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Punjab Election : रेप अभियुक्त विधायक और आरोपी के वकील आमने सामने
Punjab Election 2022 : पंजाब चुनाव में इस बार रेप के अभियुक्त और आरोपी का वकील आमने सामने हैं।
Punjab Election 2022 : पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) में तरह तरह के प्रत्याशी मैदान में हैं। लेकिन एक सीट ऐसी भी है जहां रेप के अभियुक्त और आरोपी का वकील आमने सामने हैं। इसी प्रत्याशी के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने कल ही एक सख्त टिप्पणी की थी।
ये प्रत्याशी हैं दो बार विधायक और लोक इंसाफ पार्टी के संस्थापक-सह-अध्यक्ष सिमरजीत सिंह बैन्स(Lok Insaaf Party Founder Simarjit Singh Bains) और जहां ये मुकाबला हो रहा है, वह है लुधियाना की आतम नगर सीट (Atam Nagar seat of Ludhiana)। उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं अकाली दल के हरीश राय ढांडा (Akali Dal Harish Rai Dhanda), जो उस महिला के वकील हैं, जिसने सिमरजीत सिंह पर रेप का आरोप लगाया है।
बैन्स के बड़े भाई बालविंदर सिंह भी विधायक हैं
इस महिला की प्राथमिकी के मुताबिक, 52 वर्षीय बैंन्स ने 2020 में उसके साथ कई बार बलात्कार किया। इस महिला के अनुसार, वह संपत्ति विवाद के मामले में मदद के लिए बैंस के संपर्क में आई थी। बैन्स के बड़े भाई बालविंदर सिंह भी विधायक हैं और लुधियाना दक्षिण से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं। बैन्स को पंजाब में अपनी फायरब्रांड राजनीति और बादल के साथ कड़वी प्रतिद्वंद्विता के लिए जाना जाता है। बैन्स के खिलाफ ढेरों मामले पुलिस में दर्ज हैं। उन्होंने अपने चुनाव शपथ पत्र में 15 मामलों का जिक्र किया है। 2016 में पंजाब विधानसभा में नदी के पानी पर चर्चा के दौरान बैन्स और उनके भाई को जबरन उठा कर सदन से निकाल दिया गया था। ये भी अपनी तरह का पहला मामला था।
बैन्स पर लगे बलात्कार के आरोप
बैन्स के खिलाफ बलात्कार के मामले में पुलिस की चार्जशीट में उनके दो अन्य भाइयों, करमजीत सिंह और परमजीत सिंह का नाम भी शामिल है। 10 जुलाई, 2021 को दर्ज प्राथमिकी में बलात्कार, हमला, यौन उत्पीड़न और षड्यंत्र के आरोप हैं। लेकिन छह महीने बाद भी पुलिस ने एफआईआर में नामित बैन्स या किसी अन्य आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया है। पिछले साल नवंबर में एक स्थानीय अदालत में आरोपपत्र पेश करते हुए लुधियाना पुलिस ने कहा था कि "विधायक सिमारजीत बैन्स को गिरफ्तार करने से कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है क्योंकि उनके समर्थक उत्तेजित हो सकते हैं"। यह भी तर्क दिया गया कि एक सार्वजनिक प्रतिनिधि होने के नाते, आरोपित भाग नहीं सकते हैं। पुलिस ने गिरफ्तारी की बजाय अदालत से बैंस और उनके भाइयों के खिलाफ सम्मन जारी करने के लिए आग्रह किया। कोर्ट ने बाद में कई बार गैर-जमानती वारंट जारी किए हैं।
धाकड़ छवि
बैन्स के आत्मविश्वास का आधार उनकी 'जनता समर्थक' छवि है जिसे उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में बनाया है। बैन्स ने 2009 में एक सरकारी अधिकारी को सरेआम पीट दिया था। वह "भ्रष्ट" कर्मचारियों को पकड़ने के लिए कई बार सरकारी दफ्तरों में 'छापे' मार चुके हैं। उन पर "ब्लैकमेल" रणनीति के आरोप भी हैं। वैसे, बैन्स का कहना है कि लोग उनसे प्यार करते हैं, अन्य पार्टियां हमसे डरती हैं क्योंकि वे जानते हैं कि वे हमें आम लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने से नहीं रोक सकते हैं। हम भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं, और यदि कोई रिश्वत लेता है, तो हम उन्हें कैसे भी बेनकाब करेंगे।
2012 में सिमरजीत सिंह बैंस निर्दलीय विधायक चुने गए
लोक इंसाफ पार्टी इस बार 42 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। आतम नगर में अन्य दावेदारों में, कांग्रेस के कमलजीत सिंह करवाल शामिल हैं जो अपने युवा अकाली दल के दिनों में बैन्स के साथी हुआ करते थे।2012 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से सिमरजीत सिंह बैंस निर्दलीय विधायक चुने गए थे। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार हीरा सिंह को हराया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में सिमरजीत सिंह बैंस ने अपनी लोक इंसाफ पार्टी बना ली थी और वह इस चुनाव में अपनी पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए।