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Harish Rawat Case: हरीश रावत प्रकरण में अब कैप्टन अमरिंदर की एंट्री, कांग्रेस नेता पर कसा तंज-जो बोओगे, वही काटोगे

Harish Rawat Case: पंजाब के मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के बाद जब कैप्टन ने कांग्रेस नेतृत्व पर हमला बोला था तो हरीश रावत उनको नसीहत देने की कोशिश में जुटे हुए थे। माना जा रहा है कि इसी कारण कैप्टन ने रावत पर तंज कसा है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shashi kant gautam
Published on: 22 Dec 2021 10:36 PM IST
Harish Rawat Case: Now Captain Amarinders entry in Harish Rawat case, you will reap what you sow
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कैप्टन अमरिंदर ने हरीश रावत पर कसा तंज: photo - social media

New Delhi: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former Chief Minister Harish Rawat) के पार्टी से नाराज होने के मामले में अब पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh, Former Chief Minister of Punjab) की भी एंट्री हो गई है। हरीश रावत की ओर से इस बाबत लगातार कई ट्वीट किए जाने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी करारा तंज कसा है। हरीश रावत पर व्यंग करते हुए कैप्टन ने कहा है कि जो बोओगे, वही काटोगे। इसके साथ ही उन्होंने भविष्य के लिए रावत को शुभकामनाएं भी दी हैं।

रावत प्रकरण (Rawat Case) में कैप्टन अमरिंदर सिंह की टिप्पणी को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पंजाब के मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के बाद जब कैप्टन ने कांग्रेस नेतृत्व पर हमला बोला था तो हरीश रावत उनको नसीहत देने की कोशिश में जुटे हुए थे। माना जा रहा है कि इसी कारण कैप्टन ने रावत पर तंज कसा है।

पंजाब के प्रभारी थे हरीश रावत

पंजाब में जिस समय कैप्टन और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (State Congress President Navjot Singh Sidhu)के बीच तनातनी का दौर चल रहा था उस समय हरीश रावत ही पंजाब कांग्रेस के प्रभारी थे। हालांकि उन्होंने दोनों नेताओं के बीच सुलह कराने की काफी कोशिश की मगर वे अपनी कोशिश में कामयाब नहीं हो पाए।

कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरीश रावत: photo - social media

कांग्रेस नेतृत्व की ओर से पार्टी विधायक दल की बैठक बुलाए जाने के फैसले से नाराज होकर कैप्टन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। बाद में उन्होंने राहुल और प्रियंका पर सीधा निशाना साधते हुए कहा था कि दोनों अभी तक सियासी नजरिए से परिपक्व नहीं हो सके हैं। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को खुद को अंधकार में रखने का आरोप भी लगाया था।

कैप्टन को दी थी नसीहत

कैप्टन की ओर से कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधने के बाद हरीश रावत भी इस प्रकरण में कूद पड़े थे और उन्होंने कैप्टन को याद दिलाया था कि कांग्रेस नेतृत्व की वजह से उन्हें सियासत में कितना बड़ा मुकाम हासिल हुआ है। उनका यह भी कहना था कि कांग्रेस नेतृत्व ने हर कदम पर कैप्टन को विश्वास में लेने की कोशिश की मगर ले नेतृत्व की ओर से तय की गई गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र को पूरा करने की दिशा में भी कोई बड़ा कदम नहीं उठाया। वैसे बाद में रावत को पंजाब के प्रभारी पद से हटा दिया गया था। यही कारण है कि अब मौका देख कर कैप्टन ने भी रावत पर बड़ा हमला बोला है और कहा है कि जो बोओगे, वही काटोगे।

कैप्टन और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू: photo - social media

राजनीति से ले सकते हैं संन्यास

इस बीच सियासी जानकारों का कहना है कि रावत पार्टी नेतृत्व से नाराज हैं और 5 जनवरी को कोई बड़ा सियासी एलान कर सकते हैं। हरीश रावत के करीबी सूत्रों का कहना है कि वे अपने सियासी भविष्य को लेकर मंथन करने में जुटे हैं और कोई बड़ा राजनीतिक फैसला कर सकते हैं। यह भी संभव है कि वे राजनीति से संन्यास लेने का एलान कर दें।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेतृत्व की ओर से अभी तक उत्तराखंड में रावत को सीएम चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट नहीं किया गया है। कुछ कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि रावत इसी वजह से नाराज हैं और पार्टी नेतृत्व पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी नाराजगी से पार्टी नेतृत्व भी दबाव में बताया जा रहा है।

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव का कहना है कि रावत पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और अभी उनकी नाराजगी के संबंध में उनसे कोई बातचीत नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि रावत से बातचीत के बाद ही असली तस्वीर साफ हो सकेगी।


रावत की नाराजगी से गतिविधियां हुईं तेज

वैसे रावत की ओर से पार्टी की पार्टी से नाराजगी की खबरें बाहर आने के बाद उत्तराखंड में सियासी गतिविधियां काफी तेज हो गई हैं। कांग्रेस नेताओं के बीच रावत की नाराजगी को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं। हर कोई उनकी नाराजगी का कारण जानना चाहता है मगर कांग्रेस नेता अभी खुलकर इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं। पार्टी नेतृत्व की ओर से भी अभी इस बाबत कोई बयान नहीं जारी किया गया है।

Shashi kant gautam

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