसएस से निकली हुई पार्टी करार दे रही हैं। कोरोना के दौरान दिल्ली के अस्पतालों में आंक्सीजन और वेंटिलेटर की कमी को मुद्दा बना केजरीवाल सरकार के दिल्ली मॉडल को घेरने की कोशिश की जा रही है।
कुल मिलाकर 20 फरवरी को होने जा रहे मुकाबले में क्या आम आदमी पार्टी एकबार फिर कांग्रेस से उसका मजबूत गढ़ छिनने में सफल होती है। सियासी जानकार की नजरें 10 मार्च को आने वाले चुनाव परिणाम पर अभी से टिकी हुई हैं।
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