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Punjab Election 2022: कांग्रेस को महंगा पड़ सकता है चन्नी का भइया वाला बयान, राज्य की कई सीटों पर प्रवासी वोट बैंक का दबदबा

Punjab Election 2022: बयान पर सफाई पेश करते हुए कहा है कि यह बयान सिर्फ आम आदमी पार्टी वालों के लिए दिया।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Monika
Published on: 18 Feb 2022 9:58 AM IST
Punjab election results 2022: Charanjit SINGH Channi Resigns as punjab CHIEF MINISTER
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चरणजीत सिंह चन्नी (photo : social media ) 

Punjab Election 2022: पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने यूपी और बिहार वालों को भइया बताकर कांग्रेस (congress) के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। इस मामले में भाजपा (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) ने कांग्रेस (Congress) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हालांकि बयान पर विवाद पैदा होने के बाद चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने पलटी मार ली। उन्होंने अपने बयान (Charanjit Singh Channi Statement )पर सफाई पेश करते हुए कहा है कि मैंने यह बयान सिर्फ आम आदमी पार्टी वालों के लिए दिया था। यूपी और बिहार के लोगों से तो हमारा जन्मों का रिश्ता है। उन्होंने अपने बयान को तोड़ मरोड़ कर मीडिया में पेश किए जाने का भी आरोप लगाया है। भाजपा और आपके हमलों के बाद पार्टी के नेता प्रियंका गांधी की ओर से भी सफाई पेश की गई है कि चन्नी के बयान का गलत मतलब निकाला गया है।

सियासी जानकारों का मानना है कि चन्नी का यह बयान पंजाब में कांग्रेस के लिए बड़ा झटका देने वाला साबित हो सकता है। पंजाब में आठ विधानसभा सीटें ऐसी हैं जिन पर प्रवासी मतदाताओं का दबदबा है। इन सीटों के अलावा 12 और सीटें ऐसी हैं जहां प्रवासी मतदाता किसी भी प्रत्याशी की जीत या हार का बड़ा कारण बन सकते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि चन्नी की ओर से दिया गया बयान कांग्रेस के लिए सेल्फ गोल साबित हो सकता है।

बयान को भुनाने में जुटी भाजपा और आप

मुख्यमंत्री चन्नी की ओर से बयान दिए जाने के बाद जिस तरह भाजपा और आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश की है, वह कांग्रेस के लिए परेशानी बढ़ाने वाली है। पंजाब के विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस कड़े मुकाबले में फंसी हुई है और आप की ओर से कांग्रेस की तगड़ी घेराबंदी की गई है। मौजूदा सियासी हालात में आप कांग्रेस से ज्यादा मजबूत नजर आ रही है। ऐसे में चन्नी का बयान कांग्रेस के लिए महंगा साबित हो सकता है।

गुरुवार को पंजाब की सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह सहित अन्य भाजपा नेताओं ने चन्नी के बयान को जोरदार ढंग से उठाया। भाजपा का यह रुख अनायास नहीं था। इसके पीछे पार्टी की सोची समझी रणनीति है। पीएम मोदी ने तो चन्नी को याद दिलाया कि संत रविदास का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी और गुरु गोविंद सिंह का जन्म बिहार के पटना में हुआ था। भाजपा जानबूझकर इस मुद्दे को गरमाने की कोशिश में जुटी हुई है ताकि प्रवासी वोट बैंक को भुनाया जा सके।

भाजपा को मिल सकता है ज्यादा फायदा

पंजाब की सियासत की जानकारी रखने वालों का मानना है कि पंजाब में रहने वाले प्रवासी वोट बैंक का फायदा अभी तक कांग्रेस और भाजपा को ही मिलता रहा है। प्रवासी वोट बैंक का बड़ा हिस्सा इन दोनों दलों को ही मतदान करता रहा है। ऐसे में अगर भाजपा चन्नी के बयान के आधार पर प्रवासियों का समर्थन जीतने में कामयाब रही तो उसे राज्य की अनेक सीटों पर भारी फायदा हो सकता है। यही कारण है कि पार्टी ने इस मुद्दे को हाथों हाथ लिया है और लगातार इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला जा रहा है। मजे की बात यह है कि चन्नी ने यह बयान पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की मौजूदगी में दिया था और उनके बयान पर प्रियंका गांधी ने हंसते हुए खूब तालियां भी बजाई थीं।

इन सीटों पर प्रवासी निभाएंगे बड़ी भूमिका

पंजाब के इंडस्ट्री वाले इलाकों में प्रवासी वोट बैंक को बड़ी ताकत समझा जाता है। पंजाब के दो बड़े शहरों लुधियाना और जालंधर में यूपी और बिहार के रहने वाले लोग चुनाव में बड़ी भूमिका निभाते हैं। इन दोनों जिलों की तीन-तीन सीटों पर यूपी और बिहार के रहने वाले निर्णायक भूमिका में हैं। इसके साथ ही अमृतसर की दो सीटों पर भी यूपी और बिहार के मतदाताओं का ही दबदबा दिखता है।

पंजाब के इन तीन बड़े शहरों के अलावा पटियाला और बठिंडा समेत कुछ अन्य जिलों की 12 सीटों पर भी प्रवासी वोट बैंक की बड़ी ताकत है। ऐसे में इस वोट बैंक की नाराजगी कांग्रेस के लिए भारी पड़ सकती है।

बहुकोणीय मुकाबले में बयान से होगा नुकसान

इस बार के चुनाव में दूसरे प्रत्याशियों की बात तो दरकिनार बड़े-बड़े सियासी दिग्गज भी कड़े मुकाबले में फंस गए हैं। हर सीट पर बहुकोणीय मुकाबला होने के कारण इस बार हार-जीत का मार्जिन काफी कम होने की उम्मीद जताई जा रही है। चुनावी अखाड़े में कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी, अकाली दल व बसपा गठबंधन, भाजपा व कैप्टन अमरिंदर सिंह के गठबंधन के साथ ही संयुक्त समाज मोर्चा के प्रत्याशी भी किस्मत आजमाने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं।

ऐसे में कड़े मुकाबले वाली सीटों पर प्रवासी वोट बैंक की नाराजगी कांग्रेस के लिए भारी पड़ सकती है। यही कारण है कि चन्नी और प्रियंका गांधी की ओर से भइया वाले बयान पर सफाई पेश की गई है। अब यह देखने वाली बात होगी कि उनकी सफाई पर प्रवासी वोट बैंक कहां तक भरोसा करता है।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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