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Punjab Election 2022 : कुमार विश्वास का दिल्ली के सीएम पर बड़ा आरोप- केजरीवाल ने कहा था, पंजाब का CM बनूंगा या खालिस्तान का PM
कुमार विश्वास ने कहा है, कि 'अरविंद केजरीवाल पंजाब में अलगाववादियों के समर्थक थे। कवि विश्वास ने कहा, 'एक दिन, उन्होंने मुझसे कहा था, कि वह या तो (पंजाब के) मुख्यमंत्री बनेंगे या एक स्वतंत्र राष्ट्र (खालिस्तान) के पहले पीएम होंगे।
Punjab Election 2022 : जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं उनमें पंजाब भी एक है। पंजाब में आगामी 20 फरवरी को वोटिंग होनी है। इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल के दल आम आदमी पार्टी (AAP) ने पूरी ताकत लगा रखी है। लेकिन मतदान से ठीक पहले 'आप' के पूर्व नेता और सुप्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) ने AAP प्रमुख और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर बड़ा और गंभीर आरोप लगाया है। कुमार विश्वास ने कहा है, कि 'अरविंद केजरीवाल पंजाब में अलगाववादियों के समर्थक थे। कवि विश्वास ने कहा, 'एक दिन, उन्होंने मुझसे कहा था, कि वह या तो (पंजाब के) मुख्यमंत्री बनेंगे या एक स्वतंत्र राष्ट्र (खालिस्तान) के पहले पीएम होंगे।' कुमार विश्वास के इस बयान के बाद अब पंजाब की राजनीति (Politics of Punjab) और उसकी भाषा बदलना तय है।
दरअसल, कवि कुमार विश्वास ने कहा, कि 'अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को यह समझना चाहिए कि पंजाब सिर्फ एक राज्य ही नहीं है। बल्कि वह एक भावना भी है। मैंने उनसे पहले भी कहा था कि 'अलगाववादी' और 'खालिस्तानी' (Khalistan) संगठनों से जुड़े हुए लोगों का साथ न लें।' विश्वास कहते हैं कि केजरीवाल ने तब मुझसे कहा था, 'नहीं-नहीं हो जाएगा।'
'...हो जाएगा, चिंता मत कर'
कुमार विश्वास अपनी बात को बढ़ाते हुए आगे कहते हैं, 'मैंने उसको (केजरीवाल को) कहा कि ये जो अलगाववादी संगठन और खालिस्तानी मूवमेंट (Khalistani Movement) से जुड़े लोग हैं, इनका साथ मत ले। पिछले चुनाव में और उसने कहा था, कि नहीं नहीं हो जाएगा, चिंता मत कर।'
स्वतंत्र देश का पहला प्रधानमंत्री बनूंगा
इतना ही नहीं, कुमार विश्वास ने ये भी दावा किया है कि 'एक दिन वो (केजरीवाल) मुझसे कहता है कि तू चिंता मत कर या तो मैं एक स्वतंत्र सूबे का मंत्री बनूंगा। मैंने कहा कि ये अलगाववाद है। 2020 का रेफरेंडम आ रहा है। पूरी दुनिया फंडिंग कर रही है। तो मुझसे कहता है कि तो क्या हो गया? स्वतंत्र देश का पहला प्रधानमंत्री बनूंगा। इस आदमी के थॉट (विचार) में इतना ज्यादा अलगाववाद है। बस किसी तरह सत्ता मिल जाए।'
रिश्तों में आई तल्खी
यहां आपको बता दें, कि वर्ष 2012 में दिल्ली के रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार के खिलाफ शुरू हुए 'अन्ना आंदोलन' के दौरान कवि कुमार विश्वास और अरविंद केजरीवाल के रिश्ते बेहद करीब के रहे थे। अन्ना आंदोलन के खत्म होने के बाद जब आम आदमी पार्टी (AAP) का गठन हुआ तो कुमार विश्वास भी उसके संस्थापक सदस्यों में से एक थे। 'आप' पार्टी गठन के बाद अरविन्द केजरीवाल और कुमार विश्वास की दोस्ती धीरे-धीरे परवान चढ़ी। दोनों हर मंच पर साथ-साथ दिखने लगे थे। लेकिन, दिल्ली की सत्ता में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद कुमार विश्वास और अरविंद केजरीवाल के रिश्ते तल्ख होने लगे।