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Punjab Election 2022: किसानों ने जारी किया मेनिफेस्टो 'चुनाव इकरारनामा', पाकिस्तान के साथ व्यापार समेत कई वादे
Punjab Election 2022: किसान आंदोलन चलाने वाले पंजाब के 22 किसान संगठन संयुक्त समाज मोर्चा के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं। इसी क्रम में मंगलवार मोर्चे की तरफ से मेनिफेस्टो जारी किया गया है।
Punjab Election 2022: कृषि प्रधान राज्य पंजाब में चुनाव लड़ने वाले हर सियासी दलों के एजेंडे में किसान सबसे ऊपर होते हैं। इस बार भी पंजाब के तमाम सियासी जमात किसानों को लेकर बड़ी बड़ी वादे करते हुए नजर आ रहे हैं। इन सबके इतर पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Vidhan Sabha Chunav) में एक ऐसा मोर्चा भी उतरा हुआ है जिसमे केवल किसान बिरादरी के लोग ही शामिल हैं।
एक साल से अधिक तक किसान आंदोलन (Kisan Andolan) चलाने वाले पंजाब के 22 किसान संगठन संयुक्त समाज मोर्चा (Sanyukt Samaj Morcha) के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं। इसी क्रम में मंगलवार मोर्चे की तरफ से मेनिफेस्टो (Sanyukt Samaj Morcha Manifesto) जारी किया गया, जिसे किसान नेताओं द्वारा 'चुनाव इकरारनामा' (Chunav Ikrarnama) कहा जा रहा है। मेनिफेस्टो में कई ऐसी बातें हैं जो चर्चा का विषय बन गई है।
SSM का 'चुनाव इकरारनामा'
संयुक्त समाज मोर्चा (SSM) के मुखिया बलबीर सिंह राजेवाल (Balbir Singh Rajewal) ने आज चंडीगढ़ (Chandigarh) में मोर्चे का मेनिफेस्टो जारी किया। किसान केंद्रित मेनिफेस्टो में किसानों को लेकर कई वादे किए गए हैं।
- हर किसान परिवार की 25 हजार इनकम इंश्योर करने की योजना
- खाद्य प्रसंस्करण के लिए किसानों को 2 प्रतिशत ब्याज पर 5 लाख का लोन
- फसल नुकसान की कोआपरेटिव सोसाइटी के जरिए भरपाई
- राजस्व विभाग की सेवाएं किसानों को टाइम बाउंड तरीके से मिले
- समय पर कर्ज अदायगी करने वाले किसानों को ब्याजमुक्त कर्ज
- कोआपरेटिव सोसाइटी को मजबूत करने पर जोर
- किसानों को हर फसल पर मिलेगी एमएसपी
इसके अलावा किसानों ने अपने चुनाव इकरारनामे में पंजाब से गुजरने वाले सभी नेशनल हाईवे को टोल फ्री (Toll Free National Highway) करने का वादा किया है। इसके अलावा हुसैनीवाला औऱ वाघा बार्डर से पाकिस्तान और मध्य एशिया के साथ व्यापार शुरू करने की बात कही है। किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब में सक्रिय शराब, रेत औऱ परिवहन माफिया को खत्म किया जाएगा। महंगे बिजली के समझौतों को रद्द कर सस्ती बिजली खरीदी जाएगी।
विधानसभा में 75 प्रतिशत विधायकों की उपस्थिति जरूरी
किसान संगठनों ने कहा कि सरकार में आने पर पंजाब विधानसभा में 90 दिन होगा। 75 प्रतिशत विधायकों की उपस्थिति अनिवार्य की जाएगी। इसके अलावा एक हिसाब किताब कमीशन बनाने का ऐलान भी किया जो भ्रष्ट नेताओं औऱ नौकरशाहों की लूट की जांच करेगा। दोषी पाए जाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अन्य दलों के मेनिफेस्टो का उड़ाया मजाक
किसान नेताओं ने आप (AAP), कांग्रेस (Congress) औऱ अकाली (Akali Dal) गठबंधन के मेनिफेस्टो का मजाक उड़ाते हुए कहा कि इन्होंने ऐसे वादे किए जो पूरे करने के मुश्किल हैं। हमने ऐसा कोई वादा नहीं किया जिसे पूरा करना मुश्किल है। इन दलों के वादे पंजाब की आर्थिक स्थिति से मेल नहीं खाते। पंजाब पर पहले ही तीन लाख करोड़ का कर्जा है। बता दें कि पंजाब में आप, कांग्रेस ने महिलाओं को एक निश्चित रकम देने के वादे जैसे कई लोकलुभावन स्कीमों का वादा किया है।
बता दें कि पंजाब में 20 फरवरी को एक ही चरण में सभी 117 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। जबकि मतों की गिनती 10 मार्च को होगी। पंजाब में इसबार कई सीटों पर पंचकोणीय मुकाबला होने के आसार जताए जा रहे हैं।
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