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Punjab Politics: सिद्धू और CM चन्नी के बीच बढ़ी तकरार, करतारपुर कॉरिडोर न ले जाने पर सियासी घमासान तेज

पंजाब सरकार की ओर से गृह मंत्रालय को भेजे गए नामों में सिद्धू का नाम पहले जत्थे में शामिल नहीं था।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Divyanshu Rao
Published on: 18 Nov 2021 2:31 PM GMT
Punjab Politics
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नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

Punjab Politics: करतारपुर कॉरिडोर पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में सियासी घमासान का बड़ा कारण बन गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (charanjit singh channi) और उनके कुछ करीबी मंत्रियों की करतारपुर यात्रा को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) काफी खफा है। जानकार सूत्रों के मुताबिक सिद्धू की नाराजगी का कारण यह है कि करतारपुर कॉरिडोर जाने वाले पहले जत्थे में उनका नाम शामिल नहीं था।

दरअसल पंजाब सरकार (Punjab Government) की ओर से गृह मंत्रालय को भेजे गए नामों में सिद्धू का नाम पहले जत्थे में शामिल नहीं था। इस कारण उन्हें पहले जत्थे के साथ जाने की अनुमति नहीं मिल सकी। इसे लेकर सिद्धू मुख्यमंत्री चन्नी से काफी नाराज हैं। सिद्धू के समर्थक भी पंजाब सरकार को घेरने में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री चन्नी की करतारपुर यात्रा राज्य में सियासी घमासान का बड़ा कारण बन गई है। सिद्धू और चन्नी के बीच वैसे ही तनातनी का दौर चलता रहा है और अब करतारपुर कॉरिडोर को लेकर दोनों के बीच नया सियासी तनाव पैदा हो गया है।

चन्नी ने 50 लोगों के साथ जाकर टेका मत्था

कोरोना महामारी की वजह से करतारपुर कॉरिडोर काफी दिनों से बंद था मगर अब इसे खोलने की अनुमति दे दी गई है। गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने करीबी मंत्रियों के साथ करतारपुर जाकर मत्था टेका था। मुख्यमंत्री चन्नी के जत्थे में करीब 50 लोग शामिल थे। इनमें उनके कई करीबी मंत्री और उनके परिवारीजनों का नाम शामिल था मगर सिद्धू पहले जत्थे के साथ करतारपुर नहीं जा सके। इसे लेकर सिद्धू काफी नाराज बताए जा रहे हैं।

गृह मंत्रालय को नहीं भेजा सिद्धू का नाम

जानकार सूत्रों का कहना है कि पंजाब सरकार की ओर से पहले जत्थे के लिए जिन नामों को गृह मंत्रालय के पास भेजा गया था, उनमें सिद्धू का नाम शामिल नहीं था। इस कारण उन्हें पहले जत्थे के साथ करतारपुर जाने की अनुमति नहीं मिल सकी। पंजाब सरकार की ओर से बुधवार को देर रात सिद्धू को इस बाबत जानकारी दी गई कि वे मुख्यमंत्री के साथ जाने वाले जत्थे में शामिल नहीं हो सकेंगे।

सिद्धू ने गुरुवार को पहले जत्थे के साथ करतारपुर जाने का जाने की पूरी तैयारी कर रखी थी। इसलिए उन्हें पंजाब सरकार की ओर से दी गई इस सूचना से करारा झटका लगा। वे इसे लेकर मुख्यमंत्री चन्नी से काफी नाराज बताए जा रहे हैं।


सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

सिद्धू के मीडिया सलाहकार का हमला

सिद्धू के समर्थकों ने इसे लेकर चन्नी सरकार पर हमले की शुरुआत भी कर दी है। सिद्धू के मीडिया सलाहकार का कहना है कि मुख्यमंत्री चन्नी जानबूझकर सिद्धू को अपने साथ करतारपुर नहीं ले गए। अगर सिद्धू पहले जत्थे के साथ करतारपुर गए होते तो सबका ध्यान मुख्यमंत्री को छोड़कर सिद्धू पर ही रहता। करतारपुर जाने वाले पहले जत्थे के हीरो सिद्धू ही होते और यही कारण था कि मुख्यमंत्री चन्नी ने जानबूझकर सिद्धू को पहले जत्थे में न ले जाने का फैसला किया।

सिद्धू के मीडिया सलाहकार की ओर से जारी किए गए इस बयान से पंजाब सरकार और प्रदेश कांग्रेस संगठन के बीच टकराव एक बार फिर उजागर हो गया है। हालांकि दोनों नेताओं के बीच अन्य मुद्दों पर भी समय-समय पर मतभेद उजागर होते रहे हैं मगर करतारपुर कॉरिडोर दोनों के बीच सियासी तनाव का नया कारण बन गया है।

चन्नी बोले-करतारपुर जाकर हो गया धन्य

मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (CM Charanjit Singh Channi) ने गुरुवार को पहले जत्थे में शामिल 50 लोगों के साथ करतारपुर कॉरिडोर की यात्रा की। इस यात्रा से लौटने के बाद उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि पाकिस्तान में श्री करतारपुर साहिब में मत्था टेक कर मैं धन्य हो गया हूं। चन्नी ने वहां पर अपने सहयोगियों के साथ लंगर भी छका।

शुक्रवार को डिप्टी सीएम सुखविंदर सिंह रंधावा (Deputy CM Sukhwinder Singh Randhawa) और कई अन्य मंत्री करतारपुर कॉरिडोर जाकर मत्था टेकेंगे। सिद्धू शुक्रवार को भी करतारपुर की यात्रा नहीं कर सकेंगे क्योंकि उन्हें शनिवार को गुरु पर्व के एक दिन बाद शनिवार को करतारपुर जाने की अनुमति मिली है।

माना जा रहा है कि सिद्धू इसे लेकर पार्टी हाईकमान से मुख्यमंत्री की शिकायत भी कर सकते हैं। पंजाब में विधानसभा चुनाव से पूर्व संगठन और सरकार के बीच पैदा हुई तकरार सियासी हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है।

Divyanshu Rao

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