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Punjab Election 2022: पंजाब में रोमांचक हुई लड़ाई, सिध्दू के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे मजीठिया
अकाली दल ने इस बाबत आज ऐलान कर सबको चौंका दिया। पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिह बादल के साले विक्रमजीत सिंह मजीठिया बादल सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके है।
Punjab Election 2022: पंजाब विधानसभा चुनाव 2022. विधानसभा चुनाव को लेकर गरमायी पंजाब की राजनीति अब दिलचस्प मोड़ पर आ गई है। शिरोमणि अकाली दल ने अपने दिग्गज नेता विक्रमजीत सिंह मजीठिया (Vikramjit Singh Majithia) को पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिध्दू के खिलाफ चुनाव मैदान में उतार दिया है।
अकाली दल ने इस बाबत आज ऐलान कर सबको चौंका दिया। पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिह बादल के साले विक्रमजीत सिंह मजीठिया बादल सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके है। अकाली दल ने उन्हें अमृतसर ईस्ट से उम्मीदवार बनाया है। जहां से पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिध्दू मैदान में हैं। अकाली दल के इस ऐलान ने इस सीट पर होने जा रहे विधानसभा चुनाव को बेहद दिलचस्प बना दिया है।
सीनियर बादल भी लड़ेंगे चुनाव
वहीं पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे 95 वर्ष के प्रकाश सिंह बादल भी चुनाव मैदान में होंगे। सीनियर बादल अभी हाल में ही अस्पताल से जिस्चार्ज होकर घर पहुंचे हैं। हालांकि वो फिलहाल चुनाव प्रचार से दूर हैं। उनकी खराब सेहत को लेकर अटकलें लगायी जा रही थीं कि वो अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। पिछले चुनाव में भी उन्हें लेकर ऐसी अटकलें चली थी, लेकिन वो चुनाव लड़े। इसबार भी सभी कयासों पर विराम लगाते हुए वो सबसे बुजुर्ग कैंडिडेट के तौर पर चुनाव मैदान में होंगे। पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल अपनी पारंपरिक सीट मुक्तसर से मैदान में होंगे।
पहले भी हो चुके हैं हाई प्रोफाइल मुकाबले
2017 में पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ के खिलाफ लांबी से चुनाव लड़े थे। जिसमे उन्हें बादल के हाथों शिकस्त झेलनी पड़ी थी। वहीं आप के मौजूदा सीएम फेस भगवंत मान भी सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे थे । मान जलालाबाद सीट से उनके खिलाफ चुनाव लड़े थे, जहां उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी।
कौन हैं विक्रमजीत सिंह मजीठिया
विक्रमजीत सिंह मजीठिया पंजाब की राजनीति का जाना माना चेहरा होने के साथ ही विवादित चेहरे भी है। बादल परिवार के रिश्तेदार होने के कारण उनका सियासी रसूख काफी है। उनपर पंजाब में कथित तौर पर ड्रग्स तस्करी को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है। आप संयोजक अरविंद केजरीवाल भी उनपर कई गंभीर आरोप लगा चुके हैं। हालांकि बाद में उन्हें कोर्ट में माफी भी मांगनी पड़ी। विक्रमजीत सिंह मजीठिया पंजाब की राजनीति में बादल परिवार को घेरने के लिए टारगेट करने के लिए हमेशा से स़ॉप्ट टारगेट रहे हैं।
चतुष्कोणीय मुकाबला
बता दें कि पंजाब में इस बार मुकाबला चतुष्कोणीय होता नजर आ रहा है। सत्तारूढ कांग्रेस जहां खूद को मजबूत पाती है। वहीं, सत्ता की प्रबल दावेदार माने जाने वाली मुख्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी भी इस बार पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरी है। राज्य में लंबे समय तक सत्ता में रही अकाली दल अपना खोया रूतबा वापस पाने की कोशिश कर रही है।
अकाली दल ने इस बार बीजेपी के बजाय बसपा से गठबंधन किया है। वहीं कांग्रेस से को सबक सिखाने मैदान में उतरे हैं। इसके अलावा किसान आंदोलन (Kisan Andolan) से उपजी संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) भी पंजाब के चुनावी समर में ताल ठोंक रही है। बता दें कि 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा के लिए 20 फरवरी को मतदान होगा, जिसके परिणाम 10 मार्च को आएंगे।