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Bhagwant Mann: धरनों का राज्य बनता जा रहा है पंजाब, आखिर CM भगवंत मान ने क्यों दिया ऐसा बयान
Bhagwant Mann: सीएम भगवंत मान ने कहा कि मेरी इन सब पर नरमाई को यह कतई न समझा जाए कि मैं एक्षन नहीं ले सकता।
Bhagwant Mann: पंजाब में अपनी मांगों को लेकर किसान लामबंद है। वहीं पुलिस की किसान नेताओं के घरों पर कार्रवाई जारी है। इन सब के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के लगातार धरना प्रदर्शन करने पर नाराजगी जतायी है। उन्होंने रोष जताते हुए चेतावनी भी दी है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि मेरी नरमी को गलत न समझा जाएगा। मैं एक्शन भी ले सकता हूं।
उन्होंने मंगलवार को एक बयान देते हुए कहा कि धीरे-धीरे पंजाब धरनों का राज्य बनता जा रहा है। इससे राज्य की इकोनॉमी पर भी असर पड़ रहा है। रेल रोको, सड़क रोको, कभी कुछ और रोको। सीएम भगवंत मान ने कहा कि मेरी इन सब पर नरमाई को यह कतई न समझा जाए कि मैं एक्शन नहीं ले सकता।
उन्होंने बेहद नाराजगी जताते हुए कहा कि जब मोर्चा ही लगाना है तो फिर किसानों ने मुझे लगभग ढ़ाई घंटों तक बैठक में क्यों बिठाए रखा। मैं किसानों से यह सवाल पूछता हूं। उन्हें पता होना चाहिए कि धरनों से पंजाब रूकेगा नहीं। यह चलता ही रहेगा। किसानों की सभी मांगे केंद्र से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि जब किसानों को मोर्चा ही करना है तो फिर चार घंटे तक बैठक क्यों करनी है। बातचीत करने के लिए कोई बंदो वाली बात ही नहीं है।
पंजाब पुलिस ने किसान नेताओं पर लिया एक्शन
पांच मार्च को चंडीगढ़ में पंजाब के किसान सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्षन करने की योजना बना रहे हैं। वहीं इस प्रदर्शन से पहले पुलिस ने कई किसान नेताओं के खिलाफ एक्शन लिया है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का दावा है कि कई संगठनों के 35 वरिष्ठ किसान नेताओं को पंजाब पुलिस ने हिरासत में ले लिया है या फिर नजरबंद किया गया है।
उल्लेखनीय है कि संयुक्त किसान मोर्चा के 40 नेताओं ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ तीन मार्च को मीटिंग की थी। लेकिन बैठक के दौरान सीएम भगवंत मान और किसानों के बीच बहस हो गयी थी और फिर सीएम वहां से उठकर चले गये थे। सीएम के इस कदम पर किसानों ने नाराजगी जतायी थी।
नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने जताया विरोध
पंजाब में पुलिस के किसानों को नजरबंद करने पर नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने नाराजगी जतायी है। उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए। वह शासन करने के योग्य नहीं हैं। पंजाब को मानसिक रूप से स्थिर योग्य नेता की जरूरत है।