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कैप्टन के प्रति बदला भाजपा का रुख, पार्टी नेताओं को रास आ रहा पूर्व सीएम का बागी तेवर
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कैप्टन की शान में कसीदे पढ़ते हुए कहा कि वे पूरी तरह राष्ट्रहित की बात कर रहे हैं।
पंजाब में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह का बागी तेवर भाजपा को खूब रास आ रहा है। हाल तक कैप्टन के खिलाफ हमलावर रुख अपनाने वाली पार्टी अब उनकी शान में कसीदे पढ़ने लगी है। इसे पार्टी के रुख में बदलाव का बड़ा संकेत माना जा रहा है। कैप्टन की ओर से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को राष्ट्र विरोधी बताए जाने को भी पार्टी बड़ा मुद्दा बनाने की तैयारी में जुट गई है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के कुछ समय पूर्व कैप्टन ने किसान नेताओं से हरियाणा और दिल्ली के बॉर्डर पर जाकर आंदोलन करने की बात कही थी। उनके इस बयान पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत अन्य पार्टी नेताओं ने तीखी आपत्ति जताते हुए उन्हें घेरा था । मगर अब पार्टी के सारे गिले-शिकवे इतनी जल्दी दूर हो गए हैं कि इस पर हैरानी जताई जा रही है।
खट्टर को भी कैप्टन से कोई शिकायत नहीं रह गई है और उनका कहना है कि किसान आंदोलन को लेकर कैप्टन की भूमिका पर अब वे भविष्य में कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। कैप्टन के बयान पर आपत्ति जताने वालों में खट्टर के अलावा हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज भी शामिल थे । मगर अब उनका भी रुख पूरी तरह बदल गया है।
कैप्टन को लज्जित करने का आरोप
दरअसल, भाजपा नेताओं का रुख अचानक नहीं बदला है। इसके पीछे पंजाब में लंबी सियासत का संकेत छिपा हुआ है। मुख्यमंत्री खट्टर का कहना है कि कांग्रेस हाईकमान ने जिस तरीके से कैप्टन को मुख्यमंत्री पद से हटाया, वह तरीका उचित नहीं था। भाजपा की ओर से भी राज्यों में नेतृत्व परिवर्तन किया जाता है ।.मगर जिस तरह कांग्रेस में कैप्टन को लज्जित किया गया वैसा भाजपा में नहीं किया जाता। खट्टर ने कहा कि अभी तक कैप्टन मुख्यमंत्री पद संभाल रहे थे। उस दौरान उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर कई तरह के बयान दिए थे। अब वे मुख्यमंत्री पद से हट चुके हैं। इसलिए किसान आंदोलन में उनकी भूमिका को लेकर अब कुछ कहने का कोई मतलब नहीं रह गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का रुख भी कैप्टन सरीखा ही है। कैप्टन की तरह वे भी पार्टी हाईकमान को नहीं सुहाते। इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी हरियाणा में कांग्रेस का संगठन नहीं खड़ा हो पाया जबकि भाजपा ने यह काम फटाफट कर डाला।
राष्ट्रहित की बात कर रहे कैप्टन
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कैप्टन की शान में कसीदे पढ़ते हुए कहा कि वे पूरी तरह राष्ट्रहित की बात कर रहे हैं , जबकि सिद्धू का कभी कोई भरोसा नहीं रहा। सिद्धू का पाकिस्तान प्रेम भी जगजाहिर रहा है। उनका कब किससे लिंक निकल आए, यह नहीं कहा जा सकता। कैप्टन के किसान संगठनों से हरियाणा और दिल्ली जाकर आंदोलन करने की अपील करने के समय राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने भी कैप्टन को घेरा था। उन्होंने सीधा आरोप लगाया था कि कैप्टन हरियाणा में अव्यवस्था पैदा करना चाहते हैं। वे राज्य की अर्थव्यवस्था पर चोट पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं । मगर अब अनिल विज का भी कैप्टन के संबंध में नजरिया पूरी तरह बदल चुका है। वे भी अब कैप्टन की सोच को राष्ट्रवादी बता रहे हैं।
पंजाब में नए समीकरण का संकेत
कैप्टन ने इन दिनों सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। हाल ही में उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अनुभवहीन बताते हुए कहा था का सलाहकार इन दोनों को गुमराह करने में जुटे हुए हैं। कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ कैप्टन की ये टिप्पणियां भाजपा को काफी रास आ रही है। पंजाब में विधानसभा चुनाव सिर पर है। चुनाव से पहले भाजपा नेताओं की कैप्टन के प्रति हमदर्दी एक नए सियासी समीकरण की ओर संकेत कर रही है।
भाजपा की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है । मगर भाजपा नेता बढ़-चढ़कर कैप्टन की तारीफ करने में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री के रूप में कैप्टन ने ही सबसे पहले नए कृषि कानूनों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित कराया था । मगर अब भाजपा की ओर से सारी बातें भुलाई जा चुकी हैं। हालांकि अभी तक कैप्टन ने भाजपा को लेकर कोई बयान नहीं दिया है। मगर भाजपा नेताओं का यह प्रेम पंजाब में नए समीकरण का बड़ा संकेत माना जा रहा है।