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Punjab Politics: सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देने कैप्टन पहुंचे दिल्ली, अमित शाह और नड्डा से करेंगे मुलाकात

Punjab Politics: दिल्ली यात्रा के दौरान कैप्टन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से सीट शेयरिंग पर चर्चा करेंगे।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Divyanshu Rao
Published on: 16 Dec 2021 4:17 PM GMT
Punjab Politics: सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देने कैप्टन पहुंचे दिल्ली, अमित शाह और नड्डा से करेंगे मुलाकात
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Punjab Politics: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देने के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं। पंजाब लोक कांग्रेस के गठन के बाद कैप्टन ने पंजाब में सियासी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। उन्होंने पहले ही भाजपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान कर रखा है। कैप्टन अगले तीन दिनों तक दिल्ली में डेरा डालकर दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देंगे।

दिल्ली यात्रा के दौरान कैप्टन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से सीट शेयरिंग पर चर्चा करेंगे। हालांकि इन दोनों वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात से पूर्व उनकी केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और पंजाब के भाजपा प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ बैठक होगी। शेखावत के साथ बैठक के दौरान सीटों के बंटवारे का ब्लू प्रिंट तैयार किए जाने की संभावना है।

70 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है भाजपा

कैप्टन ने पंजाब के विभिन्न जिलों में अपनी सियासी पार्टी पंजाब लोग कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा खड़ा करने का काम शुरू कर दिया है। हाल में कांग्रेस के कई नेताओं ने उनकी पार्टी में शामिल होने की घोषणा भी की है। माना जा रहा है कि चुनाव नजदीक आने पर कांग्रेस के कई और नेता भी कैप्टन की पार्टी का दामन थाम सकते हैं। कैप्टन सीट शेयरिंग को जल्द से जल्द अंतिम रूप देना चाहते हैं ताकि दोनों पार्टियां अपने-अपने क्षेत्रों में पूरी ताकत के साथ चुनाव मैदान में उतर सकें।

वैसे अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कैप्टन के मौजूदा दिल्ली दौरे में सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देना संभव हो पाएगा या नहीं। भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी पंजाब चुनाव में 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है जबकि कैप्टन की पार्टी के लिए 35 सीटों को छोड़ा जा सकता है। बाकी 12 सीटों पर सुखदेव सिंह ढींढसा की पार्टी के उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे जा सकते हैं।

कैप्टन अमरिंदर सिंह (फोटो:सोशल मीडिया)

कैप्टन ने इसलिए बढ़ाई सक्रियता

अब हर किसी की नजर कैप्टन की अमित शाह और नड्डा से होने वाली मुलाकात पर टिकी है। माना जा रहा है कि शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद ही सीटों के बंटवारे की अंतिम तस्वीर साफ हो सकेगी। कैप्टन के करीबी सूत्रों का कहना है कि चुनाव आयोग के पंजाब दौरे के बाद कैप्टन ने सक्रियता बढ़ा दी है।

कैप्टन के करीबी नेताओं का मानना है कि जनवरी के पहले या दूसरे हफ्ते में राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू होने की संभावना है। ऐसे में सीटों के बंटवारे को लेकर देरी करने से सियासी नुकसान उठाना पड़ सकता है। यही कारण है कि कैप्टन ने सीटों के बंटवारे को लेकर सक्रियता बढ़ा दी है ताकि जिस पार्टी के हिस्से में जो सीट जाए वहां पर पूरा जोर लगाया जा सके।

भाजपा का फोकस शहरी क्षेत्रों पर

कृषि कानूनों के मुद्दे पर अकाली दल के साथ गठबंधन टूटने के बाद भाजपा पंजाब में पूरी ताकत से चुनाव लड़ने का दम भर रही है। अकाली दल के साथ गठबंधन की स्थिति में भाजपा ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था मगर अब वह ज्यादा सीटों पर चुनाव मैदान में उतरना चाहती है। भाजपा को चुनाव के लिए गठबंधन साझीदार की तलाश है और दूसरी और कैप्टन भी भाजपा के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरना चाहते हैं। कैप्टन का राष्ट्रवादी रुख भी भाजपा को रास आ रहा है।

भाजपा का विशेष फोकस राज्य के शहरी क्षेत्रों पर है। कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद किसान आंदोलन तो खत्म हो चुका है मगर किसानों की नाराजगी अभी भी बरकरार है। देखने वाली बात यह होगी कि किसानों की नाराजगी का भाजपा और कैप्टन के गठबंधन को कितना नुकसान उठाना पड़ता है।

Divyanshu Rao

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