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Punjab Election 2022: पटियाला सीट पर 20 साल से है कैप्टन का कब्जा, इस बार सिद्धू उतरे तो दिलचस्प होगा मुकाबला
Punjab Election 2022: राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस बार भी पटियाला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। इस सीट पर कैप्टन का 20 साल से कब्जा है और इस बार भी वे अपनी इसी परंपरागत सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे।
Punjab Election 2022: पंजाब में विधानसभा चुनाव (Punjab Vidhan Sabha Chunav 2022 Date) की तारीखों का ऐलान किया जा चुका है। राज्य में एक ही चरण में 14 फरवरी को मतदान का काम पूरा हो जाएगा। चुनाव तारीखों के ऐलान (Chunav Ki Tarikh 2022) के साथ ही सभी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। राज्य की 117 विधानसभा सीटों में एक सीट ऐसी है जिस पर हर बार की तरह इस बार भी सबकी नजर लगी है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने इस बार भी पटियाला विधानसभा सीट (Patiala Vidhan Sabha Seat) से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। इस सीट पर कैप्टन का 20 साल से कब्जा है और इस बार भी वे अपनी इसी परंपरागत सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे।
अकाली दल (Shiromani Akali Dal) की ओर से इससे सीट पर प्रत्याशी तय किया जा चुका है जबकि आप (AAP) और कांग्रेस पार्टी (Congress) ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। कांग्रेस के एक वर्ग का मानना है कि इस सीट पर प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को कैप्टन को चुनौती देनी चाहिए। हालांकि इस बाबत अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान (Congress High Command) की ओर से किया जाएगा। सिद्धू और कैप्टन के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा है और सिद्धू हमेशा कैप्टन पर हमला बोलते रहे हैं। कैप्टन के भाजपा (BJP) से हाथ मिलाने के बाद कांग्रेस में उनके प्रति नाराजगी दिख रही है और देखने वाली बात यह होगी कि पार्टी उनसे बदला लेने में कामयाब हो पाती है या नहीं।
2002 से कायम है कैप्टन का दबदबा
पंजाब की पटियाला विधानसभा सीट (Patiala Assembly Seat) को कैप्टन का गढ़ माना जाता रहा है और वे 2002 से 2014 तक लगातार इस सीट से विधायक रहे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव (Loksabha Chunav 2014) में उन्होंने अमृतसर लोकसभा सीट (Amritsar Lok Sabha Seat) पर किस्मत आजमाई थी। अमृतसर सीट पर उनका मुकाबला भाजपा के दिग्गज नेता अरुण जेटली (Arun Jaitley) से हुआ था और इस चुनाव में भी कैप्टन को जीत हासिल हुई थी।
इस जीत के बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर अपनी पत्नी परिणीत कौर (Preneet Kaur) को उपचुनाव में उतारा था। कैप्टन अपनी पत्नी को भी चुनाव जिताने में कामयाब हुए थे और परिणीत कौर इस सीट से 2014 से 2017 तक विधायक रहीं।
2017 में हासिल की थी बड़ी जीत
2017 के विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह एक बार फिर कांग्रेस के टिकट (Congress Ticket) पर ही चुनाव क्षेत्र से मैदान में उतरे। इस चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की थी। 2017 के चुनाव में कैप्टन 68.98 फ़ीसदी मत हासिल करने में सफल हुए थे। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी बलबीर सिंह को 52 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था। अकाली दल के उम्मीदवार जनरल जेजे सिंह इस चुनाव में तीसरे स्थान पर पिछड़ गए थे। कैप्टन को इस चुनाव में 72,586 मत हासिल हुए थे।
2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से कैप्टन की अगुवाई में राज्य की 77 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। बहुमत हासिल करने के बाद कांग्रेस की ओर से कैप्टन को ही मुख्यमंत्री बनाया गया था।
अब अलग हो चुकी हैं कैप्टन की राहें
कांग्रेस हाईकमान की ओर से नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद कैप्टन का पार्टी नेतृत्व से मतभेद हो गया था। बाद में यह मतभेद इतना ज्यादा बढ़ गया कि पिछले साल सितंबर में कैप्टन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अब उन्होंने कांग्रेस से अलग होकर पंजाब लोक कांग्रेस का गठन किया है और चुनाव आयोग की ओर से उनकी पार्टी को हॉकी स्टिक और बॉल चुनाव निशान आवंटित किया गया है।
कैप्टन एक बार फिर पटियाला विधानसभा सीट से किस्मत आजमाने के लिए तैयार हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि इस बार के चुनाव में विपक्षी दलों की ओर से कैप्टन की तगड़ी घेरेबंदी की जाएगी। खास तौर पर कांग्रेस कैप्टन से अपना हिसाब बराबर करना चाहती है। ऐसे में सबकी नजर इस बात पर लगी है कि कांग्रेस की ओर से किसे चुनाव मैदान में उतारा जाता है।
कांग्रेस प्रत्याशी पर टिकीं सबकी निगाहें
कांग्रेसी स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में अधिकांश विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी तय किए जा चुके हैं और अब इस सूची पर हाईकमान की मुहर लगना बाकी है। वैसे कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पटियाला सीट से अभी किसी का नाम तय नहीं किया गया है। कांग्रेस का एक खेमा इस सीट से प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को उतारने की वकालत कर रहा है। अब इस मामले में अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान को लेना है।
अकाली दल की ओर से इस सीट पर हरपाल जुनेजा को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी है। आप की ओर से अधिकांश सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए जा चुके हैं मगर पटियाला सीट पर अभी आप ने भी पत्ते नहीं खोले हैं। ऐसे में सबकी नजर कांग्रेस प्रत्याशी पर टिकी है। यदि पार्टी की ओर से सिद्धू को चुनाव मैदान में उतारा तो यह पंजाब का सबसे दिलचस्प मुकाबला साबित होगा।
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