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Punjab Breaking News: रंधावा होंगे पंजाब के नए CM, काँग्रेस कमेटी ने भेजा नाम

कभी अमरिंदर के करीबी रहे 62 वर्षीय सुखजिंदर सिंह रंधावा मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत की अगुआई कर रहे हैं। अमरिंदर जब 2007 और 2017 के बीच सत्ता से बाहर थे

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani LalPublished By Divyanshu Rao
Published on: 19 Sept 2021 3:30 PM IST (Updated on: 19 Sept 2021 4:10 PM IST)
Punjab Breaking News: रंधावा होंगे पंजाब के नए CM, काँग्रेस कमेटी ने भेजा नाम
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नई दिल्ली। अमरिंदर के करीबी रहे 62 वर्षीय सुखजिंदर सिंह रंधावा मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत की अगुआई कर रहे हैं। अमरिंदर जब 2007 और 2017 के बीच सत्ता से बाहर थे, तो रंधावा मजबूती से उनके साथ खड़े थे और मुख्यमंत्री और पार्टी आलाकमान के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बने हुए थे।

2017 में अमरिंदर जब मुख्यमंत्री बने तो रंधावा को अपने कैबिनेट में साल भर तक जगह नहीं दी। अमरिंदर ने 2018 में उन्हें जेल और सहकारिता विभाग का प्रभार दिया। यह रंधावा को कुछ खास पसंद नहीं आया। इसके बाद रंधावा ने मोर्चा खोल दिया। खासकर राज्य में नशीले पदार्थों की बढ़ती लत और शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं किये जाने को लेकर रंधावा ने आक्रामक रुख अपना लिया।

रंधावा पाकिस्तान की सीमा से लगे जिलों के सबसे वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं में से एक हैं। उनके पिता संतोख सिंह रंधावा 1985 में पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख थे। उन्हें सिख उग्रवादियों के साथ घनिष्ठ संबंध रखने के आरोपों के बाद हटा दिया गया था।

सुखजिंदर सिंह रंधावा की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

प्रताप सिंह बाजवा

राहुल गांधी ने कई राज्यों में अपनी पसंद के जिन नेताओं को कमान सौंपी थी। पंजाब से प्रताप सिंह बाजवा का नाम भी उनमें शामिल था। ये प्रताप सिंह बाजवा ही रहे जिनको 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले हटाकर कर कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब कांग्रेस का प्रधान बनाया गया था। हुआ यह था कि जब 2012 में दोबारा कांग्रेस विधानसभा चुनावों में हार गयी तो राहुल गांधी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाकर प्रताप सिंह बाजवा को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बना दिया था। लेकिन पांच साल के भीतर चुनावों से पहले ही जब कैप्टन अड़ गए तो बाजवा को हटा दिया गया था।

प्रताप सिंह बाजवा भी कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस की तरह से विरोध करने के मामले में आगे दिखायी देते रहे हैं। वे राहुल गांधी के करीबी हैं।



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Divyanshu Rao

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