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Punjab Election 2022: पंजाब में जीत के लिए सबसे अहम है मालवा, जानिए क्यों इसी क्षेत्र के नेताओं का रहता है दबदबा

Punjab Election 2022: पंजाब विधानसभा की 117 में से 69 सीटें मालवा क्षेत्र से ही आती हैं। यही कारण है कि मालवा में जीत हासिल करना सभी राजनीतिक दलों के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Vidushi Mishra
Published on: 20 Jan 2022 2:00 PM IST (Updated on: 20 Jan 2022 2:49 PM IST)
Punjab Election 2022
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पंजाब चुनाव 2022 (फोटो-सोशल मीडिया)

Punjab Election 2022: पंजाब विधानसभा की 117 सीटों पर जीत हासिल करने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने गतिविधियां तेज कर दी हैं। कांग्रेस जहां राज्य में अपनी सत्ता बचाए रखने के लिए जूझ रही है वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों की ओर से कांग्रेस की तगड़ी घेरेबंदी की जा रही है। पंजाब में जीत हासिल करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र मालवा ही है। मालवा में दबदबा कायम करने वाला राजनीतिक दल ही पंजाब में सरकार बनाने में अभी तक कामयाब होता रहा है।

पंजाब विधानसभा की 117 में से 69 सीटें मालवा क्षेत्र से ही आती हैं। यही कारण है कि मालवा में जीत हासिल करना सभी राजनीतिक दलों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। पंजाब में अभी तक बने 18 मुख्यमंत्रियों में से 17 का ताल्लुक इसी मालवा क्षेत्र से रहा है। इस तथ्य से भी मालवा क्षेत्र की सियासी महत्ता को आसानी से समझा जा सकता है। इस बार के विधानसभा चुनाव में भी मुख्यमंत्री पद के जितने दावेदारों के नाम सामने आए हैं, उन सभी का संबंध मालवा क्षेत्र से ही है।

इसी इलाके में होगा 69 सीटों का फैसला

पंजाब में चुनावी बाजी जीतने के लिए सभी सियासी दलों ने अपनी गोटियां बिछानी शुरू कर दी हैं। सभी राजनीतिक दलों के एजेंडे में मालवा का इलाका सबसे ऊपर है क्योंकि विधानसभा की 69 सीटों का फैसला इसी इलाके में होगा।

राज्य में सरकार बनाने के लिए इस इलाके में ताकत दिखाना जरूरी है। मालवा के बाद माझा क्षेत्र से कुल 25 विधायक चुने जाते हैं। दोआब का इलाका तीसरे नंबर पर आता है। यहां के मतदाता 23 विधायकों का चुनाव करते हैं। विधायकों की संख्या अधिक होने के कारण पंजाब की सियासत में अभी तक मालवा क्षेत्र का ही दबदबा रहा है।

1966 में हरियाणा से अलग होने के बाद पंजाब राज्य का गठन किया गया था। अभी तक राज्य में 18 मुख्यमंत्री बने हैं और इनमें से 17 मुख्यमंत्री मालवा क्षेत्र से ही ताल्लुक रखने वाले रहे हैं। अभी तक सिर्फ एक पूर्व मुख्यमंत्री गुरमुख सिंह मुसाफिर ही ऐसे रहे हैं जिनका ताल्लुक माझा क्षेत्र से रहा है।

सीएम पद के सभी चेहरे इसी क्षेत्र के

मजे की बात यह है कि अगले विधानसभा चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से जिन चेहरों को मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है, उन सभी का ताल्लुक मालवा क्षेत्र से ही है। आम आदमी पार्टी की ओर से भगवंत मान को सीएम पद का चेहरा घोषित किया जा चुका है और भगवंत मान की सीट मालवा क्षेत्र में ही आती है। शिरोमणि अकाली दल की ओर से सुखबीर बादल सीएम पद के दावेदार हैं और उनका भी ताल्लुक मालवा क्षेत्र से ही है।

कांग्रेस की ओर से मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और सुनील जाखड़ को सीएम पद का बड़ा दावेदार माना जा रहा है और इन तीनों का संबंध भी मालवा क्षेत्र से ही है। इससे समझा जा सकता है कि अगले विधानसभा चुनाव के बाद भी मालवा क्षेत्र से जुड़े नेता के ही मुख्यमंत्री चुने जाने की पूरी संभावना है।

इन मुद्दों पर गरमाई राज्य की सियासत

पंजाब की सियासत में इन दिनों मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के करीबियों के यहां अवैध खनन के मामले में ईडी के छापों के बाद सियासत गरमाई हुई है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच इन छापों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

वैसे विधानसभा चुनावों में किसान आंदोलन की गूंज भी खूब सुनाई पड़ रही है। इसके साथ ही अवैध खनन, बेअदबी के मामले, बेरोजगारी और ड्रग्स कारोबार पर नकेल के मुद्दे भी छाए हुए हैं। सभी राजनीतिक दलों की ओर से किए जा रहे प्रचार में इन मुद्दों की गूंज सुनाई पड़ रही है।



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Vidushi Mishra

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