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Punjab politics: सिब्बल के बयान के बाद कांग्रेस में नया घमासान, गांधी परिवार के करीबी नेताओं ने खोला मोर्चा

Punjab politics: कांग्रेस की लंबी सेवा की याद दिलाते हुए कपिल सिब्बल ने कहा हमने कभी कांग्रेस के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Ragini Sinha
Published on: 30 Sept 2021 10:07 AM IST
congress protest after Kapil Sibal statement
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सिब्बल के बयान के बाद कांग्रेस में नया घमासान (social media)

Punjab politics: पंजाब (punjab) कांग्रेस (कांग्रेसमें संकट के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल (Former Union Minister kapil sibal) की ओर से पार्टी में अध्यक्ष के चुनाव की मांग उठाए जाने के बाद पार्टी में नया बवाल शुरू हो गया है। सिब्बल ने पंजाब में पैदा हुए सियासी संकट की ओर इशारा करते हुए कहा था कि जब पार्टी में कोई चुना हुआ अध्यक्ष ही नहीं है तो आखिर फैसले कौन ले रहा है? सिब्बल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Senior Congress leader Ghulam Nabi Azad) ने भी सिब्बल के सुर में सुर मिलाया है। उन्होंने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को चिट्ठी लिखकर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाने की मांग की है। सिब्बल और आजाद उन 23 वरिष्ठ नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव कराने की मांग की थी।

सिब्बल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद गांधी परिवार के करीबी कांग्रेस नेताओं ने सिब्बल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने सिब्बल पर तंज कसते हुए ट्वीट भी किया। यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सिब्बल के घर पर प्रदर्शन करने के साथ ही जमकर नारेबाजी भी की। कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने भी सिब्बल को पुराने दिनों की याद दिलाते हुए कहा कि सोनिया गांधी की वजह से ही वे केंद्र सरकार में मंत्री बने थे। इन बयानों के बाद अब यह तय माना जा रहा है कि गांधी परिवार के करीबी नेताओं और जी-23 से जुड़े नेताओं के बीच जल्द बड़ा घमासान छिड़ सकता है।

सिब्बल ने फिर उठाई चुनाव की मांग

मौजूदा समय में कांग्रेस नेतृत्व कई राज्यों में पैदा हुए संकट से जूझ रहा है। पंजाब के साथ ही राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी दो खेमों के बीच जबर्दस्त खींचतान चल रही है। इस बीच जी-23 से जुड़े मुखर सदस्य कपिल सिब्बल ने पार्टी में इलेक्टेड अध्यक्ष की बात उठाकर एक नया संकट खड़ा कर दिया है। सिब्बल ने बुधवार को कहा कि यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि कांग्रेस के पास कोई स्थायी अध्यक्ष नहीं है। हम लोगों ने पिछले साल अगस्त में अध्यक्ष के चुनाव की मांग उठाई थी मगर आज तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने इस बात वर्किंग कमेटी की अविलंब बैठक बुलाने की भी मांग की।

कांग्रेस की लंबी सेवा का किया जिक्र

उनका कहना था कि लंबे समय से पार्टी से जुड़े होने के कारण हम पार्टी को कमजोर होते नहीं देख सकते। हम लंबे समय से कांग्रेस में इलेक्टेड अध्यक्ष का इंतजार कर रहे हैं । मगर इंतजार करने की भी एक हद होती है। विभिन्न राज्यों में संकट बढ़ता जा रहा है और ऐसी स्थिति में कब तक इंतजार किया जाए। उन्होंने कांग्रेस की लंबी सेवा की याद दिलाते हुए यह भी कहा कि हमने कभी कांग्रेस के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया है। पंजाब संकट की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि जब पार्टी में कोई अध्यक्ष ही नहीं है तो फिर सारे फैसले आखिर कौन ले रहा है।

