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Punjab Elections 2022 :कुमार विश्वास का वीडियो आने के बाद बैकफुट पर आई आप

Punjab Elections 2022 : आप पार्टी के पूर्व नेता कुमार विश्वास का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसके बाद AAP बैकफुट पर आ गई है।

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Newstrack NetworkPublished By Ragini Sinha
Published on: 18 Feb 2022 4:12 AM GMT
Punjab Elections 2022 :कुमार विश्वास का वीडियो आने के बाद बैकफुट पर आई आप
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Punjab Election 2022 : पंजाब को जीतने के लिए सभी पार्टियां एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। वहीं, इस कड़ी में कवि और आप पार्टी के पूर्व नेता कुमार विश्वास का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसके बाद AAP बैकफुट पर आ गई है। इस वीडियो के सामने आने के बाद पार्टी ने कहा कि इससे सीएम अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने की साजिश रचाई जा रही है। वहीं, आप पार्टी की शिकायत के बाद अब चुनाव आयोग ने इस वीडियो के प्रसारण पर रोक लगा दी हैै। लेकिन फिर इस रोक को वापस ले लिया गया।

वीडियो प्रसारित पर लगाई गई रोक
बता दें कि राज्य के एडिशनल चीफ इलेक्टोरल अफसर ने एक पत्र में वीडियो का प्रसारण नहीं करने को कहा था, लेकिन इस आदेश को कुछ घंटों बाद ही वापस ले लिया गया पंजाब के चीफ इलेक्टोरल अफसर डॉक्टर एस करुणा राजू ने इस मामले में कहा कि लेटर गलती से जारी हो गया था।


केजरीवाल पर खालिस्तानी तत्वों के साथ साठगांठ का आरोप

दरअसल, कुमार विश्वास ने एक इंटरव्यू दिया था। उसी का एक हिस्सा ट्वीट कर दिया था, जो खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में विश्वास ने केजरीवाल पर खालिस्तानी तत्वों के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया है। उन्होने इसे भड़काऊ वीडियो और आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए इसके प्रसारित करने से रोक दिया है।
कुमार विश्वास और अरविंद केजरीवाल के रिश्ते
कुमार विश्वास और अरविंद केजरीवाल के बीच एक वक्त में परिवारिक मित्रता रही है। अरविंद अक्सर कुमार विश्वास को अपना छोटा भाई बताते थे। कुमार विश्वास भी अरविंद केजरीवाल के लिए सर्वस्व भाव से प्रचार किया करते थे लेकिन राजनीतिक परिस्थितियों ने आज कुमार विश्वास और अरविंद केजरीवाल के रिश्तों को दुश्मनी में बदल दिया है। अरविंद तो चुप रहते हैं लेकिन कुमार विश्वास तल्ख शब्दों का इस्तेमाल हमेशा करते रहते हैं। मसलन कई दफा अरविंद केजरीवाल के लिए आत्ममुग्ध बौना जैसे सतही शब्दों का इस्तेमाल कर देते हैं।


अरविंद बनाम विश्वास की लड़ाई का केंद्र बिंदु क्या है?

कुमार विश्वास कितनी भी सफाई दें लेकिन यह यथार्थ है कि उनका पूरा विरोध राज्यसभा की सीट ना मिलने के बाद सामने आया था। दिल्ली के पास तीन राज्यसभा सीटें हैं। 2015 के विधानसभा चुनाव में 67 सीटें जीतने वाली आम आदमी पार्टी इन तीनों सीटों पर अपने प्रत्याशी जिता सकती थी।
उस दौरान कुमार विश्वास, आशुतोष, आशीष खेतान जैसे पार्टी नेताओं का नाम तय माना जा रहा था, लेकिन जब टिकटों की घोषणा हुई तो 'आप' ने संजय सिंह, सुशील गुप्ता और नवीन गुप्ता के को उम्मीदवार बनाया था। कुमार विश्वास दो नामों पर खुश नहीं थे और मीडिया में मुखर होकर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बातें रखीं। इसके पहले कुमार विश्वास कई मौकों पर पार्टी के निर्णय से असंतुष्ट जरूर थे लेकिन इस तरीके से अरविंद केजरीवाल पर हमलावर नहीं होते थे।

Ragini Sinha

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