आजाद भी सिब्बल के समर्थन में उतरे

सियासी जानकारों का मानना है कि सिब्बल का यह बयान अप्रत्यक्ष रूप से गांधी परिवार पर ही हमला है क्योंकि पंजाब से जुड़े सारे फैसले सोनिया, राहुल और प्रियंका की ओर से ही लिए गए हैं। सिब्बल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने उनके सुर में सुर मिलाते हुए कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाने की मांग कर डाली। आजाद और सिब्बल उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने पिछले साल अगस्त में कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव कराने और संगठन को मजबूत बनाने के लिए ठोस उपाय करने की मांग की थी। कांग्रेस नेतृत्व के लिए जी-23 की अनदेखी करना भी आसान काम नहीं है क्योंकि इसमें सिब्बल और आजाद ही नहीं बल्कि पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं , जो समय-समय पर अपनी बेबाक राय रखते रहे हैं। सिब्बल ने इस ओर इशारा करते हुए यह भी कहा कि हम जी हजूर 23 नहीं है। इस ग्रुप में शामिल नेताओं में आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रेणुका चौधरी,शशि थरूर, संदीप दीक्षित और राज बब्बर जैसे वरिष्ठ नेता हैं।

यूथ कांग्रेस अध्यक्ष का तंज

सिब्बल का बयान आने के थोड़ी देर बाद ही गांधी परिवार के करीबी नेताओं ने जी-23 के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने सुनिए जी हजूर कहते हुए सिब्बल पर तंज कसा है। श्रीनिवास बीवी ने अपने ट्वीट में सिब्बल का नाम लिए बिना कहा कि पार्टी की अध्यक्ष और नेतृत्व वही है, जिन्होंने हमेशा आपको संसद पहुंचाया। पार्टी के अच्छे दौर में आपको मंत्री तक बनवाया। विपक्ष में रहने पर भी आपको राज्यसभा का सदस्य बनाया। अच्छे बुरे वक्त में आपको हमेशा जिम्मेदारियां सौंपी गई। इसके बाद उन्होंने संघर्षपूर्ण काल में सिब्बल की भूमिका पर सवाल उठा दिए हैं।

माकन ने भी बोला सिब्बल पर हमला

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने भी सिब्बल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि सिब्बल की कोई संगठनात्मक पृष्ठभूमि नहीं थी । मगर सोनिया गांधी की वजह से उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया। माकन ने कहा कि यह कहना गलत है कि पार्टी में किसी की अनदेखी की जा रही है। सच्चाई तो यह है कि पार्टी में हर किसी की बात सुनी जा रही है। सिब्बल और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं को उस संगठन को नीचा दिखाने का काम नहीं करना चाहिए जिसने उन्हें एक पहचान दी है।

सिब्बल के घर पर प्रदर्शन-नारेबाजी

सिब्बल के बयान के बाद यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सिब्बल के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचकर प्रदर्शन किया और राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगाए। ये कार्यकर्ता अपने हाथ में पोस्टर लिए हुए थे जिन पर लिखा था गेट वेल सून कपिल सिब्बल। कार्यकर्ताओं ने सिब्बल के खिलाफ नारेबाजी भी की। प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं की मांग थी कि सिब्बल को पार्टी छोड़ देनी चाहिए। कार्यकर्ताओं की शिकायत थी कि वे पार्टी को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं मगर सिब्बल पार्टी के खिलाफ ही बयान दे रहे हैं।

सियासी जानकारों का मानना है कि बुधवार को सिब्बल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अब जी 23 से जुड़े नेताओं और गांधी परिवार के करीबी नेताओं के बीच नया मोर्चा खुलता नजर आ रहा है। सिब्बल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद आजाद का खुलकर उनके समर्थन में आना। फिर गांधी परिवार के करीबी नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में दोनों खेमों के बीच घमासान और तेज हो सकता है। विभिन्न राज्यों में पार्टी नेताओं के बीच चल रहे झगड़े से परेशान कांग्रेस नेतृत्व के लिए यह घमासान नई मुसीबत पैदा करने वाला साबित होगा।

Ragini Sinha

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